योग गुरु बाबा रामदेव आटा, दाल,चावल,नमक,जैम,जेली, च्यवनप्राश, फिनायल, तेल, साबुन, महिलाओं के सौंदर्य प्रसाधन बेचेंगे, योग गुरु ऐसे 100 उत्पाद लॉन्च कर रहे हैं, जो रोजमर्रा की ज़िंदगी में लोग इस्तेमाल करते हैं। ये उत्पाद दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ में आज से पतंजलि आयुर्वेद केंद्रों और कुछ किराने की दुकानों
पर उपलब्ध हैं.अगले महीने से ये उत्पाद पूरे देश में उपलब्ध होंगे। योग गुरु ने पहले साल के लिए अपने कारोबार का लक्ष्य भी तय कर लिया है, बाबा रामदेव का कहना है कि इन उत्पादों की बिक्री से पहले साल 2000 करोड़ रुपये के टर्नओवर का लक्ष्य रखा गया है, स्वामी रामदेव के पिछली जिंदगी के बारे में जानने के लिए हर कोई उत्सुक रहता हैं तो आइए आपको बाबा रामदेव की जिंदगी से रूबरू कराते हैं.
क्रान्तिकारियों से मिली क्रांति की प्रेरणा- हरियाणा के महेन्द्रगढ के अली सैयद्पुर में 11 जनवरी 1971 को जन्मे बाबा रामदेव का वास्तविक नाम रामकृष्ण था, बचपन से ही रामप्रसाद 'बिस्मिल' और सुभाषचन्द्र बोस सरीखे क्रांतिकारियों से प्रभावित रामदेव के मन में देश के लिए कुछ करने की इच्छा थी, सरकारी स्कूल से आठवीं कक्षा तक पढाई पूरी करने के बाद रामकृष्ण ने खानपुर गांव के एक गुरुकुल में आचार्य प्रद्युम्न व योगाचार्य बल्देवजी से संस्कृत व योग की शिक्षा ली.
योग के प्रचार के लिए शुरू किया प्रयास- बाबा रामदेव ने सन् 1995 से योग को लोकप्रिय और सर्वसुलभ बनाने के लिये अथक परिश्रम करना प्रारम्भ किया, कुछ समय तक कालवा गुरुकुल, जींद जाकर नि:शुल्क योग सिखाया तत्पश्चात् हिमालय की कन्दराओं में ध्यान और धारणा का अभ्यास करने निकल गये, वापस आकर कृपालु बाग आश्रम में रहने लगे वहीं आस्था चैनल की तरफ से योगासन कार्यक्रम का ऑफर मिला फिर बाबा ने मुड़ कर नहीं देखा, उनकी ख्याती दिन दुनी रात चौगुनी बढ़ती गई, कालांतर 1996 में उन्होंने दिव्य योग मन्दिर ट्रस्ट और दिव्य फार्मेसी स्थापना की.
साइकिल से प्राइवेट जेट का सफरनामा- योग गुरु बाबा रामदेव कभी हरिद्वार में साइकिल से चलते थे, लेकिन आज उनके पास प्राइवेट जेट विमान है, उनके ट्रस्ट के पास अरबों की संपत्ति है बाबा रामदेव के सबसे विश्वस्त साथी बालकृष्ण महाराज हैं बाबा रामदेव के आश्रमों की संख्या लगातार बढ़ रही है हरिद्वार से दस किलोमीटर की दूरी पर मौजूद आश्रम के अलावा हरियाणा में अरावली की पहाड़ियों के नजदीक और स्कॉटलैंड में रामदेव के आश्रम बन चुके हैं उनका ट्रस्ट दुनियाभर में दवाइयां और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने वाले कई उत्पाद बेचता है...
योग को बनाया घर घर लोकप्रिय- बाबा ने 21वीं सदी में देश में योग को नई पहचान दिलाई और घर घर में लोकप्रिय बनाया टीवी के विभिन्न चैनलों ने उनकी लोकप्रियता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई सत्ता के गलियारों में पैठ रखने वाले बड़े लोग उनके संपर्क में आए अब बाबा के अनुसार, वह देश की बुराईयों को दूर करने के लिए प्रयत्नशील है...
पर उपलब्ध हैं.अगले महीने से ये उत्पाद पूरे देश में उपलब्ध होंगे। योग गुरु ने पहले साल के लिए अपने कारोबार का लक्ष्य भी तय कर लिया है, बाबा रामदेव का कहना है कि इन उत्पादों की बिक्री से पहले साल 2000 करोड़ रुपये के टर्नओवर का लक्ष्य रखा गया है, स्वामी रामदेव के पिछली जिंदगी के बारे में जानने के लिए हर कोई उत्सुक रहता हैं तो आइए आपको बाबा रामदेव की जिंदगी से रूबरू कराते हैं.
क्रान्तिकारियों से मिली क्रांति की प्रेरणा- हरियाणा के महेन्द्रगढ के अली सैयद्पुर में 11 जनवरी 1971 को जन्मे बाबा रामदेव का वास्तविक नाम रामकृष्ण था, बचपन से ही रामप्रसाद 'बिस्मिल' और सुभाषचन्द्र बोस सरीखे क्रांतिकारियों से प्रभावित रामदेव के मन में देश के लिए कुछ करने की इच्छा थी, सरकारी स्कूल से आठवीं कक्षा तक पढाई पूरी करने के बाद रामकृष्ण ने खानपुर गांव के एक गुरुकुल में आचार्य प्रद्युम्न व योगाचार्य बल्देवजी से संस्कृत व योग की शिक्षा ली.
योग के प्रचार के लिए शुरू किया प्रयास- बाबा रामदेव ने सन् 1995 से योग को लोकप्रिय और सर्वसुलभ बनाने के लिये अथक परिश्रम करना प्रारम्भ किया, कुछ समय तक कालवा गुरुकुल, जींद जाकर नि:शुल्क योग सिखाया तत्पश्चात् हिमालय की कन्दराओं में ध्यान और धारणा का अभ्यास करने निकल गये, वापस आकर कृपालु बाग आश्रम में रहने लगे वहीं आस्था चैनल की तरफ से योगासन कार्यक्रम का ऑफर मिला फिर बाबा ने मुड़ कर नहीं देखा, उनकी ख्याती दिन दुनी रात चौगुनी बढ़ती गई, कालांतर 1996 में उन्होंने दिव्य योग मन्दिर ट्रस्ट और दिव्य फार्मेसी स्थापना की.
साइकिल से प्राइवेट जेट का सफरनामा- योग गुरु बाबा रामदेव कभी हरिद्वार में साइकिल से चलते थे, लेकिन आज उनके पास प्राइवेट जेट विमान है, उनके ट्रस्ट के पास अरबों की संपत्ति है बाबा रामदेव के सबसे विश्वस्त साथी बालकृष्ण महाराज हैं बाबा रामदेव के आश्रमों की संख्या लगातार बढ़ रही है हरिद्वार से दस किलोमीटर की दूरी पर मौजूद आश्रम के अलावा हरियाणा में अरावली की पहाड़ियों के नजदीक और स्कॉटलैंड में रामदेव के आश्रम बन चुके हैं उनका ट्रस्ट दुनियाभर में दवाइयां और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने वाले कई उत्पाद बेचता है...
योग को बनाया घर घर लोकप्रिय- बाबा ने 21वीं सदी में देश में योग को नई पहचान दिलाई और घर घर में लोकप्रिय बनाया टीवी के विभिन्न चैनलों ने उनकी लोकप्रियता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई सत्ता के गलियारों में पैठ रखने वाले बड़े लोग उनके संपर्क में आए अब बाबा के अनुसार, वह देश की बुराईयों को दूर करने के लिए प्रयत्नशील है...
hahahaha sir kya keh rahe hain ab yeh sab bechna padega baba ko .
ReplyDelete