Tuesday 17 January 2012

 बाबरी कांड महज एक घटना : सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अयोध्या का बाबरी कांड सिर्फ एक घटना है और इसके बारे में कुछ भी प्रख्यात या कुख्यात नहीं है। बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे और 18 अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला चलाने के लिए दायर सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 मार्च की
तारीख तय की। अदालत ने यह टिप्पणी अडिशनल सॉलिसिटर जनरल की बात पर की। उन्होंने कार्यवाही की शुरुआत में कहा कि मामला 'मशहूर' बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले से संबंधित है। इस पर जस्टिस एच. एल. दत्तू और जस्टिस सी. के. प्रसाद की बेंच ने कहा कि इसके बारे में क्या मशहूर है ? यह एक घटना थी जो घटी और सभी पक्ष हमारे सामने हैं। यह प्रख्यात या कुख्यात नहीं है। बेंच के समक्ष कार्यवाही नहीं हुई क्योंकि यह बताया गया कि मामले के कुछ पक्षों ने अपना जवाब दाखिल नहीं किया है। इसके बाद सुनवाई 27 मार्च तक स्थगित कर दी गई।
  अदालत ने इन सभी को अपना जवाब दाखिल करने को कहा है कि बाबरी कांड के सिलसिले में उनके खिलाफ आपराधिक साजिश के मामले क्यों नहीं फिर से शुरू किए जाएं। सीबीआई ने 21 मई 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने विशेष अदालत के इस फैसले को बहाल रखा था कि इन नेताओं के खिलाफ आरोप खारिज कर दिए जाएं।
बाबरी कांड महज एक घटना : सुप्रीम कोर्ट ? इस देश का मुस्लिम देश की सरकार और कानून पर पूरा भरोसा करता है और हमेशा ही करता रहेगा, लेकिन यह बयान देकर देश की सबसे बड़ी अदालत ने मुस्लिम ही नहीं इस देश के हर उस इन्सान को दर्द दिया है जो इस देश की इज्ज़त और मुहब्बत करते हैं, जब अदालत ही ऐसी बयां बाज़ी करने लगेगी तो फिर इस देश का क्या होगा ? मुस्लिम हर रोज़ अल्लाह से एक वादा करता है दुआए कुनूत मैं, ( वानाश्कुरुका वालानाग्फुरुका वान्ख्लाऊ वानातुरुका ) ऐ अल्लाह मैं तेरा शुक्रया अदा करता हूँ, नाशुक्री नहीं करता और वादा करता हूँ जो तेरी नाफ़रमानी करते हैं उनसे वास्ता हमेशा के लिए ख़त्म कर लूँगा ? इस दुआ पर कितने लोग अम्ल करते हैं और जब नहीं करते तो दोस्ती मैं यह तो होना ही है.


किन पर है आरोप 
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष 4 मार्च को 21 लोगों को नोटिस जारी किया था जिसमें आडवाणी, ठाकरे, कल्याण सिंह, उमा भारती, सतीश प्रधान, सी. आर. बंसल, एम. एम. जोशी, विनय कटियार, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, साध्वी ऋतंभरा, वी. एच. डालमिया, महंत अवैद्यनाथ, आर. वी. वेदांती, परमहंस रामचंद दास, जगदीश मुनि महाराज, बी. एल. शर्मा, नृत्य गोपाल दास, धरम दास, सतीश नागर और मोरेश्वर सावे शामिल हैं।

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