आनंद भवन इलाहाबाद में स्थित है, एक जमाने में आनंद भवन भारतीय राजनीति में अहम स्थान रखने वाले नेहरू परिवार का निवास स्थान था, आज इसे संग्रहालय का रूप दे दिया गया है, यहां पर गांधी, नेहरू परिवार की पुरानी निशानियों को देखा जा सकता है.
आनंद भवन, जिसका संबंध हिंदुस्तान के स्वतंत्रता संग्राम से रहा है. जहां से स्वतंत्रता संग्राम की नीतियाँ और रणनीति तय होतीं थीं, आनंद भवन और उसके बगल में स्थित स्वराज भवन आज ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विख्यात है. स्वतंत्रता संग्राम के इस मंदिर में आकर राष्ट्रनायकों के चिन्हों, उनकी स्मृतियों को श्रद्धा से देखते हैं और पूरे भवन व परिसर में कुछ तलाशते फिरते हैं.
यहां आने वाले कुछ इन्हीं चीज़ों को देखना, सुनना और महसूस करना चाहते हैं. आनंद भवन, जहां आधुनिक भारत के निर्माता और प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू अपने पिता मोतीलाल नेहरू की देखरेख में पले-बढ़े, यहीं इंदिरा गाँधी का जन्म हुआ और वे डेढ़ दशक तक प्रधानमंत्री रहीं, राजीव गांधी का बचपन भी यहां बीता.
देश की आज़ादी से पहले आनंद भवन कांग्रेस मुख्यालय के रूप में रहा और उससे भी पहले राजनीतिक सरगर्मियों का केंद्र रहा, पंडित नेहरू ने 1928 में पहली बार यहीं ‘पूर्ण स्वतंत्रता’ की घोषणा करने वाला भाषण लिखा.‘भारत छोड़ो’ आंदोलन का प्रारूप यहीं पर बना, यही नहीं तमाम ऐतिहासिक फैसले या उनकी रूपरेखा यहाँ पर ही बनी.
No comments:
Post a Comment
अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !