नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की नौकरी के लिए कद छोटा होने का आरोप झेल रहे कांस्टेबल मोहम्मद मसूल आलम की फिर से बहाली का निर्देश दिया है, उन्हें डीआईजी ने 15 साल पहले महज एक सेंटीमीटर कद मानदंड पूरा नहीं करने के कारण हटा दिया था, न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति एआर दवे ने व्यवस्था दी कि आलम को उनकी बर्खास्तगी की तारीख से पुराना भत्ता नहीं मिलेगा, लेकिन
पेंशन देते समय इस अवधि पर विचार किया जाएगा.
पेंशन देते समय इस अवधि पर विचार किया जाएगा.
आलम ने शीर्ष कोर्ट में पटना उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें बहाल करने के एकल न्यायाधीश के फैसले को रद्द कर दिया गया था,गौरतलब है कि मार्च 1997 में अन्य कई लोगों के साथ आलम को भी 165 सेंटीमीटर की न्यूनतम लंबाई नहीं होने का हवाला देते हुए बर्खास्त कर दिया गया था.
अक्टूबर1992 में उनकी नियुक्ति कांस्टेबल के तौर पर की गई थी, उच्च न्यायालय में मामला लंबित रहने के दौरान ही एक डीआईजी ने उनका कद मापा था, उन्होंने रिपोर्ट में बताया कि उसका कद164 सेंटीमीटर है हालांकि आलम ने दलील दी कि उनका कद 165.5 सेंटीमीटर है, इसके बाद एकल न्यायाधीश ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, पटना को इस विवाद पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया, सीएमओ ने रिपोर्ट दाखिल कर कांस्टेबल का कद 166 सेंटीमीटर बताया, जिसके बाद एकल न्यायाधीश ने उनकी बहाली का आदेश दिया .
लेकिन राज्य सरकार की अपील पर उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के आदेश को रद्द कर दिया और बर्खास्तगी को बरकरार रखा, इससे दुखी होकर कांस्टेबल ने शीर्ष अदालत में न्याय के लिए गुहार लगाई थी.
No comments:
Post a Comment
अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !