Saturday, 25 February 2012

ठेला खंचने वाला आज है - अरबपति


वर्ष 1971 में जो शख्स मुंबई की सड़कों पर ठेले घसीट कर अपना गुजारा करता था वो अरब पति कैसे बन गया। पेश है कृपाशंकर सिंह की कहानी- कृपाशंकर सिंह जब दिसंबर 1971 में जौनपुर के सहोदरपुर गांव से मुंबई पहुंचे तब उनके पास न तो सिर छुपाने के लिए खुद को घर था और न ही रोजी रोटी के लिए कोई पुख्ता रोजगार। वे सब्जी बेचनेवालों को ठेले पर आलू, प्याज़ वगैरह लाद कर
पहुंचते थे। दिनभर सड़क पर ठेला खींचने के बाद जो पैसे मिलते उसी से इनका पेट भरता। कुछ दिनों बाद यह रोशे इंडिया लिमिटेड नाम की कंपनी में बतौर मजदूर काम करने लगे.
इस बीच इनकी जान पहचान कांग्रेस के कुछ छुटभैए नेताओं से हो गई और वे राजनीतिक गतिविधियों में दिलचस्पी दिखाने लगे, कृपाशंकर को सियासत में पहली बड़ी क़ामयाबी मिली 1988 में जब वे महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के संगठन सचिव नियुक्त हुए। इसके बाद लगातार राजनीति में इनकी तरक्की होती गई.
कृपाशंकर सिंह को महाराष्ट्र कांग्रेस का जनरल सेक्रेटरी बनाया गया और 1994 में विधान परिषद के लिए इनका नामांकन हुआ। 1999, 2004 और 2009 में महाराष्ट्र का विधान सभा चुनाव भी लड़ा और हर बार जीते। 1999 की कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार में कृपाशंकर को महाराष्ट्र का गृहराज्यमंत्री बनाया गया। महाराष्ट्र की कांग्रेस पार्टी में कृपाशंकर एक दबंग उत्तर भारतीय नेता के रूप में उभरे.
कृपाशंकर सिंह का सियासी सफर जिस रफ्तार से चल रहा था उसने कइयों को चौंकाया। जानकारों के मुताबिक कृपाशंकर की कामियाबी का एक फार्मूला जो सभी को पता था वो था हमेशा सत्ताधारी लोगों के करीब रहना। कांग्रेस में कृपाशंकर ने गांधी परिवार और इस परिवार के करीबी बड़े कांग्रेसी नेताओं के बीच अच्छी पैठ बना रखी थी.
सियासी हलकों में माना जाता था कि कृपाशंकर सिंह कांग्रेस आलाकमान और महाराष्ट्र के कांग्रेसी नेताओं के बीच पुल का काम करते थे। विलासराव देशमुख जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने तो कृपाशंकर सिंह उनके सबसे खास लोगों में से एक माने जाते थे। हमेशा उन्हीं के साथ दिखते थे, लेकिन जैसे ही विलासराव से कुर्सी छिनकर सुशीलकुमार शिंदे के पास गई, कृपाशंकर सिंह, विलास राव से अलग होकर शिंदे के खास बन गए।
एक ओर जहां कृपाशंकर सिंह का सियासी कद बढ रहा था तो वहीं दूसरी ओर उनकी संपत्ति भी बढ़ती ही जा रही थी। 1971 में जो शख्स बमुश्किल दो वक्त की रोटी जुटा पाता था वो 2011 तक अरबों में कैसे खेलने लगा. 30 साल के भीतर उसे कौनसी जादुई छडी मिल गई ?

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