Wednesday, 26 February 2014

बोस ने नहीं, एक मुसलमान ने दिया था जय हिंद का नारा!

https://www.facebook.com/smfaridbhartiहम अब तक यह मानते आए हैं कि सुभाष चंद्र बोस ने सबसे पहले जय हिंद का नारा दिया था। लेकिन हैदराबाद की महान शख्सियतों और लघुकथाओं पर आधारित एक किताब के अनुसार यह नारा सबसे पहले नेताजी के सचिव और दुभाषिये ने दिया था जो हैदराबाद के रहने वाले थे और जिन्होंने नेताजी के साथ काम करने के लिए जर्मनी में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दी थी।


अपनी किताब 'लेजेंड्स ऑफ हैदराबाद' में पूर्व नौकरशाह नरेन्द्र लूथर ने कई दिलचस्प लेख लिखे हैं जो अपने रूमानी मूल और मिश्रित संस्कृति के लिए प्रसिद्ध इस शहर से जुड़े दस्तावेजी साक्ष्यों, साक्षात्कारों और निजी अनुभवों पर आधारित हैं।

इनमें से एक दिलचस्प कहानी जय हिंद नारे की उत्पत्ति से जुड़ी है। लेखक के अनुसार यह नारा हैदराबाद के एक कलेक्टर के बेटे जैनुल अबिदीन हसन ने दिया था जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए जर्मनी गए थे।

लूथर के अनुसार द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नेताजी भारत को आजाद कराने को लेकर सशस्त्र संघर्ष के लिए समर्थन जुटाने जर्मनी चले गए थे।

उन्होंने कहा, 'नेताजी वहां भारतीय युद्ध कैदियों और अन्य भारतीयों से मिले और उनसे अपनी लड़ाई में शामिल होने की अपील की। हसन नेताजी से मिले और उनकी देशभक्ति एवं बलिदान की भावना से प्रेरित होकर अपनी पढ़ाई खत्म कर उनके साथ काम करने की बात कही।'
लेखक के अनुसार हसन बाद में इंडियन नेशनल आर्मी में मेजर बन गए और बर्मा (म्यामांर) से भारत की सीमा पार तक के मार्च में हिस्सा लिया। आईएनए तब इंफाल तक पहुंच गई थी। सप्लाई और हथियारों की कमी की वजह से उसे पीछे हटना पड़ा था।

लूथर ने लिखा है, 'नेताजी अपनी सेना और आजाद भारत के लिए एक भारतीय अभिभावन संदेश चाहते थे। बहुत सारी सलाहें मिलीं। हसन ने पहले हलो शब्द दिया। इसपर नेताजी ने उन्हें डपट दिया। फिर उन्होंने जय हिंद का नारा दिया जो नेताजी को पसंद आया और इस तरह जय हिंद आईएनए और क्रांतिकारी भारतीयों के अभिवादन का आधिकारिक रूप बन गया। बाद में इसे देश के आधिकारिक नारे के तौर पर अपनाया गया।

किताब में करीब 70 शख्सियतों, लघुकथाओं और संस्मरणों का जिक्र है। इसमें दक्कन पठार की खूबसूरत चट्टानों से लेकर भागमती़, निजाम के शासन और दूसरे काल के दौरान की घटनाक्रमों का वर्णन किया गया है। इस तरह किताब में ढेरों मजेदार कहानियां हैं।

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