Thursday 9 February 2017

क्या वादा किया है माया जी ने उलैमाओं से, क्या है बसपा की नीतियां...?

एस एम फ़रीद भारतीय
लेखक/सम्पादक
बहुजन समाज पार्टी क्या है किसके लिए है समझें...?
दल अध्यक्ष मायावती
महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र
संसदीय दल अध्यक्ष मायावती
नेता लोकसभा दारा सिंह
नेता राज्यसभा मायावती
गठन 1984
मुख्यालय 11, गुरुद्वारा रकाबगंज रोड,
नई दिल्ली - 110001
लोकसभा मे सीटों की संख्या 
0 / 543
राज्यसभा मे सीटों की संख्या 
14 / 245
राज्य विधानसभा में सीटों की संख्या उत्तर प्रदेश
80 / 403
विचारधारा दलितों को सशक्त तथा स्वाभिमानी बनाने पर केन्द्रीत, बौद्ध दर्शन
प्रकाशन आदिल जाफरी, मायायुग
जालस्थल http://www.bspindia.org/
भारत की राजनीति
राजनैतिक दल
चुनाव

अब सवाल यहीं से शुरू होता है ये पार्टी ब्राह्मण विरोधी होने का साफ़ ऐलान करती है, लेकिन आज महासचिव कौन है...? 
वोट मुस्लिमों का, सहारा मुस्लिमों का, पैसा मुस्लिमों का, मेहनत मुस्लिमों की ओर साथ भी मुस्लिमों का, लेकिन काम ओर ओहदे...?

बहुजन समाज पार्टी (अंग्रेजी: Bahujan Samaj Party) सार्वभौमिक न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के सर्वोच्च सिद्धांतों की सोच वाला, भारत का एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल है। इसका गठन मुख्यत: एक क्रांतिकारी सामाजिक और आर्थिक आंदोलन के रूप में काम करने के लिए किया गया है जो भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतन्त्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समानता दिलाने, उनमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढाने के लिए कार्य करती है जैसा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित है.
इसका गठन मुख्यत: भारतीय जाति व्यवस्था के अन्तर्गत सबसे नीचे माने जाने वाले बहुजन, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक शामिल हैं, ऐसे समाज का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया गया था, जिनकी जनसंख्या भारत देश में 85% है, दल का दर्शन बाबा साहेब अम्बेडकर के मानवतावादी बौद्ध दर्शन से प्रेरित है.
बसपा का गठन उच्च प्रोफ़ाइल वाले करिश्माई लोकप्रिय नेता कांशीराम द्वारा 14 अप्रैल 1984 में किया गया था। इस पार्टी का राजनीतिक प्रतीक (चुनाव चिन्ह) एक हाथी है। 13 वीं लोकसभा (1999-2004) में पार्टी के 14 सदस्य थे। 14 वीं लोक सभा में यह संख्या 17 और वर्तमान यानी 15 वीं लोक सभा में यह संख्या 21 है। बसपा का मुख्य आधार उत्तर प्रदेश है और पार्टी ने इस प्रदेश में कई बार अन्य पार्टियों के समर्थन से सरकार भी बनाई है। मायावती कई वर्षों से पार्टी की अध्यक्ष हैं.
बहुजन शब्द का इतिहास...? 
बहुजन शब्द तथागत बुद्ध के धर्मोपदेशों (त्रिपिटक) से लिया गया है, तथागत बुद्ध ने कहा था बहुजन हिताय बहुजन सुखाय उनका धर्म बहुत बड़े जन-समुदाय के हित और सुख के लिए है.

उ०प्र० में पूर्ण बहुमत...? 
11 मई 2007 को घोषित विधान सभा चुनाव परिणामों के पश्चात् उत्तर प्रदेश राज्य में 1991 से 15 वर्षों तक त्रिशंकु विधान सभा का परिणाम भुगतने के बाद भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य में स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर सत्ता में आयी। बसपा अध्यक्ष मायावती ने मुख्यमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश में अपने चौथा कार्यकाल शुरू करते हुए 13 मई 2007 को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 50 अन्य मन्त्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। बहुजन शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल गौतम बुध ने किया था.

पार्टी की उपलब्धियाँ...? 
2007 में उत्तर प्रदेश की जनता ने बसपा को पूर्ण बहुमत से सरकार बनाकर काम करने का मौका दिया, मुख्यमन्त्री मायावती ने कांशीराम एवं अनेकों दलित समाज सुधारकों (जिनका नाम इतिहास के पन्नो में दफ़न कर दिया गया था) को सम्मान देने के लिए उनके नाम पर बहुत से स्मारक, पार्क और विश्वविद्यालय खोले। इनसे न केवल इन महापुरषो का सम्मान हुआ बल्कि प्रदेश को एक नयी पहचान भी मिली। इनमे से "बुद्धा इन्टरनेशन सर्किट", गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल, रमा बाई अम्बेडकर मैदान, अम्बेडकर स्मारक, कांशीराम स्मारक, बालक और बालिका इन्टर कॉलेज अदि प्रमुख हैं। बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने राज्य में कुशल और प्रभावी प्रशासन दे कर एक मिशाल स्थापित की। बहुजन समाज पार्टी की सभी नीतियाँ "बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय" पर आधारित रहीं। परन्तु अपने सवर्ण विरोधाभाष के चलते जातिगत आधार पर ही बात करती है.

पार्टी का मिशन-2014 है : - 2014 के आम चुनावो में केंद्र में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाना तथा बहन मायावती को देश का प्रधानमन्त्री बनाना था। पर पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। इसलिए अभी ये मिशन 2019 में पूरा किया जायेगा...
बामसेफ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछडे व इन समुदायों के धर्मांतरित अल्‍पसंख्‍यकों के कर्मचारियों का अखिल भारतीय संगठन है। जो व्यवस्था भारत में व्याप्त गैरबराबरी को दूर कर बराबरी स्थापित करना चाहती है.
इसकी स्‍थापना 1973 में मान्‍यवर कांशीराम और डी.के. खरपडे ने की, कांशीराम ने दलितों को एकताबद्ध कर, अत्याचारों का प्रतिरोध करने तथा उन्हें समाज में न्यायोचित स्थान बनाने के लिये जोरदार ढंग से प्रेरित किया। आजकल यह संगठन 'मूलनिवासी बहुजन संघ' के नाम से जाना जाता है.
बीच में कमजोर पड गई बामसेफ को बाबासाहब अंबेडकर के जन्म दिन 14 अप्रैल को सन् 1978 में पुनः सशक्त बनाने का प्रयास किया गया। बामसेफ से कांशीराम ने दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में दलित कर्मचारियों का संगठन मजबूत बनाया। इसके पश्चात 6 दिसम्बर को डीएस 4 की स्थापना की.
कांशीराम ने नारा दिया ‘ठाकुर, ब्राह्मण, बनिया छोड़, बाकी सब हैं डी एस 4’। इसी क्रम में सन 1984 में बहुजन समाज पार्टी की स्थापना की गई। बाबरी मस्जिद ध्वंस के बाद सन 1993 में विधान सभा के चुनाव में बसपा और सपा गठबंधन ने 67 सीटें जीतीं। यह भारतीय राजनीति के इतिहास में किसी दलित बाहुल्य दल की जीती गईं सर्वाधिक सीटें थीं, पिछले दिनों बामसेफ व बहुजन समाज पार्टी के बीच मतभिन्‍नता दिखाई दी.
बामसेफ ब्राह्मणवाद को अपना मुख्‍य शत्रु मानते हुए महात्‍मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले और बाबासाहब अंबेडकर को अपना आदर्श पुरुष मानती है, बामसेफ के अनुसार समानताविरोधी शक्तियों से लडने के लिए सामाजिक बदलाव के आंदोलन में सक्रिय भागीदारी आवश्‍यक है, बामसेफ का विश्‍वास है कि सत्‍ताधारी जातियों और शोषित जातियों के स्‍पष्‍ट विभाजन को समझते हुए हमें बामसेफ के अंतर्गत शोषित जातियों को संगठित कर शोषण का प्रतिकार करना होगा.

No comments:

Post a Comment

अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !

हिंदू ख़तरे मैं है कहने और कहकर डराने वालों से सवाल...?

दुनियां के मुस्लिम देश में रहने वाले हिंदुओं की संख्या (करीब करीब कुछ इस तरहां है)  इंडोनेशिया- 44,80,000 , मलेशिया- 20,40,000 ,...