एस एम फ़रीद भारतीय
एक गरीब ख़ानदान में एक ख़ूबसूरत सी बेटी पैदा हुई, बाप परेशान हो गया कि बेटा पैदा होता तो कम से कम काम में तो हाथ बटाता, उसने बेटी को पाला जरूर, मगर दिल से नही वो पढ़ने जाती थी तो, ना ही स्कूल की फीस टाइम से जमा करता, और ना ही कापी किताबों पर
ध्यान देता था, अक्सर शराब पीकर घर में कोहराम मचाता था।
लेकिन लड़की की माँ बहुत अच्छी व बहुत भोली भाली थी वो अपनी बेटी को बड़े लाड़ प्यार से रखती थी, वो पति से छुपा-छुपा कर बेटी की फीस जमा करती और कापी किताबों का खर्चा देती थी, अपना पेट काटकर फटे पुराने कपड़े पहनकर गुजारा कर लेती थी, मगर बेटी का पूरा खयाल रखती थी पति अक्सर घर से कई कई दिनों के लिये गायब हो जाता था, जितना कमाता शराब मे ही फूक देता।
वक्त का पहिया घूमता गया…
बेटी धीरे-धीरे समझदार हो गयी, दसवीं क्लास में उसका एडमिशन होना था, माँ के पास इतने पैसै ना थे जो बेटी का स्कूल में दाखिला करा पाती, बेटी डरते डरते हुऐ पापा से बोली पापा मैं पढ़ना चाहती हूं मेरा हाईस्कूल में एडमिशन करा दीजिए मम्मी के पास पैसै नही है!
बेटी की बात सुनते ही बाप आग बबूला हो गया और चिल्लाने लगा बोला:- तू कितनी भी पढ़ लिख जाये तुझे तो चूल्हा ही सम्भालना है क्या करेगी तू ज्यादा पढ़ लिखकर, उस दिन उसने घर में आतंक मचाया व सबको मारा पीटा, बाप का रूप देखकर बेटी ने मन ही मन में सोच लिया कि अब वो आगे की पढाई नही करेगी, एक दिन उसकी माँ बाजार गई, बेटी ने पूछा माँ कहॉ गयी थी, माँ ने उसकी बात को अनसुना करते हुये कहा:- बेटी कल मै तेरा स्कूल में दाखिला कराउगी, बेटी ने कहा: नही़ं माँ मै अब नही पडूगी मेरी वजह से तुम्हे कितनी परेशानी उठानी पड़ती है पापा भी तुमको मारते पीटते हैं कहते कहते रोने लगी, माँ ने उसे सीने से लगाते हुए कहा:- बेटी मै बाजार से कुछ रुपये लेकर आयी हूं, मै कराऊंगी तेरा दखिला.. बेटी ने माँ की तरफ़ देखते हुए पूछा: माँ तुम इतने पैसै कहां से लाई हो, माँ ने उसकी बात को फिर अनसुना कर दिया।
वक्त बीतता गया,
माँ ने जी तोड़ मेहनत करके बेटी को पढ़ाया लिखाया बेटी ने भी माँ की मेहनत को देखते हुए मन लगाकर दिन रात पढाई की और आगे बढ़ती चली गई।
इधर बाप दारू पी पीकर बीमार पड़ गया डाक्टर के पास ले गये डाक्टर ने कहा इनको टी.बी. है, एक दिन तबियत ज्यादा गम्भीर होने पर बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया, दो दिन बाद उसे जब होश आया तो डाक्टरनी का चेहरा देखकर उसके होश उड गये, वो डाक्टरनी कोई और नही बल्कि उसकी अपनी बेटी थी।
शर्म से पानी पानी बाप कपड़े से अपना चेहरा छुपाने लगा और रोने लगा हाथ जोड़कर बोला: मेरे अल्लाह ओर मेरी बेटी मुझे माफ़ करना मैं तुझे समझ ना सका।
दोस्तों बेटी आखिर बेटी होती है बाप को रोते देखकर बेटी ने बाप को गले लगा लिया.. दोस्तों गरीबी और अमीरी से कोई फर्क नहीं पडता, अगर इन्सान का इरादा हो तो आसमान में भी छेद हो सकता है!
किसी ने खूब कहा:-
“कौन कहता है कि आसमान मे छेद नही हो सकता,
अरे एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो॥
एक दिन बेटी माँ से बोली: माँ तुमने मुझे आज तक नहीं बताया कि मेरे हाईस्कूल के एडमिशन के लिये पैसै कहाँ से लायी थी, बेटी के बार बार पूछने पर माँ ने जो बात बताई उसे सुनकर बेटी की रूह काँप गई, माँ ने अपने जिस्म का खून बेचकर बेटी का एडमिशन कराया था!
दोस्तों तभी तो मॉ को अल्लाह ने आला दर्जा दिया है, माँ जितना औलाद के लिये कर सकती है, उतना दुनियाँ में कोई और नही.!!
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