गुजरात के ऊना सरकारी अस्पताल की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है, इसमें अस्पताल के सर्जन ने महिला का ऑपरेशन कर उसे भारी-भरकम गांठ से तो मुक्ति दिला दी किन्तु एक कैंची पेट में भूल गए, वाकया तीन साल पुराना है, पेट में लगातार दर्द रहने की वजह से हाल ही में एक्स-रे करवाने पर पेट में कैंची होने की बात पता चली...
भांडा फूटने के बाद अब अस्पताल पीड़िता भनीबहन अरजणभाई वंश का दूसरा ऑपरेशन करने की तैयारी कर रहा है, अस्पताल के पार्ट-टाइम सर्जन डॉ. दिव्येश सोलंकी ने महिला के पेट में कैंची होने की बात स्वीकार की है, उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर रोगी को अन्य स्थान पर रेफर भी किया जा सकता है.
अहमदाबाद में प्रैक्टिस कर रहा है डॉक्टर:- तीन साल पहले इसी अस्पताल में सर्जन डॉ. वाय. वाय बलोच ने ऑपरेशन कर भनीबहन के पेट से 10 किलो 600ग्राम की गांठ निकाली थी, ऑपरेशन के दौरान वे छह इंच की कैंची रोगी के पेट में ही भूल गए, डॉ. बलोच अभी अहमदाबाद में निजी स्तर पर प्रैक्टिस कर रहे हैं.
रोगी का जीवित रहना चमत्कारघ् भनीबहन का एक्स-रे कर पेट में कैंची होने का खुलासा करने वाले ऑथोपैडिक सर्जन डॉ. निमावत कहते हैं कि किसी रोगी के पेट में सर्जिकल आर्टरी (कैंची) रह जाए और वह तीन-तीन साल तक जीवित रहे, यह एक चमत्कार ही है, मैंने अपने जीवन में ऐसा पहला मामला देखा है.
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