Saturday, 18 February 2012


अमेरिका में उठी मांग, बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करो ?


वॉशिंगटन. अमेरिका और पाकिस्तान के बीच तनातनी बढ़ने के आसार बनते दिख रहे हैं। एक तरफ  अमेरिकी संसद में पाकिस्तान के अशांत इलाके बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग उठी है, वहीं पाकिस्तान ने साफ कर दिया है कि अगर अमेरिका ईरान पर हमला करता है, तो वह अमेरिका की मदद नहीं करेगा।  
अमेरिका के कैलिफोर्निया से रिपब्लिकन सांसद डाना रोहराबाशर ने कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग से जुड़ा प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें कहा गया है कि बलूचिस्तान इस समय पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान में बंटा हुआ और उसकी अपनी सार्वभौमिकता नहीं है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में बलोच लोगों हिंसा का शिकार बनाए जा रहे हैं और उन्हें मारा जा रहा है। 
 
प्रस्ताव के मुताबिक बलोच लोगों को अपना फैसला खुद करने का हक है। उन्हें यह मौका मिलना चाहिए कि वे यह तय कर सकें बलूचिस्तान की क्या स्थिति होनी चाहिए। डाना ने कहा कि बलोच लोगों की हालात इसलिए और खराब हो रही है क्योंकि उनका शोषण कर रहे पाकिस्तान को अमेरिका आर्थिक मदद मुहैया करा रहा है और साथ ही हथियार भी बेच रहा है। प्रस्ताव का दो अन्य सांसदों ने समर्थन भी किया है।  
 
बलूचिस्तान के हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में लापता 148 लोगों में से 16 मृत पाए गए हैं। राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि लापता लोगों में 59 ने घर वापसी की है। गौरतलब है कि पाकिस्ता की सुप्रीम कोर्ट ने वहां की सुरक्षा और जांच एजेंसियों से हिरासत में रखे गए लोगों को कोर्ट में पेश करने का हुक्म दिया है। बलूचिस्तान में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। आईएसआई और पाकिस्तानी सेना इस राज्य में खुलकर मानव अधिकारों का उल्लंघन करती हैं।  
 
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्षों ने इस्लामाबाद में मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने ईरान के राष्ट्रपति अहमदीनेजाद को भरोसा दिलाया कि अगर अमेरिका उनके देश पर हमला करता है तो पाकिस्तान अमेरिका का साथ नहीं देगा। जरदारी ने कहा कि वे अपने हवाई अड्डे और हवाई पट्टियों के अमेरिकी सेना द्वारा इस्तेमाल की इजाजत नहीं देंगे।

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