Monday 1 November 2021

सोशल मीडिया पर मेरा 26 साल का सफ़र, क्या खोया क्या पाया, अब क्या करना है, क्या है कानून...?

"एस एम फ़रीद भारतीय"
दोस्तों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सच मैं आज एक बड़ी पावर है, और ये भी सही है इस पावर को हम सुपर पावर बना सकते हैं, मगर अफ़सोस आज हमारे ज़्यादातर नौजवान अपनी ताक़त को भूलकर इसको सिर्फ़ टाइम पास ज़रिया समझते हैं, सोशल मीडिया पर जितने भी लोग मौजूद हैं उनमें से सिर्फ़ 20% ही अपने वक़्त का सही इस्तेमाल करते हैं, वरना तो 80% लोग आज सिर्फ़ यहां मस्ती करने के लिए ऑनलाइन आते हैं, ऐसे लोगों का वक़्त मस्ती से शुरू होकर मस्ती पर ही ख़त्म हो जाता है.

ये समाज और मुल्क दोनों के लिए एक बड़ा ख़तरा है, मुझे सोशल मीडिया पर तकरीबन 26 साल हो गये, मैने सोशल मीडिया पर 1995 मैं क़दम रखा था और याहू की मेल आईडी (india_king24@yahoo.com) और हॉट मेल (saifidia@hotmail.com) सबसे बड़े सोशल प्लेटफार्म के साथ, तब से अब तक बहुत कुछ बदलाव इस सोशल मीडिया पर देखने को मिला है, 26 सालों मैं ना जाने कितने दोस्त बने और कितनों को खो भी दिया, जिनको पाया उनको पाने की बेहद ख़ुशी है, वहीं जिनको खोया है उनको खोने का ख़ुशी से ज़्यादा ग़म भी मिला है, याहू से मुकाबला करने के लिए इसी साल गूगल मैदान मैं आया और देखते ही देखते याहू को एक कोने मैं समेट कर 1995 से 2002 तक 90% सोशल प्लेटफार्म पर अपना कब्ज़ा कर लिया, मैने भी पहली आईडी गूगल पर 1997 मैं (editormgss@gmail.com) के नाम से बनाई थी, और आज smfaridbharti@gmail.com के नाम से चल रही है, यूं तो हॉट मेल और याहू के साथ कई और प्लेटफॉर्म थे जैसे रैडिफ़, सीफ़ी, और भी कई जिनके नाम अब याद नहीं.

याहू के वक़्त मैं 50% लोग वक़्त तय कर मस्ती किया करते थे, और आज की नस्ल मस्ती मैं ज़्यादा रहती है, ये टेक्नोलॉजी का मज़ाक है, हम और हमारी नई नस्ल अगर चाहे तो इसके ज़रिये बहुत कुछ पैग़ाम लोगों तब पहुंचा सकती है, इसका सही इस्तेमाल बहुत से लोगों की ज़िंदगी बदल सकता है, मगर कुछ ऐसी पेशेवर महिलाएं हैं जो नई नस्ल को ग़लत रास्ते पर ले जाकर उनसे ठगी और ब्लैकमेलिंग कर रही हैं, नई नस्ल के साथ कुछ पुराने लोग भी उनका आसानी से शिकार बन जाते हैं.

कुछ महीने पहले फ़रवरी मैं भारत सरकार ने सोशल मीडिया यूजर्स के बारे में भी जानकारी दी, सरकार के मंत्री ने बताया कि भारत में व्हाट्स एप यूजर- 53 करोड़, यू ट्यूब- 44.8 करोड़, फेसबुक- 41 करोड़, इंस्टाग्राम- 21 करोड़ और ट्विटर- 1.75 करोड़ भारतीय मौजूद हैं.

साथ ही ये भी कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिए बीते एक वर्ष में कई विवाद पैदा हुए, चाहे वह किसी टीवी सीरीज के जरिए धार्मिक भावनाएं आहत करना हो या झूठे वीडियो, फोटो, संदेश, फैलाकर दंगे करवाना या फिर किसी भी भ्रामक तथ्य के जरिए किसी व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाना रहा हो.

यही सबकुछ आज भारत मैं ऑनलाइन सेक्स चैट के नाम पर हो रहा है, बहुत ज़्यादा ऐप और वेबसाइट इसपर बन चुकी हैं जो हमारी नई नस्ल को तबाह कर रही हैं, हमको और हमारी सरकार को ऐसे लोगों के साथ कड़ाई के साथ पेश आना चाहिए, वरना एक वक़्त देश को ये लोग खोखला कर देंगे, सरकार के साथ हमारा भी फ़र्ज़ बनता है कि हम ऐसे लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करायें.

केंद्र सरकार ने (25 फरवरी 2021) को सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए गाइडलाइन्स जारी की केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद ने तब एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में इनके बारे में जानकारी दी थी, आइए आज हम फिर से जानते हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस मैं क्या कहा गया था, क्या है नये नियम और कानून...?

1- सरकार ने आईटी डिजिटल मीडिया ऐथिक्स कोड के दिशानिर्देश जारी किए थे, तब आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भारत में कारोबार करने के लिए स्वागत है, लेकिन उन्हें भारत का संविधान और कानून मानना होगा. 

2- ओटीटी और डिजिटल मीडिया के लिए रजिस्ट्रेशन तथा डिसक्लेमर की जानकारी अनिवार्य, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी गलती पर मांफी प्रसारित करनी होगी.

3- अगर किसी यूजर का कंटेट हटाया जा रहा है या उसकी ऐक्सिस रोकी जा रही है तो उसे बताना पड़ेगा कि ऐसा क्यों हुआ. 

4- सोशल मीडिया को भी मीडिया की तरह ही नियमों का पालन करना होगा, तीन महीने में सोशल मीडिया के नियम लागू होंगे. 

5- सोशल मीडिया को यूजर्स के अकाउंट का वेरिफिकेशन कैसे किया जाए इस बात का प्रबंध करना होगा. 

6- हर छह महीने में शिकायतों और उनपर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सरकार को देनी होगी, सबसे पहले पोस्ट डालने वाले की जानकारी देनी होगी.

7- शिकायत के बाद 24 घंटे के अंदर आपत्तिजनक पोस्ट को हटाना होगा. 

8- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को चीफ कंप्लेन अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और नोडल अधिकारी की नियुक्ति भी करनी होगी. 

9- आपत्तिजनक कंटेंट को सबसे पहले किसने पोस्ट या शेयर किया इसकी जानकारी मांगे जाने पर सरकार को देना होगा. 

10- केंद्र सरकार के नोटिस के 72 घंटे के अंदर उस पर कार्रवाई करनी होगी. 

11- टेक कंपनियों को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी. 

12- कानूनी एजेंसियों से तालमेल के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी. 

13- कंटेट कहां से शुरु हुआ यह बताना पड़ेगा, फर्स्ट ओरिजिनेटर बताना पड़ेगा कि खुराफ़ात कहां से शुरु हुई. 

15- भारत की संप्रभुता, कानून व्यवस्था, हिंसा आदि के बारे में पहले ट्वीट किसने किया, ऐसे अपराध जिनकी सजा पांच साल से अधिक है उनमें बताना पड़ेगा, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को स्वच्छैकि वैरिफिकेशन यूजर का ऑप्शन देना होगा. 

16- केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार को पता ही नहीं है कि देश में डिजिटल न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म कितने हैं, ऐसे में सरकार किससे बात करेगी, इसलिए ही सरकार प्लेटफॉर्म की बेसिक जानकारी मांग रही है.


17- तब केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ये भी बताया था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म/डिजिटल मीडिया को अपने काम की जानकारी देनी होगी, वो कैसे अपना कंटेंट तैयार करते हैं. इसके बाद सभी को सेल्फ रेगुलेशन को लागू करना होगा, इसके लिए एक बॉडी बनाई जाएगी जिसे सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या कोई अन्य व्यक्ति हेड करेंगे.

18- तब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़, फेसबुक के यूजर 40 करोड़ से अधिक, ट्विटर पर एक करोड़ से अधिक यूजर हैं. भारत में इनका उपयोग काफी होता है, लेकिन जो चिंताएं जाहिर की जाती हैं उनपर काम करना जरूरी है.

उम्मीद है आपको पूरी जानकारी मिल गई होगी और आप मेरी बात से सहमत होकर मेरे साथी, मेरे दोस्त इसपर अमल करने की कोशिश करेंगे, नई नस्ल से मेरी ख़ासकर गुज़ारिश है कि अपने कीमती वक़्त का सही इस्तेमाल करें, अपने को सोशल मीडिया के साथ ज़मीन पर भी बनाये रखें, लोगों के सुख दुख के लिए काम करें, अपने और अपनों के सुख दुख को एक दूसरे से बांटकर दर्द कुछ कम करने की कोशिश करें, ग़लत जानकारी या पोस्ट करने पर अपने को कानून के शिकंजे और सज़ा से बचायें.

आज हमने मिलकर शुरूआत की है एक सामाजिक संगठन *ख़िदमतुल मुस्लिमीन ए हिंद* के नाम से जिसका मक़सद देश मैं एकता और भाईचारे को ख़त्म होने से रोकने के साथ क़ौम को भटकाओ से रोकना है, साथ ही एक दूसरे के लिए दिल मैं मुहब्बत और प्यार कायम कर सरकार की योजनाओं की जानकारी और लाभ सही हक़दारों को दिलाना और उनके सही वजूद को उनके सामने लाने की कोशिश करना, लघु उद्योगों को बढ़ावा देना, उनकी मदद करने के साथ एक्सपर्ट के ज़रिए उनको सही रास्ता दिखना.

आपसे उम्मीद है आप इस लेख को पढ़ गंभीरता से विचार कर एक दूसरे की मदद करने वाले बनेंगे.
जय हिंद जय भारत।

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