Tuesday 17 December 2019

एक सवाल मंदबुध्दि से, CAA ओर NRC लागू ओर विरोध करने वाले दानिशवरों से...?

एस एम फ़रीद भारतीय
दोस्तों कोई भी सवाल पर कमेंटस करने से पहले पोस्ट को पूरा पढ़ लें उसी के बाद अपनी राय दें, ये सवाल हो सकता है मेरा बेवकूफ़ाना
हो, लेकिन सवाल करने का हक़ मुझको है ओर में सवाल भी उन दोनों दानिशवरों से कर रहा हुँ जो CAA ओर NRC को लागू करने पर तुले हैं ओर दूसरे वो जो इसका विरोध कर रहे हैं.

आपको बता दूं कि में भी विरोध की लाईन में खड़ा हुँ किसी एक मज़हब का होने के नाते नहीं बल्कि एक भारतीय होने के नाते जो मेरा हक़ है, सवाल सबसे पहले इसको लागू करने वालों से जो इस अशांति फ़ैलाने वाले बिल को लाकर ख़ुद ही अपनी पीठ ठोंक रहे हैं, अजीब अजीब दलीलें देकर ये भी चिल्ला चिल्लाकर बोल रहे हैं कि हमको 303 सीटें यूं ही नहीं मिली हैं.

हमने नहीं कहा आपको ये सीटें यूं ही मिली हैं हम भी जानते हैं ये सीटें आपको जनता ने आपके किये गये वादों पर आपको बड़े बहुमत के साथ चुना, मगर आपने क्या इनाम जनता को दिया ये इस सवाल का विषय नहीं है, सवाल क्यूंकि दोनों पक्षों है तब सवाल भी अहम ही होगा, अब आते हैं असली सवाल पर...?

सबसे पहले CAA ओर NRC लागू करने वालों से कि आप ये बतायें कि इन दस्तावेजों में से देश की नागरिकता का सबसे प्रमाणित दस्तावेज़ कौनसा है, 
1. जन्म प्रमाण पत्र, 
2. राशन कार्ड, 
3. स्कूल की मार्क शीट, 
4. घर ज़मीन के दस्तावेज़, 
5. किसी कारोबार के दस्तावेज़ 
6. पहचान पत्र (वोटर आई डी)
7. ड्राइविंग लाईसेंस 
8. आधार कार्ड
9. पेन कार्ड
10. पासपोर्ट
11. माता पिता की सरकारी नौकरी का रिकार्ड
12. बैंक अकाऊंट या कोई ओर सरकारी दस्तावेज़ जो जाति धर्म को दर्शाता हो.

सरकार को लागू करने से पहले इनमें से कौनसा दस्तावेज़ इसकी पहचान के लिए मान्य होगा ये जनता को बताना चाहिए था, क्यूंकि सरकार को मालूम है जितने भी सरकारी दस्तावेज़ आज देश में सरकार ने बनाये हैं उनमें भी आजतक कमियां सामने आ रही हैं, कहीं कहीं तो ऐसा है कि किसी के पास ये सारे दस्तावेज़ तो हैं मगर सभी में नामों के अंदर कहीं ना कहीं कोई ना कमी सरकारी कर्मचारी या ख़ुद की लापरवाही की वजह से मौजूद हैं.

अब सवाल इस कानून के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों से भी जो इसका भरी ठंड में विरोध तो कर रहे हैं मगर असल सवाल ना तो किसी ने संसद में सरकार से किसी ने किया जो यही था कि किस दस्तावेज़ से नागरिकता तय करोगे...?

अगर सरकार इस बिल में ये जोड़ देती कि वो सभी दस्तावेज़ मान्य होंगे जो सरकारी विभाग से जारी किये गये हैं या इनमें से एक दो या तीन दस्तावेज़ लागू होगें तब विरोध अगर भारतीयों के ख़िलाफ़ जाने के बाद बनता है, मगर विरोध करने वाले भी बस बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं जो फ़िलहाल जायज़ है, क्यूंकि ये कमी सरकार ने बिल को लागू करते में छोड़ने के साथ CAA को इसके साथ जोड़कर इस राजनैतिक बना दिया है.

मेरी नज़र में मौजूदा सरकार को राजनीति बंद कर पहले अपने बहुमत का सम्मान कर देश ओर जनहित के कार्य कर लोगों का दिल जीतना चाहिए आम हिंदुस्तानी को कोई फ़र्क नहीं पड़ता सरकार किसकी है, देश हिंदु राष्ट्र है या मुस्लिम राष्ट्र, जनता अपना सुख देखती है सभी को रोज़गार ओर व्यापार दो वक़्त की रोटी की कमाई जनता को सुख के साथ ख़ुशी देने के लिए काफ़ी है.

भारत को महान इसीलिए कहा जाता रहा है क्यूंकि यहां कोई किसी के धर्म पर वार नहीं करता, सब धर्म को अपने धर्म के अनुसार पूजा पाठ ओर रहन सहन का अधिकार हमेशा ही रहा है, यही इतिहास में दर्ज भी है ओर शायद हमेशा इतिहास रहेगा, कुछ छोटी मोटी घटनाऐं देश की एकता को तोड़ नहीं सकती, या कुछ इतिहास को बदलने वालों से इतिहास नहीं बदलने वाला...!
जय हिंद जय भारत

1 comment:

  1. आपका सवाल बिल्कुल जायज़ है। अब आप एक बात ये भी बताइये कि ये ही सरकार SC/ST ACT और RESERVATION के खिलाफ़ बिल लाई थी तो फ़िर उसे क्यूँ वापस ले लिया था ❓उसके खिलाफ़ तो इतना व्यापक प्रदर्शन भी नहीं हुआ था ❓

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