2002 में मानवाधिकार आयोग, अल्पसंख्यक आयोग और महिला आयोग की रिपोर्ट में दंगों के लिए मोदी सरकार को दोषी ठहाराया गया। ब्रिटिश रिपोर्ट भी आई, जिसमें कहा गया कि मोदी सरकार ने दंगाइयों की मदद की। इसी साल राज्य में चुनाव थे। दंगों की रिपोर्टें मुद्दा बनी। लेकिन मोदी के नेतृत्व में भाजपा को 182 में से 126 सीटें मिलीं। 2007 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त सक्सेना समिति की रिपोर्ट में तल्ख टिप्पणियां की गईं। कुछ महीनों बाद तहलका का स्टिंग ऑपरेशन आया। जिसमें बताया गया कि दंगों में गुजरात सरकार की गहरी भूमिका थी। तब भी चुनाव थे। 2007 के चुनाव में भी दंगों पर आईं रिपोर्टें मुद्दा बनीं। इस बार भाजपा 117 सीटों पर विजयी रही।
हिंदू ख़तरे मैं है कहने और कहकर डराने वालों से सवाल...?
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