कश्मीर का हिस्सा चीन को देगा पाकिस्तान ?
वाशिंगटन. पाकिस्तान कश्मीर के विवादास्पद गिलगिट बाल्टिस्तान क्षेत्र को 50 साल के लिए चीन को लीज पर देने पर विचार कर रहा है। अमेरिका के साथ चल रहे तनाव के बीच चीन से अपने रिश्ते और मजबूत करने के लिए वह यह कदम उठा रहा है। अमेरिका के प्रतिष्ठित थिंक टैंक मिडल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है।
रिपोर्ट में ऐसा गिलगिट बाल्टिस्तान के उर्दू अखबार में प्रकाशित खबरों के आधार पर कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, गिलगिट बाल्टिस्तान के लिए पाक-चीन सामरिक कार्यक्रम का यह फैसला संभवत: इस साल जनवरी में सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी की चीन यात्रा के दौरान लिया गया।
उर्दू अखबार 'रोजनामा बंग-ए-सहर' में प्रकाशित खबर में कहा गया कि पाकिस्तान में बिगड़ते हालात और अमेरिका से तनावपूर्ण रिश्तों के चलते गिलगिट बाल्टिस्तान को 50 सालों के लिए चीन को लीज पर देने पर विचार शुरू हो गया है। यह अखबार गिलगिट बाल्टिस्तान में 13 दिसंबर को वितरित हुआ था।
अखबार के अनुसार चीन के एक थिंक टैंक ने भी इस कदम को हरी झंडी दे दी है। चीन और पाकिस्तान के थिंक टैंकों ने गिलगिट बाल्टिस्तान को चीन को लीज पर देने पर विचार शुरू कर दिया है।
अमेरिकी थिंक टैंक ने कहा कि पाकिस्तान सेना प्रमुख की पांच दिवसीय चीन यात्रा के मद्देनजर रोजनामा बंग-ए-सहर की यह खबर महत्वपूर्ण हो जाती है। बीजिंग में चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ के साथ बैठक में जनरल कयानी ने कहा था कि चीन-पाकिस्तान सामरिक साझेदारी दोनों देशों की नीतियों में महत्वपूर्ण है। चीनी प्रधानमंत्री का कहना था कि चीनी सरकार और सेना दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करना और ज्यादा से ज्यादा सैन्य आदान प्रदान जारी रखेगी।
थिंक टैंक ने कहा कि पाकिस्तानी और चीनी सेना गिलगिट-बाल्टिस्तान के संयुक्त सैन्य प्रबंधन की दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। विकास परियोजनाओं का करेंगे बहाना रिपोर्ट के मुताबिक, चीन विकास परियोजनाओं के नाम पर गिलगिट बाल्टिस्तान में काम शुरू करेगा और फिर धीरे-धीरे इस क्षेत्र का नियंत्रण अपने हाथ में लेगा। इसके बाद यह क्षेत्र को 50 साल के लिए पूरी तरह अपने कब्जे में ले लेगा और अपने सैनिकों को वहां तैनात करेगा।
रिपोर्ट में ऐसा गिलगिट बाल्टिस्तान के उर्दू अखबार में प्रकाशित खबरों के आधार पर कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, गिलगिट बाल्टिस्तान के लिए पाक-चीन सामरिक कार्यक्रम का यह फैसला संभवत: इस साल जनवरी में सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी की चीन यात्रा के दौरान लिया गया।
उर्दू अखबार 'रोजनामा बंग-ए-सहर' में प्रकाशित खबर में कहा गया कि पाकिस्तान में बिगड़ते हालात और अमेरिका से तनावपूर्ण रिश्तों के चलते गिलगिट बाल्टिस्तान को 50 सालों के लिए चीन को लीज पर देने पर विचार शुरू हो गया है। यह अखबार गिलगिट बाल्टिस्तान में 13 दिसंबर को वितरित हुआ था।
अखबार के अनुसार चीन के एक थिंक टैंक ने भी इस कदम को हरी झंडी दे दी है। चीन और पाकिस्तान के थिंक टैंकों ने गिलगिट बाल्टिस्तान को चीन को लीज पर देने पर विचार शुरू कर दिया है।
अमेरिकी थिंक टैंक ने कहा कि पाकिस्तान सेना प्रमुख की पांच दिवसीय चीन यात्रा के मद्देनजर रोजनामा बंग-ए-सहर की यह खबर महत्वपूर्ण हो जाती है। बीजिंग में चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ के साथ बैठक में जनरल कयानी ने कहा था कि चीन-पाकिस्तान सामरिक साझेदारी दोनों देशों की नीतियों में महत्वपूर्ण है। चीनी प्रधानमंत्री का कहना था कि चीनी सरकार और सेना दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करना और ज्यादा से ज्यादा सैन्य आदान प्रदान जारी रखेगी।
थिंक टैंक ने कहा कि पाकिस्तानी और चीनी सेना गिलगिट-बाल्टिस्तान के संयुक्त सैन्य प्रबंधन की दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। विकास परियोजनाओं का करेंगे बहाना रिपोर्ट के मुताबिक, चीन विकास परियोजनाओं के नाम पर गिलगिट बाल्टिस्तान में काम शुरू करेगा और फिर धीरे-धीरे इस क्षेत्र का नियंत्रण अपने हाथ में लेगा। इसके बाद यह क्षेत्र को 50 साल के लिए पूरी तरह अपने कब्जे में ले लेगा और अपने सैनिकों को वहां तैनात करेगा।
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