"एस एम फ़रीद भारतीय"
कहानी पुरानी है मगर सौलहआना सच है, एक बड़े भाई जैसे दोस्त ने ये लेख लिखने का मौक़ा दिया है तो सोचा बहुत कुछ नहीं तो थोड़ा तो लिख ही दो दास्तान बचपन की बहुत याद हैं मगर ये दास्तान लिखने का मौक़ा एक सवाल और तस्वीर के साथ मिला है, तब कुछ यादें ताज़ा करते हैं.
पुराने ज़माने मैं पहले कुछ अमीर घरों में कुआँ होता था, जिस किसी को पानी चाहिए तो बाल्टी लीजिये और कुएं से पानी भर