Sunday, 12 February 2012


प्रधानमंत्री के पास पहुंची ख़ुर्शीद की शिकायत

केंद्रीय क़ानून मंत्री सलमान ख़ुर्शीद के ख़िलाफ़ शिकायत पर कदम उठाते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने शनिवार की रात चुनाव आयोग का पत्र उचित कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यालय को भेज दिया है.
सलमान ख़ुर्शीद और एसवाई क़ुरैशीइससे पहले, चुनाव आयोग ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सलमान ख़ुर्शीद पर आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की अपील करते हुए तत्काल और निर्णायक कदम उठाने की मांग की थी मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई क़ुरैशी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में शिकायत की थी कि चेतावनी के बावजूद ख़ुर्शीद पिछड़े मुसलमानों के आरक्षण से सम्बंधित अपने बयान पर कायम हैं.
महत्वपूर्ण है कि एक चुनावी सभा के दौरान सलमान ख़ुर्शीद ने यह कह दिया था कि चुनाव आयोग चाहे उन पर पाबंदी लगाए या फिर उन्हें फांसी दे दे, लेकिन वह पिछड़े मुसलमानों को उनका हक़ दिलाकर रहेंगे.
एसवाई क़ुरैशी ने अपने पत्र में लिखा है कि वे बड़ी निराशा और मामले का महत्व देखते हुए उन्हें पत्र लिख रहे हैं और अपील करते हैं कि उत्तर प्रदेश में चल रही चुनावी प्रक्रिया के बीच राष्ट्रपति इस मामले में दखल दें.

चुनाव आयोग का पत्र

मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपने पत्र में इसका सिलसिलेवार ब्यौरा दिया है कि कैसे सलमान ख़ुर्शीद ने एक चुनावी सभा के दौरान मुसलमानों को अन्य पिछड़ी जातियों के 27 प्रतिशत आरक्षण मेंसे नौ फ़ीसदी आरक्षण अल्पसंख्यकों को देने की घोषणा की थी और इसके भी संकेत दिए थेकि अच्छी-ख़ासी आबादी वाले मुसलमानों को इससे फ़ायदा भी होगा.
एसवाई क़ुरैशी ने लिखा है कि एक राजनीतिक दल की शिकायत पर चुनाव आयोग ने इस मामले में सुनवाई की और नौ फ़रवरी को आदेश जारी किया कि सलमान ख़ुर्शीद ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है उन्होंने पत्र में लिखा है कि आदेश के बावजूद 11 फरवरी को उन्होंने सलमान ख़ुर्शीद को टेलीविज़न मीडिया पर ये बयान देते हुए देखा है कि चुनाव आयोग का निर्देशों जो भी हो, वे अपनी पहली वाली लाइन पर क़ायम रहेंगे.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने ये भी लिखा है कि केंद्रीय क़ानून मंत्री की भाषा और अंदाज़ आयोग के क़ानूनी निर्देशों के प्रति उपेक्षापूर्ण और अपमानजनक है. इसके अलावा उनका बयान चुनाव में सभी को समान अवसर दिए जाने के सिद्धांत को नुक़सान पहुँचा रहा है.

चिंता

एसवाई क़ुरैशी ने लिखा है कि आयोग इस बात पर चकित है कि आचार संहिता के उल्लंघन पर पश्चाताप करने की बजाए, मंत्री ने विद्रोही और आक्रामक रास्ता चुना है. आदर्श आचार संहिता को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों में सहमति है और सुप्रीम कोर्ट भी इसे मान्यता देता है.
उन्होंने आगे लिखा है कि ये अभूतपूर्व है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया है कि इस मामले पर आयोग के सभी सदस्यों की आपात बैठक बुलाई गई थी और इस पर विचार किया है आयोग इस बात पर तो चिंतित है ही कि सलमान ख़ुर्शीद के इस क़दम से उत्तर प्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव पर बुरा असर पड़ सकता है.
लेकिन आयोग इससे भी चिंतित हैकि उसके संवैधानिक दायित्वों को कमज़ोर करने का क़दम क़ानून मंत्री की ओर से उठाया जा रहा है,जो चुनावआयोग को मज़बूत करने और उसे बनाए रखने के लिए सीधे तौर पर ज़िम्मेदार हैं आख़िर में राष्ट्रपति को संबोधित इसपत्र में उन्होंने लिखा कि चुनाव आयोग इसे ज़रूरी मानता है कि वो इस मामले में आपके दखल की मांग करे और वो इस स्थिति को टाल नहीं सकता.

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