प्रियदर्शन
मीडिया के सरोकारों को समझने की जरूरत ?
भारतीय प्रेस परिषद के नवनियुक्त अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने कहा है कि मीडिया पर अंकुश लगाने के लिए प्रेस परिषद के विस्तार और उसे ताकतवर बनाने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने मीडिया के व्यवहार और मीडियाकर्मियों के बौद्धिक स्तर को लेकर भी अपनी राय जाहिर की है। इसे लेकर संपादकों की जमात बेहद नाराज है। काटजू ने मीडिया के व्यवहार से जुड़े कुछ तथ्य पेश किए हैं। इन्हीं तथ्यों के आधार पर उन्होंने परिषद को ताकतवर बनाने की मांग की है। मीडिया के मालिक और संपादक उन तथ्यों को लेकर खामोश हैं।
काटजू ने मीडिया के सामाजिक सरोकार से विचलन और उसके सांप्रदायिक चरित्र पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने उदाहरण के रूप में देश भर में अब तक हुए बम विस्फोटों की खबरों को लेकर मीडिया के रुख पर सवाल खड़े किए हैं। ‘देश भर में जहां कहीं बम विस्फोट की घटनाएं होती हैं, फौरन चैनल उनमें इंडियन मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद, हरकत उल-अंसार जैसे संगठनों का हाथ होने या किसी मुसलिम नाम से इ-मेल या एसएमएस आने की खबरें चलाने लगते हैं। इस तरह चैनल यह जाहिर करने की कोशिश करते रहे हैं कि सभी मुसलमान आतंकवादी या बम फेंकने वाले हैं। इसी तरह मीडिया जानबूझ कर लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने का काम करता रहा है। ऐसी कोशिशें राष्ट्रविरोधी हैं।’
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