अजमेर.सेक्स शक्ति बढ़ाने के लिए बाजारों में बिक रहे आयुर्वेद कैप्सूलों में एक अनोखा घपला सामने आया है। आयुर्वेद के नाम से बेची जा रही दवाओं में एलोपैथिक वियाग्रा की मिलावट पाई गई है। इन दवाओं में बताई गई रजत और स्वर्ण भस्म का
अंश तक नहीं पाया गया।
जबकि ये आयुर्वेदिक दवाएं रजत व स्वर्ण भस्म युक्त होने का दावा कर बेची जा रही थीं। आयुर्वेद विभाग ने उदयपुर, बांसवाड़ा और राजसमंद जिलों से दवाओं के नमूने जांच के लिए जब्त किए थे। एक नमूना राजसमंद के कांकरोली से भी लिया गया था। विभाग पुलिस में मुकदमा दर्ज करा रहा है।
जानकारी के मुताबिक आयुर्वेद महकमे के ड्रग इंसपेक्टर ने रुटीन चैकिंग के दौरान गत वर्ष मई व जून माह में उदयपुर, बांसवाड़ा व राजसमंद जिले के आयुर्वेद स्टोर से आयुर्विट फोर्ट कैप्सूल, गोल्ड-50, गोल्डेक्स कैप्सूल व हाईपावर मूसली कैप्सूल के सेंपल लिए थे। इन्हें जांच के लिए राजकीय विश्लेषक औषधि परीक्षण प्रयोगशाला जयपुर भिजवाया गया था। विभाग को हाल ही में जांच रिपोर्ट मिली है। जिससे इन कैप्सूलों की पोल खुल गई। जांच में इन कैप्सूलों में मिलावट ही सामने नहीं आई बल्कि ये नकली भी निकले हैं।
गोल्ड- 50 कैप्सूल में गोल्ड भस्म ही नहीं मिली वहीं गोल्डेक्स कैप्सूल व आयुर्विट फोर्ट कैप्सूल में भी स्वर्ण भस्म की मात्रा नहीं निकली। वहीं हाईपावर मूसली कैप्सूल में रजत भस्म होनी चाहिए लेकिन इसकी मात्रा नहीं पाई गई। इतना ही नहीं, गोल्डेक्स कैप्सूल, आयुर्विट फोर्ट कैप्सूल व हाईपावर मूसली कैप्सूल में एलोपैथी केमिकल सिल्डानाफिल साइट्रेट (वियाग्रा) की भी मिलावट पाई गई।
इन तीन जिलों में ही नहीं बल्कि अजमेर समेत प्रदेश के सभी बड़े शहरों में यह सेक्सवर्धक कैप्सूल बिक रहे हैं। आयुर्वेद कैप्सूल होने के कारण किसी तरह का साइड इफेक्ट ना होने की बात कहकर दुकानदार इन्हें धड़ल्ले से बेचकर दाम कमा रहे हैं। विशेषतौर पर देश की युवा पीढ़ी की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
यहां से लिए सेंपल, निर्माता कहां के ? 1. हाईपावर मूसली कैप्सूल, दुकान का नाम- महावीर मेडिकल एंड आयुर्वेदिक स्टोर, बांसवाड़ा।
निर्माता- आरईपीएल पटना(बिहार)- 2. आयुर्विट फोर्ट कैप्सूल दुकान का नाम- बालाजी मेडिकल, कांकरोली (राजसमंद)।
निर्माता- आयुष रिसर्च फार्मा, हरियाणा- 3. गोल्ड-50 , दुकान का नाम- कारवां मेडिकल स्टोर उदयपुर।
निर्माता- जी. लेबोरेटरी लि.करनाल(हरियाणा)- 4. गोल्डेक्स कैप्सूल, दुकान का नाम- केवल आयुर्वेदिक स्टोर, उदयपुर।
निर्माता- ऊंझा फार्मेसी, ऊंझा(गुजरात)अब आगे क्या ? दवा के निर्माता, वितरक व आयुर्वेद स्टोर के इन चारों दुकानदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। विभाग ने इस मामले में कार्रवाई प्रारंभ भी कर दी है। इसके अलावा प्रदेश में सेक्सवर्धक के नाम से बेचे जा रहे ऐसे कैप्सूलों व दवाओं की जांच की जाएगी।
लाइसेंस निलंबन की होगी कार्रवाई :- सेक्स वर्धक कैप्सूल बनाने वाली कंपनियां राजस्थान से बाहर की हैं, ऐसे में इनके ड्रग लाइसेंस यहां से निलंबित नहीं किए जा सकते। लाइसेंस निलंबित करने के लिए वहां की सरकार को सूचना दी जाएगी। वह अपने सतर पर ही लाइसेंस निलंबित या और कोई अन्य कार्रवाई करेगी।
सेक्स शक्ति को बढ़ाने का दम भरने वाले इन कैप्सूल के सेंपल मेरे द्वारा ही लिए गए थे। सरकार की जयपुर स्थित प्रयोगशाला में इनकी जांच कराई गई थी। जांच रिपोर्ट मिल गई है। जांच में कैप्सूल नकली व मिलावटी पाए गए हैं। जिन कैप्सूल में स्वर्ण व रजत भस्म होने चाहिए थे, उनमें ना रजत और ना स्वर्ण भस्म ही मिली। कैप्सूल बेचने वाले दुकानदार, वितरक व निर्माताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
आरपी सोमानी, ड्रग इंस्पेक्टर, आयुर्वेद विभाग
"सेक्सवर्धक कैप्सूल के सेंपल लिए गए थे। प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट अभी मेरे समक्ष पेश नहीं की गई है। रिपोर्ट में अगर कैप्सूल में वियाग्रा की मिलावट पाई गई है और रजत व स्वर्ण भस्म की मात्रा नहीं मिली है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।"
हनुमान सिंह भाटी, निदेशक, आयुर्वेद
एक्सपर्ट व्यू
आयुर्वेद की दवा या कैप्सूल में किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होने का दावा गलत है। विज्ञापनों के आधार पर ना तो सेक्सवर्धक कैप्सूल लेने चाहिए और ना ही और कोई दवा इस्तेमाल करनी चाहिए। इससे दूसरे लक्षण होने के आसार होते हैं। सेक्स बढ़ाने के चक्कर में युवा या अन्य व्यक्ति तरह-तरह की दवाएं लेकर स्वास्थ्य को बिगाड़ लेते हैं। ऐसे लोगों को चिकित्सक की राय के बिना कोई दवा ही नहीं लेनी चाहिए। किसी कैप्सूल में अगर सोने या चांदी की भस्म होने का क्लेम किया गया है तो वह उसमें होना ही चाहिए। जहां तक वियाग्रा की बात है, इसे अभी तक आयुर्वेद की परिभाषा में नहीं लिया गया है।
डॉ. कनकप्रसाद व्यास, पूर्व निदेशक, आयुर्वेद
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