Saturday 22 December 2012

A 23-year-old girl with a moving bus I have 6 miscreants Rape


New Delhi: I arrived in Delhi the day after a 23- year old woman was brutalised on a bus – six men had raped her, sodomised her, and reportedly used a jack and iron rod to “teach her a lesson”, leaving her intestines so mangled they had to be removed. She and a man she was travelling with were beaten, stripped, and thrown out into the cold of the winter night.

Friday 21 December 2012

सो मैं निनानवे बेईमान फिर भी मेरा देश महान ?

कानून क्या कहता है और कानून को चलने वाले क्या कहते हैं ?
सवाल आज देश मैं एक सबसे बड़ा है के हमारे देश का कानून किसी भी घटना के लिए क्या कहता है और हमारे कानून के रखवाले क्या कहते और करते हैं ? दस दिन पहले एक बलात्कार की कोशिश को लेकर पुलिस के सिपाही के खिलाफ एक लड़की ने आवाज़ उठाई लेकिन वोह पुलिस और थानों को चक्कर लगते लगते थकने ही वाली थी के बरेली के जिला अधिकारी और मीडिया ने इस घटना को जब उठाया तो पुलिस के आला अधिकारीयों ने दोषी सिपाही को सिर्फ बर्खास्त करके आगे जाँच कर कार्रवाही करने की बात कही है ?

अब सवाल यह पैदा होता है हमारे देश का कानून इस बारे मैं वोह भी देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ऐसे कैस मैं क्या कहती है, देश की सबसे बड़ी अदालत का कहना है के ऐसे केस मैं लड़की या महिला का आवाज़ उठाना ही काफी है और

इंसान हमेशा ही गुस्से मैं अपने रस्ते से भटक जाते हैं ?


हम हमेशा ही अपनी आवाज़ को उठाते उठाते हुए उस रस्ते पर चल देते हैं जो रास्ता हमको सिर्फ परेशानी के सिवा कुछ नहीं देता और अक्सर ऐसे लोग उस घटना के शिकार हो जाते हैं जो किसी भी कीमत पर उसको पसंद नहीं करते ? हमेशा ही हमारे साथ ऐसा हुआ है ?
दिल्ली बलत्कार ने

हमारी आवाज़ दम क्यूँ तोड़ देती है ? हम अंजाम तक क्यूँ नहीं पहुँचते हैं ?


जिंदगी और मौत के बीच झूल रही 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा की हालत सफदरजंग अस्पताल में स्थिर
दिल्ली गंग रैप कैस ने तमाम देश को हिल कर रख दिया है समाचार चैनल हो अखबार हो या फिर हम लोग यानि इन्टरनेट की दुनियां चरों तरफ इस केस की ही चर्चा है महिला हो या पुरुष सब एक ही आवाज़ उठा रहे हैं के देश की राजधानी मैं ऐसा कांड क्यूँ ?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बुधवार देर रात सफदरजंग अस्पताल में जाकर पीडि़ता की स्वास्थ्य की जानकारी ली और इलाज के लिए अन्य बड़े अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम भी गठित कर दी हैइस कांड से देश के कानून पर भी लोगों की आवाज़ उठ रही है लेकिन क्या हकीकत मैं हमारा कानून इतना कमज़ोर है ? या फिर मज़बूत कानून के बावजूद इसको चलने वाले इसको कमज़ोर किये हुए हैं ?

तस्वीर खुद बोलती हैं / The picture speaks for itself


PART2: साल की बेहतरीन तस्वीरें, जिन्होंने किया रोने-हंसने और सोचने पर मजबूर
हाईवे के बीच में घर होना खतरे से खाली नहीं है. चीन के झेनजियांग प्रांत के वेनलिंग में एक योजना के तहत हाईवे का निर्माण हो रहा था. रास्ते की बीच में आने वाले सारे घर तोड़ दिए गए और मालिकों को मुआवजा दे दिया गया. लुओ (67 वर्षीय) नाम के बुजुर्ग ने अपना घर बेचने से मना कर दिया, क्योंकि उसे मुआवजे की रकम कम लगी बाद में सरकार ने उसके घर से मोड़ते हुए सड़क बनाई. कुछ दिनों बाद सरकार के ज्यादा दबाव से लुओ ने बढ़ा हुआ मुआवजा लेकर घर गिरवा दिया.

चुनाव आयोग बताये मुस्लिम लीग क्या है...?

चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि क्या मुस्लिमलीग कोई आतंकवादी पार्टी है और साहब इतिहास पढ़कर बोला करो व्हाटसऐप के ज्ञान ने दस साल राज करा दिया, ...