गोरखपुर- यूपी में अपराध पर लगाम कसने के लिए जिलों के आईजी, डीआईजी और एसएसपी भी अपने पुलिसकर्मियों की काउंसिलिंग कर रहे हैं और बेहतर छवि बनाने के लिए हेल्पलाइन सेवाओं को दुरुस्त किया जा रहा है, लेकिन गोरखपुर की एक घटना अधिकारियों की सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया, दरअसल, यहां मोटरसाइकिल पर सवार सिपाहियों ने एक व्यापारी से एक लाख रुपए लूट लिये, घटना के बाद शिकायत के आधार पर शाहपुर थाने में लुटेरे सिपाहियों की शिनाख्त के लिए पुलिसकर्मियों की परेड कराई गई.
लुधियाना से आए एक युवक के साथ हुई एक लाख 20 हजार रुपए की लूट के मामले मे पूरा डिपार्टमेंट बदनामी झेल रहा है, मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने जांच एसपी सिटी परेश पांडेय को सौंपी, इसी क्रम में एसपी ने शाहपुर थाने मे पीड़ित को बुलाकर सिपाहियों की पहचान कराई, पीड़ित युवक का आरोप है कि मोटरसाइकिल पर सवार सिपाहियों ने उसके साथ वारदात की, हालांकि, एसपी सिटी परेश पांडेय का कहना है कि व्यापारी से लूट के मामले में शाहपुर थाने के सिपाहियों से पूछताछ की गई, युवक के आरोप के आधार पर यह साफ है कि लूट करने वाले खाकी वर्दी में थे और उनके पास सरकारी रिवॉल्वर भी थी, थाने की फोर्स के अलावा जीआरपी और आरएएफ भी खाकी वर्दी पहनती है, पीड़ित युवक खाकी वर्दीधारी का चेहरा पहचानता है, पूरे मामले की जांच की जा रही है.
आम लोगों की परेशानी दूर के लिए जोर-शोर से लागू की गई बीट मोबाइल व्यवस्था के चलते खाकी का दबदबा बढ़ऩे का दावा किया जा रहा है, लेकिन इन पर लगातार कभी समझौते के नाम पर तो कभी कार्रवाई के नाम पर जबरन वसूली के आरोप लगने लगे हैं.
वैसे ये पहला मामला नहीं है पिछले दिनों गोरखपुर में ही खोराबार में तैनात दो सिपाहियों के खिलाफ रजही में रहने वाले एक परिवार ने एसएसपी से शिकायत की थी कि अपाचे के दो सिपाहियों ने उनके नाबालिग बेटे को बुरी तरह पीटा, उसे बचाने पहुंची बेटी के मुंह में सर्विस रिवॉल्वर लगाकर जान से मारने की धमकी दी, परिजनों का आरोप है कि सड़क पर पानी होने के कारण सिपाही की बाइक फिसल गई थी, उनका बेटा जब उन्हें बचाने पहुंचा तो पुलिसवालों ने उसे ही हादसे का जिम्मेदार ठहरा दिया, इस शिकायत पर आरोपी सिपाहियों के खिलाफ जांच की जा रही है.
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