Saturday, 25 February 2012

एक शख्स की मौत लेकिन अंतिम संस्कार दो बार..जानिए आखिर क्यों...?

अरविंद गोंडलिया, सूरत। शहर में बुधवार को एक ऐसा वाक्या हुआ, जो पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहा। मामला था इस्लाम धर्म अपनाने वाले एक हिंदु युवक की मौत का ...

 जिसके अंतिम संस्कार के लिए दोनों परिवार आमने-सामने आ गए, मुस्लिम परिवार युवक को दफनाना चाहता था, जबकि हिंदू परिवार हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार उसका दाह-संस्कार करना चाहता था, दरअसल हिंदु परिवार में जन्मे भरतभाई ने एक मुस्लिम लड़की से प्रेम विवाह करने के लिए धर्म परिवर्तन कर लिया था, धर्म परिवर्तन के बाद भरत का नाम बदलकर अब शिराज था, मृत्यु के बाद यही विवाद की वजह बन गया.
 बीते बुधवार को शिराज की अचानक मृत्यु हो गई, उसकी मृत्यु की खबर पाते ही दोनों परिवार अस्पताल पहुंच गए और यहीं से उसके अंतिम संस्कार को लेकर हंगामा शुरू हो गया, शिराज के ससुराल वाले उसे दफनाना चाहते थे, जबकि उसके माता-पिता उसका दाह संस्कार करना चाहते थे, आपसी सुलह न हो पाने के कारण मामला पुलिस तक पहुंच गया, पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए दोनों परिवारों को शांतिपूर्वक समझाया और एक अलग ही रास्ता खोज निकाला.
 पुलिस का सुझाव था कि पहले हिंदू माता-पिता अपने बेटे के अंतिम संस्कार की सारी क्रियाएं कर लें और उसके बाद शिराज की मृतदेह उसके मुस्लिम बेटे को सौंप दिया जाए, इस सुझाव पर दोनों परिवार राजी हो गया और इस तरह हिंदू मा-बाप ने शिराज को गंगाजल दिया तो शिराज के बेटे ने उसे मिट्टी दी ...

No comments:

Post a Comment

अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !

सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...