Tuesday 17 January 2012


नहीं आएगा खबीस सलमान रुश्दी, मुस्लिमो के विरोध के चलते कार्यक्रम रद्द ?

जयपुर | विवादित खबीस लेखक सलमान रुश्दी का यहां 20 जनवरी को जयपुर आने का कार्यक्रम रद्द हो गया है। डीएससी जयपुर साहित्य समारोह के आयोजक संजॉय राय की विज्ञप्ति के अनुसार 20 जनवरी का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। जयपुर साहित्य उत्सव के प्रवक्ता इम्तियाज ने कहा कि तय कार्यक्रम के अनुसार खबीस सलमान रुश्दी 20 जनवरी को साहित्य उत्सव में शिरकत नहीं करेंगे। उन्होंने रुश्दी के नहीं आने के बारे में यह कहते हुए टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि मुझे केवल इतनी जानकारी है कि खबीस सलमान रुश्दी 20 जनवरी को जयपुर नहीं आ रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि खबीस सलमान रूश्दी कब आएंगे तो उन्होंने कहा मुझे इसकी भी जानकारी नहीं है कि आएंगे या नहीं आएंगे या आएंगे तो कब आएंगे।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के अन्य कार्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ”फेस्टिवल इंग्लिश -एंगलिश-हिंगलिश” विषय पर होने वाले समरोह में सलमान रुश्दी यहाँ रीता कोठारी, पत्रकार तरुण तेजपाल के साथ रूबरू होने वाले थे। इसके अलावा एक अन्य सेशन मिड नाइट चाइल्ड में उन्हें हरी कुंजरू के साथ बातचीत करनी थी।गौरतलब है कि खबीस सलमान रुश्दी के भारत आने को लेकर कई मुस्लिम संगठन खिलाफ थे तथा जयपुर में भी खबीस रश्दी का भारी विरोध चल रहा था। 

खबरों के अनुसार राजस्थान के मुस्लिम संगठनों ने जयपुर साहित्य उत्सव में विवादास्पद लेखक खबीस सलमान रुश्दी के आने की सूचना मिलने के बाद सरकार पर इस मांग को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया था कि खबीस रुश्दी के जयपुर आने पर रोक लगाई जाए। राजस्थान के नौ मुस्लिम संगठनों ने गत सप्ताह साझा संवाददाता सम्मेलन कर सरकार से खबीस सलमान रुश्दी की जयपुर यात्रा पर रोक लगाने की मांग की अन्यथा आगामी शुक्रवार को जौहरी बाजार स्थित जामा मस्जिद में नमाज के बाद धरना शुरू करने की घोषणा की थी। आयोजकों का कहना है कि खबीस रुश्दी को लेकर विरोध करना ठीक नहीं। सबकी अपनी भावनाएं हैं, जिनकी वे कद्र करते हैं, लेकिन वे भी उनकी कद्र करें जो साहित्य के लिए जीवन समर्पित कर रहे हैं।

No comments:

Post a Comment

अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !

हिंदू ख़तरे मैं है कहने और कहकर डराने वालों से सवाल...?

दुनियां के मुस्लिम देश में रहने वाले हिंदुओं की संख्या (करीब करीब कुछ इस तरहां है)  इंडोनेशिया- 44,80,000 , मलेशिया- 20,40,000 ,...