आज जहां तमाम मुल्क की पालिटिकल पार्टियां ओर जनता अचम्बे मैं हैं भाजपा की जीत से वहीं भाजपा के ख़ुद के लोग भी इस जीत को नहीं पचा पा रहे हैं वो भी दबी ज़ुबान मैं कहने लगे हैं कि कहीं ना कहीं
Wednesday, 12 April 2017
तीन तलाक़ या औरतों की हिमायत कौन ओर क्यूं समझने की ज़रूरत है...?
"मेरे मन की बात"
एस एम फ़रीद भारतीय
एस एम फ़रीद भारतीय
सवाल नम्बर एक औरत यानि बेटियों को मां की कौख मैं मारने वाला कौन,
इस्लाम या कोई ओर...?
इस्लाम ने बेटियों को जीने का हक़ ही नहीं दिया बल्कि
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गाज़ा में पत्रकार भूख से मर रहे हैं- अल जज़ीरा...?
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