Sunday, 4 March 2012

18वीं सदी तक नर बलि का प्रचलन था ?

गुवाहाटी- असम के प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर के करीब एक सड़क पर कटा सिर बरामद किया गया पुलिस ने नर बलि की आशंका से इंकार नहीं किया है, पुलिस ने बताया कि सिर प्लास्टिक के झोले में रखा हुआ था और इसके साथ मंत्र लिखा कागज भी मिला है, जालुकाबाड़ी पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया,सिर की पहचान नहीं हो पाई है। हमने आसपास
जांच की है और मृतक स्थानीय निवासी नहीं है, धड़ की पहचान के लिए खोज जारी है.
उन्होंने बताया यह नर बलि की मामला हो सकता है, लेकिन यह अभी कहना जल्दीबाजी होगी, पूरे इलाके में कहीं भी खून के धब्बे नहीं मिले हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि हत्या दूसरी जगह की गई है और सिर को यहां फेंक दिया गया है, पुलिस ने नर बलि की आशंका को खारिज नहीं किया है, क्योंकि मंदिर के सुरक्षाकर्मियों ने 2003 में एक व्यक्ति को उस समय पकड़ा था जब वह अपनी ढाई वर्षीय बेटी की बलि चढ़ाने की कोशिश कर रहा था, कुछ दस्तावेजों के अनुसार असम के इस प्राचीन मंदिर में 18वीं सदी तक नर बलि का प्रचलन था....

No comments:

Post a Comment

अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !

सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...