अक्षय कुमार की हालिया हिट ‘एयरलिफ्ट’ एक बार फिर चर्चा में है, कुवैत संकट के दौरान से करीब एक लाख 70 हजार भारतीयों को सुरक्षित लौटाने वाली इस कहानी पर फिर एक सवाल खड़ा हुआ है, एक कैप्टन ने दावा किया है कि एयरलिफ्ट
में जैसा दिखाया गया वैसा कुछ हुआ ही नहीं था, बल्कि कैप्टन ने कहा है कि उसने खुद अपने पानी के जहाज से 725 भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकाला था.
कैप्टन जैनुल आबेदीन जुवाले ने अपने इस दावे के साक्ष्य के तौर पर उस दौरान की अखबार की कटिंग भी पेश की है, कैप्टन ने पूरी कहानी बताई है कि कैसे उसने अपने शिप ‘सफीर’ पर बिठाकर कुवैत से 725 भारतीयों को सुरक्षित निकाला था.
कैप्टन के मुताबिक यह बात 2 अगस्त 1990 की है। उस दौरान उनका शिप सफीर कुवैत के शुवैख बंदरगाह पर पहुंचा था, तबतक इराक की सेना कुवैत में घुस चुकी थी और पूरा नियंत्रण अब इराकियों के हाथ में था.
कैप्टन ने बताया कि इराकी सैनिकों ने उन्हें और उनके क्रू के 25 सदस्यों को हिरासत में ले लिया था ये भी बताया कि किसी भी तरह उन्होंने इराकी सैनिकों को भरोसे में लिया, इसके बाद उन्होंने न केवल अपने क्रू मेंबर्स की जान बचाई, बल्कि चतुराई से 725 भारतीयों को भी अपने कार्गो शिप पर सवार कर लिया, कैप्टन के मुताबिक भारतीयों का यह पहला बैच था जिसे सुरक्षित बाहर निकाला गया, कैप्टन के पास उन सभी भारतीयों के पासपोर्स नंबर की लिस्ट भी है, जिन्हें बचाया गया.
इसके अलावा सभी की तरफ से दिया गया शुक्रिया का पत्र भी उन्होंने रखा हुआ है, उस दौरान इंटरनैशनल मीडिया में उनके इस काम की रिपोर्टिंग भी हुई थी, अखबारों की कतरनें आज भी उनके पास हैं.
कैप्टन ने बताया कि उनके इस प्रयास को कभी तवज्जो नहीं मिली उन्हें दुख होता है जब कुवैत में भारतीयों के रेस्क्यू का दावा कोई और करने लगता है.
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