लखनऊ- उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में सीबीआई ने मायावती सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रहे बाबूसिंह कुशवाहा को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया, उनके साथ ही बसपा विधायक राम प्रसाद जायसवाल को भी गिरफ्तार किया गया है उत्तरप्रदेश में विधानसभा
चुनावों के लिए वोटिंग होने के तत्काल बाद यह कार्रवाई की गई.
गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत में दोनों को पेश किया गया, जहां से उन्हें दस दिन की सीबीआई रिमांड के लिए भेज दिया गया, सीबीआई ने कुशवाहा और जायसवाल की 15 दिन की रिमांड मांगी थी, कुशवाहा के वकील अजय विक्रम सिंह ने इसका विरोध किया उनका तर्क था कि कुशवाहा की जान को खतरा है अतिरिक्त जिला जज एके सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर आधे घंटे के लिए फैसला सुरक्षित रखा बाद में उन्होंने दस दिन की सीबीआई रिमांड की अनुमति दे दी..
कुशवाहा ने जज को बताया कि फैसले लेने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी सभी महत्वपूर्ण फैसले मुख्यमंत्री मायावती अपने स्तर पर लेती थीं, एनआरएचएम के लिए तीन समितियां थी इनमें से दो का नेतृत्व मुख्य सचिव कर रहे थे, जबकि एक का मुख्यमंत्री, सभी समितियों की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होती थी, मुझे आजमगढ़ जिले में अनियमितता की शिकायत मिली थी हम उस मामले की जांच कर रहे थे, एनआर एचएम मेरे मंत्री बनने के काफी पहले से संचालित हो रहा था...
जायसवाल ने अपने बचाव में कहा कि उनकी अपनी तीन कंपनियां हैं. उनके खाते में जमा राशि घोटाले से नहीं बल्कि शेयर ट्रेडिंग से आई थी. जायसवाल ने कहा, मैं कुशवाहा का मित्र हूं इसलिए सीबीआई मेरे खिलाफ आरोप लगा रही है. कुशवाहा जब तक बसपा में थे, तब तक ही मेरे मंत्री थे अब नहीं हैं....
जायसवाल के वकील ने कहा कि सीबीआई उनके मुवक्किल को अपराध स्वीकार करने के लिए धमका रही है इससे पहले सीबीआई प्रवक्ता धारिणी मिश्रा ने दिल्ली में बताया कि दोनों को सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए मुख्यालय बुलाया था। करीब चार घंटे तक पूछताछ की गई बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया प्रारंभिक तौर पर एजेंसी ने कुशवाहा पर आपराधिक कदाचार और मंत्री रहते हुए साजिश का हिस्सा बनने का आरोप है
तत्कालीन प्रमुख सचिव (परिवार कल्याण) प्रदीप शुक्ला और अन्य स्तरों के वरिष्ठ अफसरों, ठेकेदारों और सप्लायरों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जायसवाल का टिकट काटकर बसपा ने उनकी पत्नी रेणु जायसवाल को देवरिया जिले के बरहज सीट से प्रत्याशी बनाया है, बसपा से निकाले गए बाबू सिंह कुशवाहा ने चुनाव नहीं लड़ा भाजपा के पक्ष में बुंदेलखंड के कई इलाकों में सभाओं को संबोधित किया.
क्या है घोटाला- एनआरएचएम के तहत ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूती दी जानी थी
- 2005 से 2011 तक छह साल में 8657.53 करोड़ रुपए उत्तरप्रदेश को मिले इसमें से 4938.74 करोड़ रुपए का कोई हिसाब नहीं है.
- राज्य स्वास्थ्य समिति ने खर्च का हिसाब ही नहीं रखा.
- मनमर्जी से ठेके बांटे 1,085 करोड़ रुपए का भुगतान बिना हस्ताक्षर किया गया बिना करार के 1,170 करोड़ रुपए के ठेके दिए गए.
- अनुमानों को बढ़ा-चढ़ाकर बताने से 87 करोड़ का नुकसान हुआ.
- वित्तीय कुप्रबंधन के कारण 396 करोड़ बर्बाद हुए.
सीबीआई की जांच का सफर- 19 नवंबर 2011 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सीबीआई को एन आरएचएम घोटाले की जांच के आदेश दिए मुलायम सिंह की सपा सरकार का दो साल और मायावती की बसपा सरकार के चार साल का कार्यकाल जांच के दायरे में आया.
- 100 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे गए उत्तरप्रदेश, हरियाणा, बिहार, दिल्ली में सप्लायरों, अफसरों, नेताओं और मध्यस्थों के निवास पर जांच की.
- 12 लोगों को किया जा चुका है अब तक गिरफ्तार, इस घोटाले से जुड़े 09 लोगों की हत्या/संदिग्ध मौत के मामले भी सामने आए.
- 12 अलग-अलग मामले दर्ज कर चुकी है सीबीआई अब तक सिर्फ केंद्र से मिले 370 करोड़ रुपए के इस्तेमाल की हो सकी है जांच.
कुशवाहा की भूमिका- सीबीआई ने कुशवाहा के खिलाफ सिर्फ एक एफआईआर दर्ज की है इसमें 13.4 करोड़ की लागत से 134 अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने में उनकी भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं इससे कथित तौर पर 5.46 करोड़ का नुकसान हुआ.
- ठेका जल निगम के जरिए गाजियाबाद की एक प्राइवेट कंपनी सर्जियोकॉइन को दिया गया था कंपनी ने फर्जी और कूटरचित दस्तावेज पेश किए। अस्पतालों में इस्तेमाल सामग्री घटिया क्वालिटी की थी
- कुशवाहा से ठेके देने की प्रक्रिया और उसमें उनकी भूमिका पर सवाल किए गए.
- एनआरएचएम का फंड डायवर्ट करने के लिए सीएमओ के अतिरिक्त पद बनाए.
- कुशवाहा ने कथित तौर पर उत्तरप्रदेश जल निगम के जरिए मनमर्जी से अपने लोगों को ठेके बांटे,
- कई संदिग्धों का आरोप है कि कुशवाहा के मौखिक निर्देशों पर ठेके दिए गए.
साजिश का आरोप- बाबूसिंह कुशवाहा शुरू से कह रहे हैं कि वरिष्ठ नौकरशाह उन्हें साजिश में फंसा रहे हैं। प्रमुख सचिव फतेह बहादुर सिंह और कैबिनेट सचिव शशांक शेखर का नाम भी वे ले रहे हैं उनका तर्क है कि पार्टी और सरकार में उनके बढ़ते कद की वजह से उन्हें एनआरएचएम घोटाले में फंसाया गया नवंबर में कुशवाहा ने मुख्यमंत्री मायावती को पत्र लिखकर ऐसी ही आशंकाएं जताई थी बाद में उन्हें बसपा से भी निकाल दिया गया.
वोटिंग के बाद गिरफ्तारी क्यों- कुशवाहा को उत्तरप्रदेश विधानसभा के लिए मतदान खत्म होने के बाद गिरफ्तार किया गया, ऐसा क्यों?
-तीन मार्च को दिनभर चली पूछताछ से पहले 19 फरवरी को भी कुशवाहा से नौ घंटे पूछताछ हुई थी।
-मायावती ने कभी अपने विश्वासपात्र रहे कुशवाहा को भ्रष्टाचार के आरोप पर पार्टी से निकाल दिया था।
-3 जनवरी को कुशवाहा ने भाजपा की सदस्यता ली। 4 जनवरी को उनके ठिकानों पर सीबीआई छापे पड़े।
-भाजपा पीछे हट गई। कुशवाहा भी पार्टी से दूर रहे। लेकिन चुनावों में उन्होंने भाजपा के लिए प्रचार किया।
देर आय दुरुस्त आय- सभी को पता था कि ऐसा होने वाला है, कानून अपना काम कर रहा है, कुश वाहा को गिरफ्तार करने में विलंब नहीं हुआ है इस बारे में वह सिर्फ इतना ही कह सकते हैं देर आय दुरस्त आय -राशिद अल्वी, प्रवक्ता कांग्रेस
सीबीआई का दुरुपयोग कर रही कांग्रेस- भाजपा शुरू से ही कह रही है कि सीबीआई अब जांच एजेंसी नहीं रह गई है वह कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन हो गई है कुशवाहा की गिरफ्तारी बताती है कि कांग्रेस मुख्या लय ही तय करता है कि किसी व्यक्ति को कब और कैसे गिरफ्तार किया जाए -जगत प्रकाश नड्डा, प्रवक्ता भाजपा
चुनावों के लिए वोटिंग होने के तत्काल बाद यह कार्रवाई की गई.
गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत में दोनों को पेश किया गया, जहां से उन्हें दस दिन की सीबीआई रिमांड के लिए भेज दिया गया, सीबीआई ने कुशवाहा और जायसवाल की 15 दिन की रिमांड मांगी थी, कुशवाहा के वकील अजय विक्रम सिंह ने इसका विरोध किया उनका तर्क था कि कुशवाहा की जान को खतरा है अतिरिक्त जिला जज एके सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर आधे घंटे के लिए फैसला सुरक्षित रखा बाद में उन्होंने दस दिन की सीबीआई रिमांड की अनुमति दे दी..
कुशवाहा ने जज को बताया कि फैसले लेने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी सभी महत्वपूर्ण फैसले मुख्यमंत्री मायावती अपने स्तर पर लेती थीं, एनआरएचएम के लिए तीन समितियां थी इनमें से दो का नेतृत्व मुख्य सचिव कर रहे थे, जबकि एक का मुख्यमंत्री, सभी समितियों की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होती थी, मुझे आजमगढ़ जिले में अनियमितता की शिकायत मिली थी हम उस मामले की जांच कर रहे थे, एनआर एचएम मेरे मंत्री बनने के काफी पहले से संचालित हो रहा था...
जायसवाल ने अपने बचाव में कहा कि उनकी अपनी तीन कंपनियां हैं. उनके खाते में जमा राशि घोटाले से नहीं बल्कि शेयर ट्रेडिंग से आई थी. जायसवाल ने कहा, मैं कुशवाहा का मित्र हूं इसलिए सीबीआई मेरे खिलाफ आरोप लगा रही है. कुशवाहा जब तक बसपा में थे, तब तक ही मेरे मंत्री थे अब नहीं हैं....
जायसवाल के वकील ने कहा कि सीबीआई उनके मुवक्किल को अपराध स्वीकार करने के लिए धमका रही है इससे पहले सीबीआई प्रवक्ता धारिणी मिश्रा ने दिल्ली में बताया कि दोनों को सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए मुख्यालय बुलाया था। करीब चार घंटे तक पूछताछ की गई बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया प्रारंभिक तौर पर एजेंसी ने कुशवाहा पर आपराधिक कदाचार और मंत्री रहते हुए साजिश का हिस्सा बनने का आरोप है
तत्कालीन प्रमुख सचिव (परिवार कल्याण) प्रदीप शुक्ला और अन्य स्तरों के वरिष्ठ अफसरों, ठेकेदारों और सप्लायरों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जायसवाल का टिकट काटकर बसपा ने उनकी पत्नी रेणु जायसवाल को देवरिया जिले के बरहज सीट से प्रत्याशी बनाया है, बसपा से निकाले गए बाबू सिंह कुशवाहा ने चुनाव नहीं लड़ा भाजपा के पक्ष में बुंदेलखंड के कई इलाकों में सभाओं को संबोधित किया.
क्या है घोटाला- एनआरएचएम के तहत ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूती दी जानी थी
- 2005 से 2011 तक छह साल में 8657.53 करोड़ रुपए उत्तरप्रदेश को मिले इसमें से 4938.74 करोड़ रुपए का कोई हिसाब नहीं है.
- राज्य स्वास्थ्य समिति ने खर्च का हिसाब ही नहीं रखा.
- मनमर्जी से ठेके बांटे 1,085 करोड़ रुपए का भुगतान बिना हस्ताक्षर किया गया बिना करार के 1,170 करोड़ रुपए के ठेके दिए गए.
- अनुमानों को बढ़ा-चढ़ाकर बताने से 87 करोड़ का नुकसान हुआ.
- वित्तीय कुप्रबंधन के कारण 396 करोड़ बर्बाद हुए.
सीबीआई की जांच का सफर- 19 नवंबर 2011 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सीबीआई को एन आरएचएम घोटाले की जांच के आदेश दिए मुलायम सिंह की सपा सरकार का दो साल और मायावती की बसपा सरकार के चार साल का कार्यकाल जांच के दायरे में आया.
- 100 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे गए उत्तरप्रदेश, हरियाणा, बिहार, दिल्ली में सप्लायरों, अफसरों, नेताओं और मध्यस्थों के निवास पर जांच की.
- 12 लोगों को किया जा चुका है अब तक गिरफ्तार, इस घोटाले से जुड़े 09 लोगों की हत्या/संदिग्ध मौत के मामले भी सामने आए.
- 12 अलग-अलग मामले दर्ज कर चुकी है सीबीआई अब तक सिर्फ केंद्र से मिले 370 करोड़ रुपए के इस्तेमाल की हो सकी है जांच.
कुशवाहा की भूमिका- सीबीआई ने कुशवाहा के खिलाफ सिर्फ एक एफआईआर दर्ज की है इसमें 13.4 करोड़ की लागत से 134 अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने में उनकी भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं इससे कथित तौर पर 5.46 करोड़ का नुकसान हुआ.
- ठेका जल निगम के जरिए गाजियाबाद की एक प्राइवेट कंपनी सर्जियोकॉइन को दिया गया था कंपनी ने फर्जी और कूटरचित दस्तावेज पेश किए। अस्पतालों में इस्तेमाल सामग्री घटिया क्वालिटी की थी
- कुशवाहा से ठेके देने की प्रक्रिया और उसमें उनकी भूमिका पर सवाल किए गए.
- एनआरएचएम का फंड डायवर्ट करने के लिए सीएमओ के अतिरिक्त पद बनाए.
- कुशवाहा ने कथित तौर पर उत्तरप्रदेश जल निगम के जरिए मनमर्जी से अपने लोगों को ठेके बांटे,
- कई संदिग्धों का आरोप है कि कुशवाहा के मौखिक निर्देशों पर ठेके दिए गए.
साजिश का आरोप- बाबूसिंह कुशवाहा शुरू से कह रहे हैं कि वरिष्ठ नौकरशाह उन्हें साजिश में फंसा रहे हैं। प्रमुख सचिव फतेह बहादुर सिंह और कैबिनेट सचिव शशांक शेखर का नाम भी वे ले रहे हैं उनका तर्क है कि पार्टी और सरकार में उनके बढ़ते कद की वजह से उन्हें एनआरएचएम घोटाले में फंसाया गया नवंबर में कुशवाहा ने मुख्यमंत्री मायावती को पत्र लिखकर ऐसी ही आशंकाएं जताई थी बाद में उन्हें बसपा से भी निकाल दिया गया.
वोटिंग के बाद गिरफ्तारी क्यों- कुशवाहा को उत्तरप्रदेश विधानसभा के लिए मतदान खत्म होने के बाद गिरफ्तार किया गया, ऐसा क्यों?
-तीन मार्च को दिनभर चली पूछताछ से पहले 19 फरवरी को भी कुशवाहा से नौ घंटे पूछताछ हुई थी।
-मायावती ने कभी अपने विश्वासपात्र रहे कुशवाहा को भ्रष्टाचार के आरोप पर पार्टी से निकाल दिया था।
-3 जनवरी को कुशवाहा ने भाजपा की सदस्यता ली। 4 जनवरी को उनके ठिकानों पर सीबीआई छापे पड़े।
-भाजपा पीछे हट गई। कुशवाहा भी पार्टी से दूर रहे। लेकिन चुनावों में उन्होंने भाजपा के लिए प्रचार किया।
देर आय दुरुस्त आय- सभी को पता था कि ऐसा होने वाला है, कानून अपना काम कर रहा है, कुश वाहा को गिरफ्तार करने में विलंब नहीं हुआ है इस बारे में वह सिर्फ इतना ही कह सकते हैं देर आय दुरस्त आय -राशिद अल्वी, प्रवक्ता कांग्रेस
सीबीआई का दुरुपयोग कर रही कांग्रेस- भाजपा शुरू से ही कह रही है कि सीबीआई अब जांच एजेंसी नहीं रह गई है वह कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन हो गई है कुशवाहा की गिरफ्तारी बताती है कि कांग्रेस मुख्या लय ही तय करता है कि किसी व्यक्ति को कब और कैसे गिरफ्तार किया जाए -जगत प्रकाश नड्डा, प्रवक्ता भाजपा
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