Saturday, 11 February 2012


फ़ेसबुक पर जल्द ही वीडियो चैटिंग ?

फ़ेसबुक के सदस्यों को ये ख़बर अच्छी लग सकती है कि अब उस पर जल्दी ही वीडियो चैट की सुविधा उपलब्ध होने वाली है.
फ़ेसबुकफ़ेसबुक ने इसके लिए स्काइप के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की है. इसे गूगल से प्रतिस्पर्धा में उठाए गए एक क़दम की तरह देखा जा सकता है क्योंकि गूगल ने हाल ही में फ़ेसबुक की तर्ज़ पर गूगल-प्लस शुरु करने की घोषणा की है और वीडियो चैट उसका हिस्सा है.
वैसे फ़ेसबुक और स्काइप के बीच भागीदारी पहली बार नहीं हो रही है. इस समय भी दोनों कुछ त्वरित संदेशों के लिए कुछ टूल्स का उपयोग करते हैं. इस साल के शुरु में माइक्रोसॉफ़्ट ने स्काइप को ख़रीद लिया था, जो फ़ेसबुक का एक बड़ा हिस्सेदार है. हालांकि क़ानूनी रूप से ये सौदा अभी पूरा नहीं हुआ है.
नई वीडियो चैट सुविधा की घोषणा करते हुए फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग ने घोषणा की है कि अब फ़ेसबुक का उपयोग करने वालों की संख्या 75 करोड़ हो गई है. हालांकि उन्होंने कहा है कि सक्रिय लोगों की संख्या अब साइट की सफलता का उपयोगी पैमाना नहीं रह गई है.
उनका कहना है कि इसकी बजाय इस बात से सफलता के ज़्यादा संकेत मिलते हैं कि इसके सदस्य आपस में कितनी तस्वीरों, वीडियो लिंक और
वेब लिंक का उपयोग कर रहे हैं.

अभी 'वन-टू-वन' ही

हालांकि जब फ़ेसबुक का वीडियो चैट शुरु होगा तो ये सिर्फ़ दो लोगों के बीच ही संभव हो पाएगा जबकि गूगल की ओर से ये सुविधा बहुत से लोगों के बीच संभव होगी और इसे गूगल ने 'हैंगआउट्स' का नाम दिया है.
मार्क ज़करबर्ग का कहना है कि हो सकता है कि आने वाले दिनों में स्काइप की कुछ और प्रीमियर सेवाएँ इसमें शामिल कर ली जाएँ. परोक्ष रुप से गूगल-प्लस की तारीफ़ करते हुए ज़करबर्ग ने कहा कि इससे फ़ेसबुक के सोशल वेब का दृष्टिकोण ही पुष्ट हुआ है.
विश्लेषकों ने फ़ेसबुक की इस घोषणा का स्वागत किया है.
गूगल प्लसऑल्टीमीटर ग्रुप की सूज़ान एटलिंगर ने बीबीसी से कहा, "आप जितनी अधिक देर फ़ेसबुक पर ठहरते हैं विज्ञापनदाता उतना ही अधिक ख़ुश होता है. फ़ेसबुक ने लोगों को अधिक से अधिक देर तक वहाँ बनाए रहने के लिए बहुत अच्छे क़दम उठाए हैं."
उधर कैलिफ़ोर्निया में स्काइप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टोनी बेट्स ने फ़ेसबुक के साथ इस साझेदारी का स्वागत किया है और कहा है कि यह 'दीर्घकालिक संबंध' है जिससे दोनों को लाभ मिलेगा.
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में फ़ेसबुक और गूगल-प्लस के बीच सोशल नेटवर्क की ज़ोरदार प्रतिस्पर्धा दिखाई पड़ने वाली है. ये देखना होगा कि गूगल किस तरह आगे बढ़ता है और फ़ेसबुक उसका किस तरह से जवाब देता है.

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