Saturday 28 January 2023

क्या दुनिया का सबसे बड़ा फ़्राड है अडानी ग्रुप...? हिंडनबर्ग रिसर्च में हुआ खुलासा, एक झटके में 7 अरब डॉलर का नुकसान...??

अभयराज सिंह तंवर
एस एम फ़रीद भारतीय 
न्यूटन के लॉ ऑफ ग्रेविटी में एक बात बिलकुल साफ़ है कि जो चीज़ जितनी तेजी से ऊपर की तरफ जाती है. वो चीज उससे भी ज्यादा तेज़ी से नीचे आती है. कुछ ऐसा ही हो रहा है दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी और उनकी अडानी ग्रुप के साथ. एक रिसर्च रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप की नींव हिलाकर रख दी है, एक एम्बूलेंस ड्राईवर जो पहले मरीज़ों को अस्पतालों मैं पहुंचाया करता था, वो अब धन्ना सेठों को अस्पतालों मैं आपरेशन के लिए भेज रहा है, सबसे बुरा हाल निकोला का किया अब अडाणी समूह निशाने पर है.

अडानी ग्रुप पर अमेरिकी फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि अडानी ग्रुप शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है. हालांकि अडानी ग्रुप ने इस आरोप को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया. उसने कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि उसकी शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के गलत इरादे से किया गया है. अडानी ग्रुप के लीगल हेड जतिन जालुंधवाला ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला...?
कभी एंबुलेंस ड्राइवर थे नाथन एंडरसन, अब करते हैं कंपनियों में गड़बड़ी का खुलासा, एक रिपोर्ट से अडानी के करोड़ों के शेयर धराशायी...!

दरअसल अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार 17,800 अरब रुपये यानी की करीब 218 अरब डॉलर की कीमत वाला अडानी ग्रुप कई सालों से शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है. आसान शब्दों में कहें तो रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप ने विदेशों में कई कंपनियां बनाकर टैक्स बचाने का काम किया है. जैसे कि मॉरिशस और कैरेबियाई जैसे देशों में कई बेनामी कंपनियां हैं, जिनकी अडानी ग्रुप की कंपनियों में हिस्सेदारी है. एक आरोप ये भी है कि अडानी की लिस्टेड कंपनियों पर भारी कर्ज है, जिसने पूरे ग्रुप को एक गंभीर वित्तीय स्थिति में डाल दिया है जो स्थिर नहीं है.

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ लॉन्च होने वाला है. कंपनी का एफपीओ 27 जनवरी को खुलेगा और 31 जनवरी को बंद होगा. ऐसे में ये रिपोर्ट अडानी ग्रुप के लिए खतरे की घंटी बनकर सामने आई है . जिसकी वजह से पूरा अडानी ग्रुप ना केवल बुरी तरह से हिल गया है बल्कि शेयरों में भी काफी ज्यादा गिरावट हुई है. जिसकी वजह से अडानी ग्रुप को एक झटके में करोड़ों का नुकसान हुआ है.

अडानी ग्रुप को भारी नुकसान...?
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से होने वाली शेयर की गिरावट की बात की जाए तो सिर्फ बुधवार यानी 25 जनवरी 2023 को ही गौतम अडानी को करीब 7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. वहीं शुक्रवार की गिरावट में भी उनको भारी नुकसान हो रहा है.

अडानी ग्रुप ने क्या कहा है...?
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर सफाई देते हुए अडानी ग्रुप का कहना है कि रिपोर्ट बेबुनियाद है. अडानी ग्रुप के जो तथ्य रिपोर्ट में दिए गए हैं उन तथ्यों की पुष्टि के लिये कंपनी से कोई संपर्क नहीं किया गया और यह चैंकाने वाला और परेशान करने वाला खुलासा है. पोर्ट से लेकर एनर्जी सेक्टर में काम कर रहे अडानी ग्रुप ने कहा कि “ये रिपोर्ट चुनिंदा, गलत और निराधार सूचनाओं को लेकर तैयार की गयी है और जिसका मकसद पूरी तरीके से उन्हें नुकसान पहुंचाना है. रिपोर्ट में उन बातों का ज़िक्र है जिन्हें भारत की अदालतों ने भी खारिज कर दिया है.”

वहीं अडानी ग्रुप के लीगल हेड जतिन जालुंधवाला ने कहा है कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं. रिसर्च रिपोर्ट जानबूझकर अडानी एंटरप्राइजेज के 20 हजार करोड़ के एफपीओ लॉन्च होने से ठीक पहले जारी की गई है, ताकि अडानी ग्रुप को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा सके. ऐसे में अब अडानी ग्रुप हिंडनबर्ग रिसर्च पर केस करेगी. वहीं हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप की चुनौती का स्वागत किया है. हिंडनबर्ग रिसर्च का कहना है कि पूरी रिसर्च रिपोर्ट फैक्ट पर आधारित है इसीलिए कंपनी को कानूनी लड़ाई का डर नहीं है.

जाने कौन है नाथन एंडरसन...?
दरअसल अपने एक रिपोर्ट से अडानी का साम्राज्य तबाह करने वाले का नाम है नाथन एंडरसन. हिंडनबर्ग रिसर्च के कर्ताधर्ता हैं नाथन एंडरसन. नाथन एंडरसन अडानी से पहले 36 बड़ी धोखेबाज कंपनियों की पोल खोल कर ठिकाने लगा चुके हैं. नाथन के बारे में कहा जाता है कि वो जिस कंपनी के पीछे पड़ जाते हैं उसका पूरा हिसाब किताब ढ़ूंढ़ कर निकाल लेते हैं. ऐसा करने में वो अपने पैसे भी खर्च करते हैं और फिर फ्रॉड कंपनी को दुनिया के सामने एक्सपोज कर देते हैं. 

हिंडनबर्ग रिसर्च को शुरू करने से पहले नाथन एंडरसन हैरी मार्कोपोलस के साथ काम करते थे. हैरी मार्कोपोलस अमेरिकी संस्था सेक के अधिकारी रह चुके हैं. जैसे भारत में सेबी एक संस्था है वैसे ही अमेरिका में सेक एक बड़ी संस्था है. सेक में अपने कार्यकाल के दौरान हैरी मार्कोपोलस ने कई फ्रॉड कंपनी और फर्जी स्कीम का पर्दाफाश किया था. उस वक्त नाथन एंडरसन उनके साथ काम करते थे. इसीलिए नाथन हैरी मार्कोपोलस को अपना गुरु मानते हैं जबकि गुरु अपने चेले को अपने से भी बड़ा मानते हैं. मार्कोपोलस का कहना है कि “ नाथन एंडरसन कुछ भी खोद कर निकाल सकते हैं. अगर उन्हें किसी घोटाले की भनक भी लग जाए तो वो उसकी पोल खोल कर ही दम लेते हैं.”

नाथन एंडरसन की रिसर्च इतनी पक्की और विश्वसनीय होती है कि दुनिया के तमाम मीडिया ग्रुप उनके रिसर्च को हाथों हाथ लेते हैं और इसीलिए हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप की नींव हिला दी है.ये जानते हुए कि हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट को पूरी दुनिया मानती है इसके बावजूद अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट को चुनौती दी है लेकिन चुनौती के इस खेल में जहां एक तरफ हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी खड़ी है वहीं दूसरी तरफ खड़ा है दुनिया का तीसरा सबसे अमीर शख्स. जिसे उस रिपोर्ट कि वजह से करोड़ों का घाटा हुआ है और ये नुकसान अभी थमता नहीं दिख रहा.

हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है...?
हिंडनबर्ग रिसर्च एलएलसी एक निवेश अनुसंधान फर्म है, जो न्यूयॉर्क शहर में स्थित नाथन एंडरसन द्वारा स्थापित एक्टिविस्ट शॉर्ट-सेलिंग पर ध्यान केंद्रित करती है। 

 नाथन एंडरसन द्वारा 2017 में स्थापित, हिंडनबर्ग रिसर्च एक फोरेंसिक वित्तीय शोध फर्म है जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव का विश्लेषण करती है। अपनी वेबसाइट पर, हिंडनबर्ग का कहना है कि यह "मानव निर्मित आपदाओं" की तलाश करता है, जैसे लेखांकन अनियमितताएं, कुप्रबंधन और अघोषित संबंधित पक्ष लेनदेन पर ध्यान केंद्रित करती है, इसमें 2021 तक सिर्फ़ कर्मचारियों की संख्या 5 थी.

अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट क्या है...?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि 24 जनवरी को प्रकाशित इसकी दो साल की जांच से पता चला है कि दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी के नेतृत्व में अडानी समूह बड़े पैमाने पर और "बेशर्म स्टॉक हेरफेर" और "लेखा धोखाधड़ी योजना" में शामिल था। अडानी के शेयरों में मंदी ने भारतीय बाजारों को भी व्यापक रूप से प्रभावित किया।

हिंडनबर्ग अनुसंधान कौन चलाता है...?
जवाब है नाथन एंडरसन...!
हिंडनबर्ग रिसर्च एलएलसी एक निवेश अनुसंधान फर्म है, जो न्यूयॉर्क शहर में स्थित नाथन एंडरसन द्वारा स्थापित एक्टिविस्ट शॉर्ट-सेलिंग पर ध्यान केंद्रित करती है.

हिंडनबर्ग का मालिक कौन है...?
हिंडनबर्ग के संस्थापक कौन हैं? नाथन एंडरसन, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डिग्री के साथ कनेक्टिकट विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, ने डेटा कंपनी फैक्टसेट रिसर्च सिस्टम्स इंक में वित्त में अपना करियर शुरू किया, जहां उन्होंने निवेश प्रबंधन कंपनियों के साथ काम किया।

कौन हैं गौतम अडानी और क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च...?
अडानी समूह के खिलाफ न्यूयॉर्क स्थित निवेशक हिंडनबर्ग रिसर्च के स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी के आरोप भारतीय समूह और उसके 60 वर्षीय संस्थापक पर दबाव बढ़ा रहे हैं। गौतम अडानी पिछले साल एशिया के सबसे अमीर आदमी बने और एक समय में दुनिया में एलोन मस्क के बाद दूसरे स्थान पर थे। मस्क के विपरीत, अडानी अपने देश के बाहर अपेक्षाकृत अनजान हैं। यहाँ कुछ पृष्ठभूमि है।

कौन हैं गौतम अडानी...? 
उसका नेट वर्थ क्या है...?
अडानी का जन्म 1962 में पश्चिमी औद्योगिक राज्य गुजरात में एक छोटे कपड़ा व्यापारी परिवार में हुआ था। उन्होंने विश्वविद्यालय से बाहर कर दिया और मुंबई के वित्तीय केंद्र में एक फर्म के लिए हीरों की छँटाई शुरू कर दी। बाद में उन्होंने निर्मित वस्तुओं में प्रयुक्त सामग्री का आयात किया और 1990 के दशक के मध्य तक मुंद्रा बंदरगाह का प्रबंधन कर रहे थे, जो अब उनके पास है। जबकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद के दिनों में उनकी नेटवर्थ में गिरावट आई, लेकिन जनवरी के अंत तक वह ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स में शीर्ष 10 में थे।

अडानी ग्रुप पैसा कैसे बनाता है...?
अडानी समूह में आज आधा दर्जन प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं, जिनमें ऊर्जा से लेकर परिवहन और बुनियादी ढाँचे के विकास तक के हित हैं। यह भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह संचालक है और देश के कुछ सबसे बड़े हवाई अड्डों का प्रबंधन करता है। अदानी एंटरप्राइजेज, समूह के सूचीबद्ध व्यापारिक घराने ने 31 मार्च, 2022 तक बिक्री में $9.3 बिलियन की सूचना दी.

अडानी की कंपनियां कौन कौन सी हैं...?
१. अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (नवीकरणीय विद्युत उत्पादन)

२. अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड - (कोयला खनन और व्यापार)

३. अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (पॉवर ट्रांसमिशन.

४. अदानी टोटल गैस लिमिटेड (गैस वितरण)

५. अदानी पावर लिमिटेड (कोयला आधारित बिजली उत्पादन)

६. वहीं अदानी समूह एक रियल एस्टेट व्यवसाय भी चलाता है, अदानी कैपिटल नामक एक छाया बैंकिंग फर्म और सिंगापुर स्थित विल्मर इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ एक उद्यम के माध्यम से एक खाद्य तेल और खाद्य व्यवसाय।

अडानी के राजनीतिक कनेक्शन क्या हैं...?
टाइकून को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के करीब देखा जाता है, जो किसी अन्य भारतीय अरबपति की तुलना में गुजरात राज्य से भी आते हैं। अडानी की कॉर्पोरेट रणनीति भारत की 3.2 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के मोदी के प्रयासों के समानांतर चल रही है। जब मोदी ने अधिक भारतीयों को विश्वसनीय बिजली देने का वादा किया, तो अडानी ने कोयले से चलने वाले बिजली उत्पादन को दोगुना कर दिया। संरेखण विदेशी मामलों तक फैला हुआ है। 2021 में, अदानी ने श्रीलंका में एक प्रमुख बंदरगाह सुविधा का निर्माण शुरू किया। दोनों देशों के अधिकारियों ने कहा कि योजना मोदी सरकार द्वारा प्रोत्साहित की गई थी, जो द्वीप राष्ट्र में चीनी प्रभाव को कम करना चाहती है। चाहे एक्सप्रेसवे का निर्माण हो या डेटा केंद्रों का उन्नयन, अडानी को धन, बुनियादी ढाँचा, या विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए गिना जा सकता है, जो भी नीतिगत प्राथमिकता हो।

अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर क्यों गिरे...?
लघु-विक्रेता नाथन एंडरसन द्वारा स्थापित हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा 24 जनवरी को 100 पन्नों की एक रिपोर्ट जारी करने के बाद बाजार मूल्य में लगभग 50 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, जिसमें दशकों पहले स्टॉक हेरफेर और लेखांकन धोखाधड़ी के व्यापक आरोप शामिल थे, अडानी समूह ने रिपोर्ट को "दुर्भावनापूर्ण रूप से शरारती" कहकर खारिज कर दिया और कहा कि वह कानूनी कार्रवाई की तलाश कर रहा है।

हिंडनबर्ग अनुसंधान क्या है...?
एंडरसन की फर्म - तकनीकी रूप से एक अनुसंधान और व्यापारिक संगठन, बाहरी निवेशकों के साथ हेज फंड नहीं - पांच साल से कम पुरानी है और बाजारों में अपना पैसा दांव पर लगाती है। मैनहट्टन के वित्तीय हलकों में भी, एंडरसन शायद ही कोई बड़ा नाम है। अपनी वेबसाइट के अनुसार, बारीकी से आयोजित फर्म फोरेंसिक वित्तीय अनुसंधान में माहिर है। इसने पहली बार 2020 में इलेक्ट्रिक-वाहन निर्माता निकोला कॉर्प और लॉर्डस्टाउन मोटर्स कॉर्प के बारे में गंभीर सवाल उठाने के लिए वॉल स्ट्रीट का ध्यान आकर्षित किया।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी को दी चुनौती...?
26 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप को चुनौती देते हुए कहा है कि वह अपनी रिपोर्ट पर कायम हैं और कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार हैं।हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा...?

“हम कंपनी की कानून कार्रवाई की धमकी का स्वागत करते हैं। हम अपनी रिपोर्ट पर कायम हैं। हमारे खिलाफ लिया गया कोई भी लीगल एक्शन आधारहीन होगा। हम अमेरिका से ऑपरेट करते हैं। अगर अडानी गंभीर हैं, तो अमेरिका में हमारे खिलाफ केस दायर करें। हमारे पास दस्तावेजों की एक लंबी लिस्ट है, जिसकी हम कानूनी प्रक्रिया के दौरान डिमांड करेंगे।”

ह‍िंंडनबर्ग का दावा...?
हिंडनबर्ग रिसर्च का कहना है क‍ि अडानी ने हमारी रिपोर्ट को बिना बिना रिसर्च का बताया है, जबकि हमें अपनी रिपोर्ट तैयार करने में दो साल का वक्त लगा है। हमारी रिपोर्ट 106 पन्नों की है, जिसमें 32000 शब्द लिखे हैं और 720 से ज्यादा उद्धरण शामिल किए गए हैं।

अडानी समूह ने 26 जनवरी को ह‍िंंडेनबर्ग र‍िपोर्ट पर मीड‍िया के ल‍िए लगातार दूसरे द‍िन बयान जारी क‍िया। इसमें बताया गया क‍ि अमेर‍िका व भारत के कानूनों के तहत क्‍या कार्रवाई की जा सकती है, इस पर कंपनी व‍िचार कर रही है।

अगर सच मैं नाथन की रिपोर्ट सही साबित हुई जैसा कि वो पहले 36 कम्पनियों के साथ कर चुके हैं, तब भारत मैं एक बहुत ही बड़ी हलचल होगी और देश की सरकार और जनता इस हलचल से अपने आप को संभाल पायेगी या नहीं यही सबसे बड़ा सवाल पैदा हो चुका है, अभी तो सात लाख करोड़ के करीब का नुकसान हो चुका है अब आगे क्या होगा ये देखना बाकी है...??
"एस एम फ़रीद भारतीय"
लेखक, समाजसेवी व मानवाधिकार सलाहकार.

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