मदरसों पर हमले और ख़त्म करने की निगाहें क्यूं जमी हैं...?
".एस एम फ़रीद भारतीय"
यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल मैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2005 में दिल्ली हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजिंदर सच्चर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिस कमेटी ने अपनी 403 पेज की रिपोर्ट को 30 नवंबर, 2006 को लोकसभा में पेश किया था.
हम आपको बताते हैं, तब जस्टिस राजिन्दर सच्चर द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट भारत के मुस्लिम समुदाय की सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक स्थिति को लेकर जो 10 प्रमुख सिफारिशें थी वो इस प्रकार थी...?
उससे पहले जान लें कि जस्टिस राजेंद्र सच्चर कौन थे, कितना दर्द था उनके दिल मैं ग़रीबों और मुस्लिमों के लिए,
1. शिक्षा सुविधा- 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराना, मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सरकारी स्कूल खोलना, स्कॉलरशिप देना, मदरसों का आधुनिकीकरण करना आदि.
यानि ये काम सरकार को करने थे, और ये कोई अहसान नहीं था, बल्कि सरकार को सुझाव के साथ दलील भी दी गई थी.
2. रोजगार: रोजगार में मुसलमानों का हिस्सा बढ़ाना, मदरसों को हायर सेकंडरी स्कूल बोर्ड से जोड़ने की व्यवस्था बनाना.
दूसरा था देश के रोज़गार मैं मुस्लिमों की हिस्सेदारी को तय करना, जिसको नहीं किया गया बल्कि सिफ़ारिश को लागू करने के बजाये, कमेटी के सदस्यों की मौत का इंतज़ार किया गया.
3. ऋण सुविधा- प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के मुसलमानों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराना और प्रोत्साहन देना, मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में और बैंक शाखाएं खोलना, महिलाओं के लिए सूक्ष्म वित्त को प्रोत्साहित करना आदि.
ये कर्ज़ा बिना ब्याज के होता और इसके वापस ना होने पर भी सरकार को कोई नुकसान नहीं था.
4. कौशल विकास- मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में कौशल विकास के लिए आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थान खोलना.
मुस्लिम काम के हुनर मैं माहिर होते हैं लिहाज़ा ये सलाह मुस्लिमों के हुनर को देखकर दी गई थी.
5. वक्फ- वक्फ संपत्तियों आदि का बेहतर इस्तेमाल.
ये सबसे अहम मसअला था, जिसपर सरकार की निगाह हमेशा से बनी हुई है, और बकोल सच्चर साहब सरकार ख़ुद मुस्लिमों के हक़ पर डाका डाल रही है.
7. विशेष क्षेत्र विकास की पहलें- गांवों/शहरों/बस्तियों में मुसलमानों सहित सभी गरीबों को बुनियादी सुविधाएं, बेहतर सरकारी स्कूल, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना.
ये बुनियादी सुविधाऐं भी सरकार की रकम से या ख़ज़ाने के पैसे से लागू नहीं होती बल्कि इसके लिए सुझाव दिया गया था कि किस तरहां पैसा आयेगा.
8. चुनाव क्षेत्र के परिसीमन प्रक्रिया में इस बात का ध्यान रखना कि अल्पसंख्यक बहुल इलाकों को एससी के लिए आरक्षित न किया जाए.
जिस बात को मैं हमेशा कहता रहा हुँ कि दलितों के नाम पर मुस्लिमों के हक़ को कुचला जा रहा है.
9. सकारात्मक कार्यों के लिए उपाय- इक्वल अपॉर्च्युनिटी कमीशन, नेशनल डेटा बैंक और असेसमेंट और मॉनिटरी अथॉरिटी का गठन.
ये सब कुछ सरकार और देश की छवि को भी बेहतर बनाने के लिए था.
10. मदरसों की डिग्री को डिफेंस, सिविल और बैंकिंग एग्जाम के लिए मान्य करने की व्यवस्था करना.
सबसे अहम जिसपर यूपी सरकार हमला कर रही है, मदरसों की जांच की जा रही है, असल वजह ये है.
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