शासक फिरोज शाह तुगलक के उन योगदान के बारे में जिसने राज्य की तस्वीर ही बदल दी, बरसी गेट / द्वार हरियाणा के हिसार जिले के हांसी में स्थित है, बरसी द्वार का निर्माण अला उद्वीन खिलजी ने बाहरी आक्रमण से रक्षा के लिए कराया था, यह द्वार हांसी बाजार के
बीचों-बीच स्थित है,किले की दीवारों पर पार्शियन भाषा में शिला लेख भी खुदे हुए है.
उल्लेखनीय है कि तुगलक वंश के शासक बादशाह फिरोज शाह तुगलक ने 1356 ई. में एक दुर्ग के रूप में हिसार की स्थापना की थी, माना जाता है कि 1522 ई. में इब्राहिम लोदी के शासनकाल के दौरान बरसी द्वार की मरम्मत की गई। जो लगभग 30 मीटर की ऊंचाई पर खड़ा है.
हरियाणा का इतिहास वैदिक काल से आरंभ होता है, यह राज्य पौराणिक भरत वंश की जन्मभूमि माना जाता है, जिसके नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा, हमारे महान महाकाव्य महाभारत में हरियाणा की चर्चा हुई है, जैसा कि बहुत से लोग जानते है कि कौरवों और पांडवों की युद्धभूमि कुरुक्षेत्र हरियाणा में ही है .
बीचों-बीच स्थित है,किले की दीवारों पर पार्शियन भाषा में शिला लेख भी खुदे हुए है.
उल्लेखनीय है कि तुगलक वंश के शासक बादशाह फिरोज शाह तुगलक ने 1356 ई. में एक दुर्ग के रूप में हिसार की स्थापना की थी, माना जाता है कि 1522 ई. में इब्राहिम लोदी के शासनकाल के दौरान बरसी द्वार की मरम्मत की गई। जो लगभग 30 मीटर की ऊंचाई पर खड़ा है.
हरियाणा का इतिहास वैदिक काल से आरंभ होता है, यह राज्य पौराणिक भरत वंश की जन्मभूमि माना जाता है, जिसके नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा, हमारे महान महाकाव्य महाभारत में हरियाणा की चर्चा हुई है, जैसा कि बहुत से लोग जानते है कि कौरवों और पांडवों की युद्धभूमि कुरुक्षेत्र हरियाणा में ही है .
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