एस एम फ़रीद भारतीय
मानो या ना मानो यह सच है, देर से कटी प्याज का कभी इस्तेमाल ना करें, प्याज हमेशा फ़ौरन काट कर खाएं, काटकर रखी प्याज दस मिनिट में अपने आस पास के सारे कीटाणु को अपने पास खींच लेती है.
यह वैज्ञानिक तौर पर भी साबित हो चुका है, जब भी किसी मौसमी बीमारी का प्रकोप फैले घर में सुबह शाम हर कमरें में प्याज काट कर रख दें, बाद में उसे फैंक दें, महफ़ूज़
रहेंगें इंशाअल्लाह.
सन 1919 में फ्लू से चार करोड़ लोग मारे जा चुके थे तब एक डॉक्टर कई किसानों से उनके घर इस प्रत्याशा में मिला कि वो कैसे इन किसानों को इस महामारी से लड़ने में सहायता कर सकता है, बहुत सारे किसान इस फ्लू से ग्रसित थे और उनमें से बहुत से मारे जा चुके थे.
डॉक्टर जब इनमें से एक किसान के संपर्क में आया तो उसे ये जानकर बहुत आश्चर्य हुआ जब उसे ये मालूम हुआ कि सारे गाँव के फ्लू से ग्रस्तहोने के बावजूद ये किसान परिवार बिलकुल स्वस्थ्य था तब डॉक्टर को ये जानने की ख़्वाहिश जागी कि ऐसा इस किसान परिवार ने सारे गाँव से हटकर क्या किया कि वो इस जान लेवा महामारी में भी ठीक थे, तब किसान की बीवी ने उन्हें बताया कि उसने अपने मकान के दोनों कमरों में एक प्लेट में बिना छिली प्याज रख दी थी तब डॉक्टर ने प्लेट में रखी इन प्याज को माइक्रोस्कोप से देखा तो उसे इस प्याज में उस घातक फ्लू के बैक्टेरिया मिले जो इस प्याज ने खींचकर अपने मैं इकठ्ठा कर लिए गए थे और शायद यही वजह थी कि इतनी बड़ी जानलेवा महामारी में ये परिवार बिलकुल ठीक ओर तंदरूस्त रहा, क्योंकि फ्लू के वायरस इन प्याज के ज़रिये सोख लिए गए थे.
अपने एक दोस्त जो अमेरिका में रहते थे और मुझे हमेशा स्वास्थ्य संबधी मुद्दों पर बेहद कामयाब जानकारी भेजते रहते हैं तब उन्होंने प्याज के संबध में बेहद महत्वपूर्ण जानकारी/ अनुभव मुझे भेजा, उनकी इस बेहद रोचक कहानी के लिए धन्यवाद, क्योंकि मुझे इस किसान वाली कहानी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
एक बार जब मैं न्यूमोनिया से ग्रसित था और कहने की ज़रूरत नहीं कि मैं बहुत कमज़ोर महसूस कर रहा था तब मैंने एक लेख पढ़ा था जिसमें ये बताया गया था कि प्याज को बीच से काटकर रात में न्यूमोनिया से ग्रस्त मरीज़ के कमरे में एक जार में रख दिया जाये और सुबह यह देखकर बेहद आश्चर्य हुआ कि प्याज सुबह कीटाणुओं की वज़ह से बिलकुल काली हो गई थी.
तब मैंने भी अपने कमरे में वैसे ही किया और देखा अगले दिन प्याज बिलकुल काली होकर खराब हो चुकी थी और मैं काफी स्वस्थ्य महसूस कर रहा था.
कई बार हम पेट की बीमारी से दो चार होते है तब हम इस बात से अनजान रहते है कि इस बीमारी के लिए किसे गुनाहगार ठहराया जाए, तब बेशक प्याज को इस बीमारी के लिए गुनाहगार ठहराया जा सकता है.
प्याज बैक्टेरिया को अवशोषित कर लेती है यही वजह है कि अपनी इसी ख़ूबी से प्याज हमें ठण्ड और फ्लू से बचाती है.
लिहाज़ा वो प्याज बिलकुल नहीं खाना चाहिए जो बहुत देर पहल काटी गई हो और प्लेट में रखी गई हो, ये जान लें कि "काटकर रखी गई प्याज बहुत ज़हरीली होती है".
जब कभी भी फ़ूड पॉइसनिंग के कैस अस्पताल में आते हैं तो सबसे पहले इस बात की जानकारी ली जाती कि मरीज़ ने अंतिम बार प्याज कब खाई थी और वे प्याज कहाँ से आई थीं खासकर सलाद में.
तब इस बीमारी के लिए या तो प्याज दोषी हैं या काफी देर पहले कटे हुए "आलू " प्याज बैक्टेरिया के लिए "चुंबक "की तरह काम करती हैं खासकर कच्ची प्याज.
आप कभी भी थोड़ी सी भी कटी हुई प्याज को देर तक रखने की गलती ना करें ये बेहद खतरनाक हैं, यहाँ तक कि किसी बंद थैली में इसे रेफ्रिजरेटर में रखना भी ठीक नहीं है.
प्याज ज़रा सी काट देने पर ये बैक्टेरिया से ग्रसित हो सकती है औए आपके लिए खतरनाक हो सकती है, अगर आप कटी हुई प्याज को सब्ज़ी बनाने के लिए इस्तेमाल कर रहें हो तब तो ये ठीक है मगर यदि आप कटी हुई प्याज अपनी ब्रेड पर रखकर खा रहें है तो ये बेहद खतरनाक है ऐसी स्थिति में आप मुसीबत को न्योता दे रहें हैं, याद रखें कटी हुई प्याज और कटे हुए आलू की नमी बैक्टेरिया को तेज़ी से पनपने में बेहद सहायक होता है, ओर कुत्तों को कभी भी प्याज नहीं खिलाना चाहिए क्योंकि प्याज को उनका पेट का मेटाबोलिज़ कभी भी नहीं पचाता.
कृपया ध्यान रखे कि "प्याज को काटकर अगले दिन सब्ज़ी बनाने के लिए नहीं रखना चाहिए क्योंकि ये बहुत खतरनाक है यहाँ तक कि कटी हुई प्याज एक रात में बहुत विषाक्त हो जाती है क्योंकि ये टॉक्सिक बैक्टेरिया बनाती है जो पेट खराब करने के लिए पर्याप्त रहता है"
ग़ौर से पढ़ने के लिए शुक्रिया
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