केंद्रीय बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे के लाख दावों के बावजूद 24 घंटे के अंदर ही मंगलवार को नॉर्दर्न ग्रिड एक बार फिर से फेल हो गया, इसके अलावा ईस्टर्न और नार्थ ईस्टर्न ग्रिड भी फेल हो गए, एक साथ तीन ग्रिड फेल होने से भारत में अब तक का सबसे बड़ा बिजली संकट उतपन्न हो गया जिसके कारण 22 राज्यों की बिजली गुल हो गई.
बिजली गायब होने से यातायात पर खासा असर पड़ा, बिजली से चलने वाली ट्रेनें जहां थी वहीं रुक गईं, लाखों यात्रियों को रेलवे ट्रैक पर ही दिन काटना पड़ा, रेलवे ने कुछ ट्रेनों को डीजल इंजन से खींचकर स्टेशनों तक पहुंचवाया, दिल्ली के पहिये पूरी तरह जाम हो गए, यही नहीं मेट्रो सेवा भी घंटों तक प्रभावित रही, दिल्ली में देर शाम तक ही हालात सामान्य जैसे हो सके.
रात साढ़े आठ बजे के आसपास राजधानी दिल्ली में बिजली सप्लाई पूरी तरह से बहाल कर दी गई, सात घंटे के ब्लैकआउट के बाद दिल्ली में तो बिजली सप्लाई बहाल हो सकी लेकिन देश के बाकी हिस्से बिजली के इंतेजार में ही रहे, दिल्ली में बिजली बहाल होने के साथ ही मेट्रो सेवाओं भी सामान्य हो गईं, हाइड्रोइलेक्ट्रिय पावर स्टेशन चालू करके पंजाब के बिजली संकट को भी कुछ हद तक हल कर लिया गया और चंडीगढ़ में बिजली बहाल कर दी गई, लेकिन उत्तर प्रदेश बिजली संकट से जूझता रहा.
जयपुर में बिजली उत्पादन करने वाली सभी 22 इकाइयां ठप हो गईं, ढाई घंटे बाद सबसे पहले कोटा की तीन नंबर इकाई शुरू की गई, बिजली गुल के बाद दफ्तर, अस्पतालों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि जगह काम-काज पूरी तरह बाधित हो गया, कई ट्रेनें अटक गईं, 2.75 लाख औद्योगिक इकाइयां ठप, 3 दिन ऐसी ही स्थिति रहने की आशंका, जयपुर में चारदीवारी सहित कई स्थानों पर पेयजल आपूर्ति बाधित हुई, एसएमएस व अन्य अस्पतालों में मरीज परेशान रहे, लैब में जांच नहीं हो पाई, कलेक्ट्रेट व मिनी सचिवालय में चार घंटे बिजली गुल रही, सिंगल विंडो पर काम ठप, मोमबत्ती, टॉर्च की रोशनी में दफ्तर जयपुर लगातार दूसरे दिन उत्तरी ग्रिड फेल होने से मंगलवार दोपहर करीब 1.15 बजे शहर में बिजली सिस्टम ठप हो गया, अस्पताल, रेलवे, रोडवेज, कलेक्ट्रेट, जलदाय विभाग सहित अन्य आपातकालीन सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुईं, इंजीनियरों के मोबाइल बिजी, कॉल सेंटर से नो रेस्पॉन्स बिजली गुल होने के बाद लोगों ने सप्लाई बहाल होने की सूचना के लिए बिजली कंपनी के कॉल सेंटर व इंजीनियरों को फोन किए, पर अधिकतर अफसरों के मोबाइल बिजी रहे, जिसने फोन उठाया, उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया.
कॉल सेंटर पर भी फोन व्यस्त रहा, इससे लोग करीब तीन घंटे तक परेशान होते रहे, पहले वीआईपी इलाकों में आई बिजली, आमजन को 2 घंटे का इंतजार बिजली कंपनी ने सबसे पहले वीआईपी इलाकों मेनं बिजली सप्लाई को प्राथमिकता दी, अस्पताल में मरीज व परिजन परेशान दोपहर 1.20 से 2 बजे तक बिजली चले जाने के कारण जनरल वार्डो मे अचानक अंधेरा छा गया, भर्ती मरीज तथा उनके परिजन को कुछ समय के लिए गर्मी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा, सेंट्रल लैब, रेडियोडायग्नोसिस विभाग में जांच व रिपोर्ट के लिए इंतजार करना पड़ा.
शाम पौने 6 बजे पत्रकारों से बात करते हुए ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, पहले नार्दन रीजन की बिजली गई और फिर ईस्टर्न रीजन की, हमारे पास कोई विकल्प नहीं था, हमने वेस्टर्न रीजन से बिजली लेनी शुरु की है, हाइड्रो प्रोजेक्ट चालू करने के आदेश दे दिए गए, अभी हमने नार्दन रीजन में 45 प्रतिशत की परिस्थिति सुधार ली है, ईस्टर्न रीजन में 35 प्रतिशत बिजली बहाल हो गई है,और नार्थ ईस्ट ग्रिड में 100 प्रतिशत बिजली बहाल कर दी गई है, दिल्ली में हमने दो हजार मेगावाट बिजली आपात स्थिति में सप्लाई की है, मैं राज्यों से कहूंगा कि जितना कोटा निर्धारित किया गया है उससे ज्यादा बिजली खींचने से देश पर दोबारा संकट आ गया है, मैं उनसे विनती करता हूं कि वो निर्धारित कोटे से ज्यादा बिजली न खींचे, मैंने अधिकारियों को कोटे से ज्यादा बिजली खींचने वाले राज्यों के खिलाफ कार्रवाई करने और निर्धारित कोटे में कटौती करने के लिए कहा है.
बिजली संकट पर विपक्ष ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, पिछले दो दिन से देश अब तक के सबसे बुरे बिजली संकट से जूझ रहा है, इससे दुनिया में देश का सम्मान भी कम होता है, सरकार और प्रधानमंत्री बताएं की बिजली संकट के पीछे क्या कारण हैं, वहीं केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया प्रधानमंत्री जी देश के 19 राज्यों में 60 करोड़ लोग अंधेरे में हैं, देश जानना चाहता है कि क्या आप इस मामले में भी किसी गठबंधन धर्म का पालन कर रहे हैं, बुरे आर्थिक प्रबंधन ने आम लोगों की जेब खाली कर दी, पेट को भूखा रखा और अब अंधेरे में भी धकेल दिया है.
पावर ग्रिड के निदेशक एम नायक ग्रिड में आई खराबी का कोई ठोस कारण नहीं बता सके, उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि हमारे इंजीनियर कारण तलाशने की कोशिश कर रहे हैं, एम नायक ने बताया कि थर्मल पावर स्टेशन पहले शुरु करना पावर ग्रिड की प्राथमिकता है, वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि देश में कोई बिजली संकट नहीं है, यह ग्रिड में परेशानी है जिसे जल्द से जल्द ठीक कर लिया जाएगा.
ग्रिड फेल होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, ओडिशा, झारखंड, जम्मू एवं कश्मीर, समेत पूर्वोत्तर राज्यों में बिजली गुल हो गई, देश के 21 राज्यों में बिजली की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई, दिल्ली में हालात बद से बदतर हो गए, बिजली आपूर्ती ठप होने के कारण सड़कों पर ट्रैफिक सिग्नल फेल हो गए और भीषण जाम लग गया, यही नहीं मेट्रो और रेल सेवा भी बुरी तरह प्रभावित हुई, दिल्ली के बड़े अस्पतालों में भी अंधेरा छा गया, शाम होने तक दिल्ली को 2 हजार मेगावाट बिजली उपलब्ध करवाई जा सकी, इससे पहले, नॉर्दर्न ग्रिड की फ्रिक्वेंसी फेल होने से उत्तर भारत के 9 राज्यों में रविवार-सोमवार की रात बिजली गुल हो गई थी, राजस्थान सहित दिल्ली,पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बिजली व्यवस्था चरमरा गई थी, सोमवार दोपहर तक पटरी पर लौटी लेकिन मंगलवार को एक बार फिर पावर ग्रिड फेलियर ने व्यवस्था को पूरी तरह ठप्प कर दिया.
नॉर्दर्न ग्रिड की सभी लाइनों का सिस्टम उत्तरी भारत में फैला हुआ है, यदि कोई राज्य ग्रिड से ज्यादा बिजली लेने के लिए सिस्टम से ओवर ड्रा करता है तो पूरे सिस्टम की फ्रिक्वेंसी डाउन हो जाती है, फ्रिक्वेंसी कम होते ही ग्रिड से जुड़े पावर हाउस (बिजलीघर) डिसिंक्रोनाइज (बंद) हो जाता है तथा पावर हाउस ग्रिड से आइसोलेट (अलग) हो जाता है.
मंगलवार को ग्रिड फेलियर का सबसे ज्यादा असर यातायात सेवाओं पर पड़ा, पूरे उत्तर और पूर्वोत्तर भारती में रेलवे की व्यवस्था ठप्प हो गई, सैंकड़ों ट्रेनें जहां थी वहीं खड़ी रह गईं, कुछ को डीजल इंजन की मदद से स्टेशनों तक ले जाया जा सका, लाखों की तादाद में यात्री परेशान हुए, लोगों को रेलवे ट्रैक पर ही दिन गुजारना पड़ा, यही नहीं स्टेशनों पर भी यात्रियों की भारी भीड़ रही, सोमवार को ग्रिड फेलियर के बाद पटरी से उतरी रेल मंगलवार को फिर से बेबस हो गई.....
शाम पौने 6 बजे पत्रकारों से बात करते हुए ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, पहले नार्दन रीजन की बिजली गई और फिर ईस्टर्न रीजन की, हमारे पास कोई विकल्प नहीं था, हमने वेस्टर्न रीजन से बिजली लेनी शुरु की है, हाइड्रो प्रोजेक्ट चालू करने के आदेश दे दिए गए, अभी हमने नार्दन रीजन में 45 प्रतिशत की परिस्थिति सुधार ली है, ईस्टर्न रीजन में 35 प्रतिशत बिजली बहाल हो गई है,और नार्थ ईस्ट ग्रिड में 100 प्रतिशत बिजली बहाल कर दी गई है, दिल्ली में हमने दो हजार मेगावाट बिजली आपात स्थिति में सप्लाई की है, मैं राज्यों से कहूंगा कि जितना कोटा निर्धारित किया गया है उससे ज्यादा बिजली खींचने से देश पर दोबारा संकट आ गया है, मैं उनसे विनती करता हूं कि वो निर्धारित कोटे से ज्यादा बिजली न खींचे, मैंने अधिकारियों को कोटे से ज्यादा बिजली खींचने वाले राज्यों के खिलाफ कार्रवाई करने और निर्धारित कोटे में कटौती करने के लिए कहा है.
बिजली संकट पर विपक्ष ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, पिछले दो दिन से देश अब तक के सबसे बुरे बिजली संकट से जूझ रहा है, इससे दुनिया में देश का सम्मान भी कम होता है, सरकार और प्रधानमंत्री बताएं की बिजली संकट के पीछे क्या कारण हैं, वहीं केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया प्रधानमंत्री जी देश के 19 राज्यों में 60 करोड़ लोग अंधेरे में हैं, देश जानना चाहता है कि क्या आप इस मामले में भी किसी गठबंधन धर्म का पालन कर रहे हैं, बुरे आर्थिक प्रबंधन ने आम लोगों की जेब खाली कर दी, पेट को भूखा रखा और अब अंधेरे में भी धकेल दिया है.
पावर ग्रिड के निदेशक एम नायक ग्रिड में आई खराबी का कोई ठोस कारण नहीं बता सके, उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि हमारे इंजीनियर कारण तलाशने की कोशिश कर रहे हैं, एम नायक ने बताया कि थर्मल पावर स्टेशन पहले शुरु करना पावर ग्रिड की प्राथमिकता है, वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि देश में कोई बिजली संकट नहीं है, यह ग्रिड में परेशानी है जिसे जल्द से जल्द ठीक कर लिया जाएगा.
ग्रिड फेल होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, ओडिशा, झारखंड, जम्मू एवं कश्मीर, समेत पूर्वोत्तर राज्यों में बिजली गुल हो गई, देश के 21 राज्यों में बिजली की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई, दिल्ली में हालात बद से बदतर हो गए, बिजली आपूर्ती ठप होने के कारण सड़कों पर ट्रैफिक सिग्नल फेल हो गए और भीषण जाम लग गया, यही नहीं मेट्रो और रेल सेवा भी बुरी तरह प्रभावित हुई, दिल्ली के बड़े अस्पतालों में भी अंधेरा छा गया, शाम होने तक दिल्ली को 2 हजार मेगावाट बिजली उपलब्ध करवाई जा सकी, इससे पहले, नॉर्दर्न ग्रिड की फ्रिक्वेंसी फेल होने से उत्तर भारत के 9 राज्यों में रविवार-सोमवार की रात बिजली गुल हो गई थी, राजस्थान सहित दिल्ली,पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बिजली व्यवस्था चरमरा गई थी, सोमवार दोपहर तक पटरी पर लौटी लेकिन मंगलवार को एक बार फिर पावर ग्रिड फेलियर ने व्यवस्था को पूरी तरह ठप्प कर दिया.
नॉर्दर्न ग्रिड की सभी लाइनों का सिस्टम उत्तरी भारत में फैला हुआ है, यदि कोई राज्य ग्रिड से ज्यादा बिजली लेने के लिए सिस्टम से ओवर ड्रा करता है तो पूरे सिस्टम की फ्रिक्वेंसी डाउन हो जाती है, फ्रिक्वेंसी कम होते ही ग्रिड से जुड़े पावर हाउस (बिजलीघर) डिसिंक्रोनाइज (बंद) हो जाता है तथा पावर हाउस ग्रिड से आइसोलेट (अलग) हो जाता है.
मंगलवार को ग्रिड फेलियर का सबसे ज्यादा असर यातायात सेवाओं पर पड़ा, पूरे उत्तर और पूर्वोत्तर भारती में रेलवे की व्यवस्था ठप्प हो गई, सैंकड़ों ट्रेनें जहां थी वहीं खड़ी रह गईं, कुछ को डीजल इंजन की मदद से स्टेशनों तक ले जाया जा सका, लाखों की तादाद में यात्री परेशान हुए, लोगों को रेलवे ट्रैक पर ही दिन गुजारना पड़ा, यही नहीं स्टेशनों पर भी यात्रियों की भारी भीड़ रही, सोमवार को ग्रिड फेलियर के बाद पटरी से उतरी रेल मंगलवार को फिर से बेबस हो गई.....