बीते तीन दिन पहले दस अक्तूबर को बुलंदशहर सदर सीट के पूर्व विधायक हाजी को उनके बंद कमरे मैं मृत पाया गया था, पहले मौत की अफ़वाह हार्ट अटैक रही, बाद मैं ब्रेन हैमरेज बताया जाने लगा ओर दोपहर को पुलिस ने जब शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा तब कनपटी मैं गोली लगी होने
का खुलासा हुआ, जो पहले भी लिखा जा चुका है.
अब सवाल है जब मृतक विधायक के भाई हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराना चाहते हैं तब पुलिस ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने मैं आना कानी की है ऐसी सूचना सूत्रों से मिल रही है जो कई सवाल खड़े करती है कि क्या पुलिस जांच को अब भी किसी दूसरे तरीके से यानि ख़ुदकुशी मानकर कर रही है, जबकि मृतक के कमरे मैं दो गोलियां मिल चुकी हैं, क्या पुलिस ये मान कर चल रही है कि विधायक ने खुदकुशी की है ओर पहली गोली लोड कर चलाने के बाद दूसरी गोली भी पिस्टल के आटो मैटिक होने पर अपने आप हाथ के दबाव से चल गई...?
अगर ऐसा है तब पुलिस की थ्यौरी ही ग़लत है, पहले तो ऐसा हो ही नहीं सकता है, मान लो किसी वजह से ऐसा हुआ हो तब पिस्टल दूसरे फ़ायर के बाद हाथ से छिटककर दूर नहीं जाता दूसरे फ़ायर का निशान भी दीवार पर करीब चार फुट से ज़्यादा ऊपर कहीं होना चाहिए।
पूर्व विधायक के परिजनों का भी ये मानना कि कोई कमरे मैं पहले ही से छुपा था डूपलीकेट चाबी से दरवाज़ा खोलकर तब ऐसा करने वाला भी बाहर का नहीं हो सकता है ओर अगर किसी के पास डुप्लीकेट चाबी है तब वो पहले से कमरे मैं क्यूं छुपेगा, वो तो सोने का इंतज़ार करेगा ये हमारी सोच है, छुपे होने से भी हम इनकार नहीं कर रहे.
अब सब कुछ फ़ारेंसिक जांच पर टिका है जिसका इंतज़ार पुलिस भी कर रही है, कई तरीकों से फ़ारेंसिक टीम ने अपनी जांच की है, गोलियों का मिलान, गन पाउडर ओर फिंगर प्रिंट को बड़ी बारीकी से फ़ारेंसिक टीम जांच के लिए सबूत जुटाऐ हैं अब उसी जुटाये गये सबूतों का इंतज़ार पुलिस को है, जिसकी सोमवार या मंगलवार तक आने की उम्मीद है, तब तक यूं ही हमको भी बाकी हालातों पर नज़र दौड़ानी होगी...
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