जिन भाई-बहनों या बहनों को सवेरे या देर रात में सोते समय पेशाब की आशंका महसूस होती है और जोर से चलने पर जाने देते हैं उनके लिए ये खास ख़बर है...!!
हर एक इंसान को ऐसे तीन तीन मिनट में सावधानी बरतनी चाहिए।
यह इतना महत्वपूर्ण पूर्ण क्यूँ जानते हैं...?
जब ये किसी के साथ ऐसी घटना हुई है, तो परिणाम स्वरूप तंदुरुस्त मनुष्यों को भी रात में ही मृत पाया गया है।
ऐसे लोगों के बारे में हिकमत और आयुर्वेद कहते हैं, कि कल ही मैंने यहां बात की थी। ऐसा अचानक हुआ क्या? यह कैसे मर गया ??
इसका असली कारण यानी मुख्य कारण यह है कि रात में जब भी हम पेशाब यानी विसर्जन के लिए जाते हैं, तब अचनाक या ताबड़ टूट-फूट होती है, परिणाम स्वरूप मस्तिष्क यानी दिमाग तक खून यानी पहुंच नहीं पहुंचता है।
किसी भी शरीर के लिए यह तीन मिनट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
आधी रात में जब हम दौड़ते हैं तो हमारा ईसीजी का खाका बदल सकता है। इसका कारण यह है कि अचानक रुक जाने पर मस्तिष्क को रक्त नहीं मिलता और हमारे ह्रदय अर्थात दिल की क्रिया बंद हो जाती है।
तीन तीन मिनट का प्रयास एक उत्तम उपाय है।
1. नींद से जागते समय दहिनी ओर करवट लेकर उठना सीधे न उठे, दिल पर दबाव पड़ता है !
2. अगले आधे मिनट बिस्तर पर बैठिये।
3. अगले मिनट पैरों को झुकाते हुए हिलते रहें
तीन तीन मिनट के बाद आपका मस्तिष्क बिना खून का नहीं रहेगा और ह्रदय की क्रिया भी बंद नहीं होगी! इससे अचानक होने वाला हमला लगभग ना के बराबर हो जाएगा!!!!
प्रातः काल यानी सुबह में सवेरे अदरक, (सोठ) दालचीनी, तुलसी, गिलोय काली मिर्च, गुड़ का काढ़ा पीजिए !!!
धन्यवाद सहित
निवेदन एवं आग्रह
आपका साथी पत्रकार
कार्यकर्ता कार्यकर्ता
एस एम फरीद भारतीय
+919808123436
जनहित मैं जारी
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