भारत से चुनाव करना सीखेगा रूस
रूस भारत के साथ चुनाव प्रक्रिया में सहयोग के लिए एक समझौता करने जा रहा है.
सोमवार से भारत की यात्रा पर आ रहे रूसी राष्ट्रपति दमित्रि मेदवेदेव के साथ बड़ा शिष्टमंडल भी आ रहा है और दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी होंगे लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वह यह कि रूस भारत के साथ चुनाव प्रक्रिया संबंधी एक समझौते पर हस्ताक्षर करेगा.
एक ख़ास बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई क़ुरैशी ने बताया कि इस बारे में समझौते की पेशकश भी रूस की ओर से ही हुई है उन्होंने बताया, पिछले साल जनवरी में जब मेदवेदेव साहब आए थे तो उनके साथ आए रूस के मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस बारे में काफी रुचि दिखाई थी कि भारत चुनाव प्रक्रिया में रूस का सहयोग करे.
इस समझौते के तहत रूस चुनाव प्रक्रिया में भारत के अनुभवों को साझा करेगा और ज़रूरत पड़ने पर भारत के चुनाव विशेषज्ञ उनके देश में जाकर मदद भी करेंगे.
क़ुरैशी का कहना था कि भारत का चुनाव आयोग इतनी विशाल चुनावी प्रक्रिया को इतने कम समय में और इतने बेहतर तरीक़े से निबटाता है कि ये लोगों में अपने आप ही कौतूहल पैदा करती है.
उन्होंने कहा आपको ये जानकर हैरानी होगी कि भारत में जितने मतदाता हैं उतने पूरेयोरप जापान, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा को मिलाकर हैं यानी पचास से भी ज़्यादा देशों के मतदाताओं के बराबर के देश में चुनाव को इतने बेहतर तरीक़े से निबटाया जाता है.
उनका कहना था कि इन देशों में तीन- तीन महीने चुनाव के परिणाम घोषित करने में लग जाते हैं जबकि हमतो परिणाम महज़ बारह घंटे में दे देते हैं यही चीजें हैं जिन्होंने लोगों को भारतीय चुनाव प्रक्रिया से कुछ सीखने के लिए प्रेरित किया है.
क़ुरैशी ने बताया कि रूस के अलावा कई और देशों ने हमसे इस बारे में समझौते करने की पेशकश की है और कई विकासशील देशों से तो इस बारे में पहले से ही समझौते हुएहैं इसके अलावा भारत का चुनाव आयोग आगामी पचीस जनवरी से 'इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिमॉक्रेसी एंड मैनेजमेंट' की शुरुआत करने जा रहा है.
मुख्य चुनाव आयुक्त का कहना था कि इस संस्थान के माध्यम से हम अपने देश के लोगों को तो चुनावी प्रक्रिया से संबंधित प्रशिक्षण देंगे ही, साथ ही दूसरे देशों के लोग भी इस प्रशिक्षण का लाभ उठा सकेंगे.
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