Tuesday, 15 August 2017

नहीं कहूंगा मैं वंदेमातरम् बोलो क्या करोगे लुटेरा बन जाऊं क्या मैं भी ?

एस एम फ़रीद भारतीय
नहीं कहूंगा मैं वंदेमातरम् या जन गण मन बोलो क्या करोगे ?
तुमने वंदेमातरम् या जनगणमन कहकर क्या किया इस मुल्क के साथ मैं बताऊं ?
हर बार, बार बार हमसे ही क्यूं देश की वफ़ादारी का सबूत मांगा जाता है, क्यूं हर बार, बार बार हम पर शक किया जाता है, क्या बुरा किया है ऐसा हमने अपने महबूब वतन के ख़िलाफ़ कोई सबूत है तो दो हमको ?

ओर रही बात वफ़ादारी के साथ देश पर मर मिटने के साथ देश की ख़ूबसूरती मैं चार चांद लगाने की तब भी हम किसी बड़े देशभक्त
से पीछे नहीं हैं !
हां हम कबूल करते हैं हम भूखा रहना पसंद करते हैं लेकिन मुल्क से ग़द्दारी ना हमारे पुरखों ने की थी ओर ना ही हम करेंगे, कल भी मुल्क पर अपनी जान को न्योछावर किया था ज़रूरत पड़ने पर आगे भी करेंगे !
अब आप बताओ क्या वन्देमातरम गाने से या जनगणमन गाने से देशभक्ति पैदा होती है ? तब देश से भ्रस्टाचार क्यूं ख़त्म नहीं हुआ ? क्यूं देश को वंदेमातरम् ओर जनगणमन कहकर लूटा जा रहा है ?
हम मुस्लिम्स का नौकरी मैं कितना हिस्सा है 1% या 1.5% ही ना ? अब बताओ देश मैं घोटाले करने वाले कौन हुए ? दूसरे वन्देमातरम ही से देशभक्ति मानी जाता है तब महाराणा प्रताप तो देशभक्त नहीं हुए क्यूंकि उनके समय मैं तो ये था ही नहीं ?
वैसे मुझे वन्देमातरम तो क्या राम राम, नमस्कार, सतश्रीअकाल, जय हिन्द, जय माता दी, आदाब, अस्सलामु अलेकुम वगैरा वगैरा किसी को बोलने या कहने में कोई परेशानी नहीं जब से बोलना सीखा है ये सब वालिदेन के कहने पर किसी ना किसी को बोलते आये हैं ओर आज भी बोल रहे हैं, पर हां इतना यकीन ज़रूर है कि इन सबसे देशभक्ति का कोई लेना देना नहीं है ओर ना ही ये देशभक्ति को नापने के पैमाने हैं.
हां आज देश की जनता को भवानाओं मैं बहाकर लूटा या लूटने का ज़रिया ज़रूर बनाया जाता रहा है ?
आज जो कुछ देश मैं हो रहा है या पहले हुआ है वो क्या देशहित मैं था ? देश को जोड़ने वाला था ?
जिन्होंने घोटाले किये वो कौन हैं क्या वो वंदेमातरम् गाने के साथ मुल्क मैं संविधान के अनुसार शपथ लेने वाले नहीं थे ?
या 
जो आज देश को दोनों हाथों से लूट ओर लुटवा रहे हैं क्या वो वंदेमातरम् कहने वाले गाने वाले बोलने वालों के साथ जबरन थोपने वाले नहीं हैं ?
मैं अगर साफ़ कहूं कि देश को वंदेमातरम् कहकर ही लूटा जाता है ओर हम लोग देश को लूटना नहीं देश की सेवा करना चाहते हैं इसलिए वंदेमातरम् नहीं कहना चाहते तब क्या हमको आप गुनाहगार साबित करोगे क्या हम कोई गुनाह कर रहे हैं वंदेमातरम् ना बोलकर ?
फिर हमारे देश का संविधान ओर सर्वोच्च न्यायालय कह चुकी है किसी पर जबरन वंदेमातरम् नहीं थोपा जा सकता या जन गण मन नहीं थोपा जा सकता ये मन से होता है हम वो गुनाह नहीं करना चाहते जो लोग इसकी आड़ मैं कर रहे हैं, किया है या करने का इरादा रखते हैं !
दूसरे मेरा सवाल अब आपके सवाल के जवाब के बाद मैं सारेजहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा मैं बुरा क्या है ?
शालीनता ओर सभ्यता से जवाब दें ?
जयहिंद

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