Wednesday 10 February 2016

डर व दहशत में जी रहे देश के मुसलमान- जस्टिस सच्चर


दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस, मानवाधिकारवादी राजेन्द्र सच्चर ?

इलाहाबाद- मोदी सरकार के 20 महीने के शासनकाल में देश के मुसलमान डर व दहशत में जी रहे हैं, सरकार में बैठे लोग मुसलमानों की बेहतरी के लिए काम करने के बजाय खुद ही उनमें दहशत पैदा कर रहे हैं, यह बात सच्चर कमेटी के
चेयरमैन रहे दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राजेन्द्र सच्चर ने कही.


उन्होंने कहा कि खुद को हिन्दू बताकर आमिर और शाहरुख़ खान जैसे कलाकारों को देश से बाहर जाने की नसीहत देना धार्मिक असहिष्णुता को खुद ही जाहिर करता है, जस्टिस सच्चर ने कहा कि मुसलमानों की बेहतरी व उनकी सुरक्षा के सवाल पर मोदी सरकार फिलहाल पूरी तरह नाकाम साबित हुई है.

मुसलमानों को रिजर्वेशन देकर उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की सिफारिश करने वाली सच्चर कमेटी के चेयरमैन रहे दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राजेन्द्र सच्चर ने देश के मुसलामानों की हालत को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। जस्टिस सच्चर ने कहा है कि मोदी सरकार के बीस महीने के शासनकाल में मुसलमानों में डर व दहशत ही पैदा की गई है.

सरकार में बैठे लोगों द्वारा खुद के हिन्दू होने और मुसलमानों को देश छोड़ने की धमकी देने के बयानों ने यह साबित किया है कि मुसलमानों को लेकर मोदी सरकार कोई शर्म भी नहीं महसूस करती, उनके मुताबिक़ भारत के मुसलमान खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और मोदी सरकार सुशासन के झूठे दावे कर रही है.

जस्टिस सच्चर ने साफ तौर पर कहा है कि आमिर और शाहरुख़ खान जैसे कलाकारों का सिर्फ इसलिए विरोध किया जा रहा है, क्योंकि वे मुसलमान हैं, उनके मुताबिक़ वे खुलेआम यह कबूल करते हैं कि मोदी सरकार में धार्मिक असहिष्णुता बढ़ी है, लेकिन यही बात जब आमिर- शाहरुख़ या कोई दूसरा मुसलमान कहता है तो वह देशद्रोही हो जाता है.

जस्टिस राजेन्द्र सच्चर ने आरोप लगाया है कि मुसलामानों में जो डर व दहशत पैदा की जा रही है, उसमे खुद मोदी सरकार भी शामिल है, ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने कभी इसे रोकने की कोई कोशिश नहीं की। अगर सरकार खुद को इससे अलग मानती है तो उसे यह कबूल कर लेना चाहिए कि वह निकम्मी है और इसे रोक पाना उसके बस में नहीं है, उनके मुताबिक़ सरकार की तरफ से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि यह देश सिर्फ एक खास धर्म के लोगों का है और मुसलमानों को यहां रहने का कोई हक़ नहीं है.


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