मार्क फोले, फ्लोरिडा के कांग्रेस पार्टी सदस्य थे, जिन्होंने बिल क्लिंटन और मोनिका लेवेंस्की स्कैंडल का काफी विरोध किया था, दुर्भाग्य की बात यह थी मार्क जिन आदर्शों का हवाला देते हुए क्लिंटन का विरोध कर रहे थे, वे स्वयं ही उनपर खरे नहीं उतर पाए, 29 सितंबर 2006 को फोले ने किशोर लड़कों को अश्लील मैसेज और ईमेल भेजने के मामले में फंसने के बाद अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया, हालांकि फोले यह कहते रहे कि वह किशोरों को अश्लील मैसेज नहीं भेजते.
बाद में यह मामला जब मीडिया में उठा, तो फोले द्वारा अश्लील ईमेल शराब के नशे में भेजे जाने की बात कही गई, फोले ने जनता में अपनी छवि सुधारने के लिए रीहैब सेंटर्स में अपना इलाज भी करवाया, लोगों के मन में सहानुभूति पैदा करने के लिए फोले द्वारा ने मीडिया के सामने यह भी कहा कि 13 साल की उम्र में एक पादरी ने उनका शारीरिक शोषण किया गया था.
आखिरकार अपने ऊपर आरोप सिद्ध होते देख फोले ने अपने वकील के जरिए मीडिया के सामने यह कह डाला कि वे समलैंगिक हैं, फोले के इस बयान के बाद अमेरिकी मीडिया में काफी चर्चाएं हुई, लेकिन फ्लोरिडा अधिकारियों द्वारा कानूनी कार्रवाई हेतु अपर्याप्त सबूत होने के कारण इस मामले को बंद कर दिया गया, इस मामले ने विश्व इतिहास में मार्क फोले का नाम रूढिवादी पाखण्डियों की फेहरिस्त में शामिल कर दिया था.
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