Wednesday, 10 August 2016

भारत को शर्मसार करने वाला भ्रष्टाचार विविध भ्रष्टाचार?

एस एम फ़रीद भारतीय
दोस्तों समय-समय पर समाचार आते हैं कि राज्य सभा की सदस्यता १ करोड़ में खरीदी जा सकती है ?
मंत्रियों, सांसदों, विधायकों की सम्पत्ति एक-दो वर्ष में ही दीन-चार गुनी हो जा रही है ?
समय-समय पर विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में
लाखों रूपए लेकर परीक्षा में नकल कराकर मेरिट सूची में लाने के समाचार आ रहे हैं ?
संसद में प्रश्न पूछने के लिए पैसे लेना ?
पैसे लेकर विश्वास-मत का समर्थन करना ?
राज्यपालों, मंत्रियों आदि द्वारा विवेकाधिकार का दुरुपयोग?

शिक्षा में भ्रष्टाचार- रूपये लेकर स्कूलों/कॉलेजों में प्रवेश देना, विद्यालयों द्वारा सामूहिक नकल कराना, प्रश्नपत्र आउट करना, पैसे लेकर पास कराना और बहुत अधिक अंक दिलाना, जाली प्रमाणपत्र और मार्कशीट बनाना ?
चिकित्सकों का भ्रष्टाचार : आनावश्यक जाँच लिखना, जेनेरिक दवायें न लिखना, भ्रूण की जाँच करना और लिंग परीक्षण करना ?
वकीलों द्वारा भ्रष्टाचार : अपने विरोधी को रहस्य बता देना, तारीख पर तारीख डालना, मुकदमे को कमाई का साधन बना देना ?
अवैध गृहनिर्माण (हाउसिंग) ? आदि.
क्या कभी इन कारनामों को करते हुए सोचा है कि ये भ्रष्टाचार देश के सबसे बड़े ओर शर्मसार करने वाले हैं? 
अगर हां तब एकाध मामले को छोड़ किसको कब कितनी सज़ा हुई ओर जिनको सज़ा हुई क्या उनको बचाने की कोशिश नहीं की गई ओर अगर की गई तब बचाने वाले किसको सज़ा मिली?

होता ये है कि ऐसे देश के दुश्मन को जनता के बीच भेज दिया जाता है जहां जनता अपने विवेक से नहीं जज़्बातों से काम करती है ओर नतीजा वही मतलब जीत के साथ आरोपों से बरी.
कब बदलेगा मेरे मुल्क का ये नज़रिया,  मैं तो बस ये जानता हुँ जब तक ये नज़िरया है तब तक मुल्क मैं तरक्की की बुनियाद नहीं पड़ेगी.

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