Sunday, 21 January 2018

उत्तम प्रदेश का सपना सपना ही रहेगा क्यूं एक नज़र कड़वे सच पर भी ?

एस एम फ़रीद भारतीय 
बहुत सालों से उत्तरप्रदेश से अलग पश्चिमी उत्तरप्रदेश की मांग ज़ोर शोर से की जा रही है कभी हरितप्रदेश के नाम पर, कभी पश्चिमांचल के नाम के साथ अनेक नामों के नाम पर ओर आज उत्तमप्रदेश के नाम पर ये मांग अपनी परेशानियों के आधार पर की जा रही है लेकिन क्या मांग करने वालों का सपना पूरा होगा ?

नहीं मुझको नहीं लगता ये सपना कभी पूरा होगा क्यूं इसका एक
बड़ा कारण है जिस सपने को पूरा करने की मांग यहां के निवासी उठा रहे हैं जिनमें से एक मैं भी हुँ उनमें से अधिकतर लोग एक हक़ीकत से अंजान हैं, जानते हैं वो हक़ीकत क्या है, क्या है वो कड़वा सच ?
आज उसी कड़वे सच से आप सभी को रूबरू कराते हैं कि क्यूं ये प्रदेश अलग राज्य नहीं बन सकता क्या है हिंदू मुस्लिम की राजनीति करने वालों की नज़र मैं इस इलाके के लोगों की बड़ी समस्याओं को नज़रांदाज़ करने की वजह, ओर मैं दावे के साथ कह सकता हुँ मेरे इस लेख के साथ सच्चाई जानने के बाद कुछ साथी अपने को इस मुहिम से अलग कर लेंगे, क्यूंकि बड़ी कुर्बानी देने के बाद भी ये हमको हमारा हक़ अलग राज्य के रूप मैं नहीं मिल सकता है !
हां ये ज़रूर होगा जब कुछ हमारी समस्याओं के निदान के लिए दूसरे रास्ते से रूप रेखा तैयार की जाये !
मुझको याद है इस अलग प्रदेश की मांग सबसे पहले कांग्रेस के आज के प्रदेशाध्यक्ष  राजबब्बर जी ने सबसे पहले उठाया था लेकिन जिस ज़ोर शोर से इस मांग को वो लेकर चले थे दो चार मीटिंगों के बाद उसी तरहां अंधकार मैं ये मांग डूबती चली गई थी !
उसके बाद चौ अजीत सिंह जी हरितप्रदेश की मांग इस राज्य के लिए लेकर आये तब भी यही हुआ उसके बाद चौ देवीलाल ने ये मांग उठाई लेकिन सबका हशर यही हुआ कि कुछ लोगों को औहदे मिलते गये ओर ये मांग जैसे उठती आई थी वैसे ही दफ़न होती रही, जबकि इस मांग के बाद जो मांगे अलग राज्यों की की गई वो उनको कुछ कुर्बानियों के बाद झारखंड, उत्तराखंड ओर तैलंगाना के रूप मैं मिल गई !
तब बहुत सोचने के बाद दिमाग पर ज़ोर देने के बाद समझ मैं आया कि हमारी परेशानियों को नज़रांदाज क्यूं किया जा रहा है तब जो कड़वा सच सामने आया वो है हम मुस्लिम लोग, जी सही कह रहा हुँ मैं ओर दावे के साथ कह रहा हुँ सभी प्रदेशों मैं जन समस्याओं को लेकर अलग प्रदेश की मांगों को जायज़ मान कर पूरा किया जा सकता है लेकिन सहारनपुर से लेकर आगरा तक के प्रदेश की मांग को बड़ी बड़ी कुरबानियां देने बाद भी पूरा नहीं किया जा सकता, बल्कि हो सकता है इस मांग के ज़ोर पकड़ने पर देशद्रोह का मुलज़िम माना जाये ?
जानते हैं क्यूं क्यूंकि ज़्यादातर मांग करने वाले गैर राजनेतिक लोग नहीं जाने कि इस इलाके मैं मुस्लिम यानि हम लोग बहुसंख्यक है ओर देश पर राज करने वाली कट्टरपंथी सरकार हो या सेकुलर के नाम पर उल्लू बनाने वाली सरकार हो सब जानते हैं कि अगर इस इलाके को अलग राज्य का दर्जा दिया गया तब ये भी पंजाब की तरहां एक मुस्लिम रियासत बन जायेगी जो एक दिन पूरी तरहां मुस्लिम विधायकों से लेस होने के बाद अपने नियम कानून बनाकर देश मैं ईमानदारी की एक मिसाल कायम करेगी जो देश की बाकी रियास्तों के लिए ख़तरा होगी ओर हिंदूं मुस्लिम की राजनीति करने वालों की दुकाने बंद हो जायेंगी !
मेरे ये लेख एक कडवी सच्चाई है मांग करने वाले निगाह उठाकर देखें कि क्या हम जो मांग कर रहे हैं क्या इस हालात मैं हमारी ये मांग अपनी परेशानियों के लिए बेशक जायज़ है लेकिन क्या मुस्लिमों की बहुसंख्या होने के बाद ये पूरी की जा सकती है ?
अगर की जानी होती तब उत्तराखंड ओर झारखंड के अलग राज्य घोषित करने के साथ की जा चुकी होती, क्यूं पहले आवाज़ उठाने वाले चुप होकर बैठ गये क्या परेशानियों के लिहाज़ से उनकी ये मांग जायज़ नहीं थी, जायज़ थी लेकिन जो नज़रिया मैने पेश किया है जब वो सामने आया तब नाजायज़ बन गई.
लिहाज़ा अब भी वही होगा कुछ लोगों को लाभ देकर मुंह बंद कर चुप बिठा दिया जायेगा ओर बाकी तो बाकी मैं हैं ही !
किसी को मेरी कडवी क़लम से दुख पहुंचा हो तो मांफ़ी चाहुंगा मेरा मकसद इस मांग या मुहिम मैं रूकावट पैदा करना कतई नहीं हैं हां एक कडवा सच आपके सामने लाकर सोच विचार कर इस पहलू को भी निगाह मैं रखकर काम करने की सलाह ज़रूर है ।
जय जवान, जय किसान 
जय हिंदोस्तान, जय उत्तमप्रदेश

No comments:

Post a Comment

अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !

सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...