Thursday 26 January 2017

कब मिलकर दिलसे ख़िदमत करेंगे हम मुल्क की कब...?

"मेरे मन की बात"
एस एम फ़रीद भारतीय
भारत माता की जय, सिर्फ़ कहने के लिए है या मानने के लिए भी...? 
आज उन सबके लिए बेहद शर्मनाक दिन है जो भारत को मां कहते हैं लेकिन मुल्क की अज़मत से खेलते भी हैं क्या उनको भारत को मां कहने का अधिकार है...?

नहीं मेरी निगाह मैं बिल्कुल भी अधिकार नहीं हैं, मगर
अफ़सोस ऐसे लोगों ने ना बस मुल्क को बल्कि मां के नाम को भी शर्मसार करने का काम किया है.
मुल्क को मां तो कहते हैं लेकिन चंद टुकड़ों की ख़ातिर मां कहने वाले मुल्क की अज़मत को शर्मसार करने के साथ दुनियां के सामने मुल्क ओर मुल्क के कानून का मज़ाक़ उड़ाते हैं.
आज मुझको फ़क्र है कि मैं मुल्क को मां तो नहीं कहता क्यूंकि मेरा मज़हब मुझको ऐसे किसी छलावे की इजाज़त नहीं देता जो सिर्फ़ अल्फ़ाज़ों के जाल मैं फंसाकर मुल्क को शर्मसार करे, बल्कि मुझको फ़क्र है कि मैं अपने मुल्क का बा इज़्ज़त ख़ादिम हुँ, मां कहकर मां की अज़मत को तार तार करने वाला नहीं.
हक़ीकत मैं जो भारत को मां का दर्जा सिर्फ़ ज़ुबान से देते हैं, काश वो मेरे मुल्क को मां ना कहकर मां या कोई ओर रिश्ता इस मुल्क से मानकर इसकी ख़िदमत दिल से करते तब मैं यक़ीन से कह सकता हुँ कि आज मेरा मुल्क हिन्दोस्तान किसी दूसरे मुल्क के इशारों पर नाचने के बजाये आज दुनियां को अपनी ताक़त ओर मौहब्बत का पैग़ाम देकर दुनियां को इज़्ज़त से जीना सिखा रहे होते...!
मगर अफ़सोस हमारे इस अज़ीम मुल्क मैं सब कुछ बस ज़ुबानी तौर पर मुल्क पर हुकुमत की ख़ातिर ओर एक दूसरे को धर्म ओर जातियों के नाम पर नीचा दिखाने के लिए किया जाता है, आज हमारे मुल्क को बाहरी लोगों के साथ मिलकर कुछ अपने खोखला करने पर तुले हैं, ना जाने कितनी बार हमारे मुल्क को लूटा जा चुका है ओर आज भी लूटने वाले लूटने ओर लुटवाने से बाज़ नहीं आ रहे.
सच मैं, मैं सोच सकता हुँ कि ईमानदारी के वक़्त मैं मेरा मुल्क कैसा रहा होगा...?
जब आज, बार बार हर रोज़ लुटने के बाद मेरा मुल्क इतना ख़ूब सूरत है...?
मैं बस यही सोचता हुँ कि वो दिन कब आयेगा जब मेरा मुल्क एक बार फिर दुनियां को सही राह ओर कामयाबी की तालीम देने वाला बनेगा, कब हम जाति धर्म ओर ऊंच नीच से बाहर आकर अपने मुल्क की अज़मत को एक होकर बहाल करने के लिए मिलकर काम करेंगे... 
ना जाने कौन सा दिन होगा वो दिन...? 
बस मुझको यक़ीन है आयेगा ज़रूर.

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