Wednesday 28 December 2011

ना दिल्ली ना मुंबई में दिखा अन्ना का जलवा ?

मुंबई/दिल्ली. गांधीवादी विचारक अण्णा हजारे का अनशन के पहले दिन मुंबई और दिल्ली में इस बार अगस्त में हुए रामलीला मैदान जैसे नजारे नहीं दिखे। मुंबई और दिल्ली दोनों ही स्थानों पर इस बार भीड़ अपेक्षा से बहुत कम रही।
...अनशन की शुरुआत में सुबह के वक्त तो एमएमआरडीए मैदान में बहुत कम लोग लोग थे, तो दोपहर बाद 5 हजार के आस-पास तक ही भीड़ पहुंच सकी। टीम अन्ना सदस्यों का कहना है कि अन्ना के साथ एमएमआरडीए मैदान में करीब 200 लोग अनशन पर बैठे हैं। हालांकि टीम के लोग कम भीड़ जुटने के कुछ चिंतित जरूर नजर आये, परंतु ऐसा होने के पीछे उन्होंने वजहें भी गिनाई है।
...बता दें कि खुफिया विभाग की चेतावनी के चलते अन्ना को फूल-प्रूफ सुरक्षा दी गई है। 2 हजार कांस्टेबल, 200 पुलिस उप-निरीक्षक, सीआरपीएफ की 6 टुकडिय़ां और रैपिड एक्शन फोर्स की तीन गाडिय़ां मैदान में तैनात की गई है। पुलिस को अनशन के पहले दिन 15 से 20 हजार की भीड़ उमडऩे की उम्मीद थी। परंतु दोपहर तक पुलिस की उम्मीद से कम भीड़ एमएमआरडीए मैदान में जमा हुई थी।
इसलिए नहीं जुटी भीड़ = मुंबई के एमएमआरडीए मैदान में अन्ना के तीन दिवसीय अनशन में कम भीड़ जुटने के अब कई कारण गिनाये जा रहे हैं। जिसमें पहला कारण नौकरीपेशा लोगों द्वारा अनशन के लिए छुट्टी न करना है। इसके अलावा मुंबईवासियों का इस वक्त मूड़ 31 दिसंबर और न्यू ईयर की पार्टी का होना भी माना जा रहा है। इसी तरह बड़ी संख्या में लोगों का क्रिसमस के कारण शहर से बाहर जाना भी कम भीड़ जुटने की एक वजह मानी जा रही है। इन सब वजहों के अलावा एक अतिमहत्वपूर्ण कारण मेलबर्न में आस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेला जा रहा मैच भी रहा है।
...दरअसल सुबह के वक्त पीच पर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी कर रहे थे। चूंकि महाराष्ट्र विशेषकर मुंबई में उनको पसंद करने वालों की संख्या लाखों में है। लिहाजा मुंबईवासियों ने अण्णा के अनशन में शामिल होने के बदले सुबह सचिन के महाशतक बनने की आस में टीवी के सामने जमे रहना ज्यादा पसंद किया।
दिल्ली में भी नहीं जुट सकी पहले जैसी भीड़
...मुंबई में चल रहे अन्ना के अनशन के साथ ही दिल्ली के रामलीला मैदान में भी अन्ना समर्थक अनशन पर बैठे थे। लेकिन इस बार दिल्ली में भी पहले जैसा जलवा नहीं रहा। सुबह भीड़ बेहद कम थी जो दोपहर में एक हजार के करीब तक पहुंची लेकिन फिर से कम होने लगी। दिल्ली में कार्यक्रम भी तय समय से एक घंटे से अधिक देरी से शुरु हुआ। दिल्ली में लोगों के न आने का कारण घने कोहरे और ठंड को माना जा रहा है।

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