अहमदाबाद. गुजरात के नरोडा पाटिया नरसंहार मामले में सभी 32 दोषियों को शुक्रवार को सजा सुना दी गई। इस मामले में दोषी करार दी गई पूर्व मंत्री माया कोडनानी को 28 साल जबकि बाबू बजरंगी को जिंदा रहने तक जेल में बिताने होंगे,मौत को तरसे जिंदगी भी खराब कर ली ?
सजा के ऐलान के बाद कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए, गुस्साए लोग 'मोदी हाय-हाय' के नारे लगाने लगे, फैसले के मद्देनजर कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कडे इंतजाम किए गए थे, नरोडा में भी एहतियातन सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए, शहर में रैपिड एक्शन फोर्स के जवान तैनात किए गए, स्थानीय प्रशासन ने नरोडा में बंद रखवा दिया.
कोडनानी नरेंद्र मोदी सरकार से जुड़ी पहली शख्स हैं जिन्हें दंगों का दोषी ठहराया गया है, साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों के समय हुए नरोडा पाटिया हत्या कांड मामले में कोर्ट ने कोडनानी और बाबू बजरंगी सहित 32 लोगों को दोषी ठहराया था, 31 दोषियों को जेल भेज दिया गया है जबकि एक दोषी फरार है, आरोपी नंबर 26 सुरेश लंगड़ा को भी बाबू बजरंगी की तरह ताउम्र जेल की सजा सुनाई गई है.
विपक्ष लगातार दंगों में मुख्यमंत्री मोदी की भूमिका होने के आरोप लगाता रहा है, लेकिन मोदी का साफ मानना है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है, वह इसी तर्क के आधार पर माफी की मांग को भी नकारते रहे हैं, हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर वह दोषी हैं तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाए, कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी का इस्तीफा मांगा तो बीजेपी ने सीएम का बचाव करते हुए कहा कि दंगों में उनका नाम बेवजह घसीटा जा रहा है... इस खबर पर आप अपनी राय सम्मान जनक शब्दों मैं दें!