Wednesday, 13 January 2021

लोकतंत्र ख़तरे मैं है, क्या अब ख़तरे से बाहर हो चुका साहब...?

सम्पादकीय- एस एम फ़रीद भारतीय
साथियों, 
           आपको याद होगा कि किस तरहां 12 जनवरी 2017 को शुक्रवार ते दिन सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये बात जनता के बीच रखी थी कि भारतीय लोकतंत्र को खतरा है, उन्होनें कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, इन चारों जजों ने चीफ जस्टिस पर ये आरोप लगाए थे कि वो रोस्टर को अपने तरीके से चला रहे थे, यानी कि किस बेंच को कौन से मामले की सुनवाई करनी है इसमें चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा अपनी मनमानी चला रहे हैं.

तब प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर मामलों को उचित पीठ

Tuesday, 12 January 2021

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानून पर जो जांच कमिटी बनाई है, उस पर आवाज़ उठना वाजिब...?

सम्पादकीय- *एस एम फ़रीद भारतीय
सम्पादक- *एनबीटीवी इंडिया डॉट इन*
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस चार सदस्यों की एक समिति का गठन किया है उसमें *भारतीय किसान यूनियन के भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन के अनिल घनवत, डॉक्टर प्रमोद कुमार जोशी और अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी को शामिल किया गया है.*

मगर इन चारों ही व्यक्ति कृषि कानून के जानकार होने के साथ सरकार के ही पक्षकार रहे हैं, यही आवाज़ आज किसान के

Thursday, 7 January 2021

किसान आन्दोलन की सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट क्यूं शाहीनबाग केस की तरहां लम्बा खींच रही है...?

पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले सुनवाई की और प्रदर्शन को किसानों का हक बताया था, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस कानून को होल्ड पर डालने की संभावनाएं तलाशने को भी कहा था, क्या सरकार ने कानून को होल्ड किया...?
आपको बताते हैं सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान 10 बड़े सवाल क्या थे...?

1. सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि क्या सरकार अदालत को यह आश्वासन दे सकती है कि जब तक इस मामले पर कोर्ट सुनवाई न करे, केंद्र कानून को लागू न करें, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस कानून को होल्ड पर डालने की संभावनाएं तलाशने को भी कहा है.

2. तब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई टाल दी थी, कोर्ट ने कहा था कि वह किसानों से बात करने के बाद ही अपना फैसला सुनाएगे, तब अदालत में किसी किसान संगठन के न होने की वजह से कमेटी बनाने को लेकर फैसला नहीं हो सका था.

3. आगे इस मामले की सुनवाई दूसरी बेंच करेगी, चूंकि, सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी है इसलिए अब मामले की सुनवाई वैकेशन बेंच करेगी, मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे सभी किसान संगठनों के पास नोटिस जाना चाहिए.

4. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन करने का हक है लेकिन यह कैसे किया जाए इस पर चर्चा की जा सकती है.

5. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रदर्शन के अधिकार में कटौती

सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...