सलमान ख़ुर्शीद के बयान पर नया विवाद ?
क़ानून मंत्री सलमान ख़ुर्शीद और चुनाव आयोग के बीच बयानबाज़ी और विवादों का सिलसिला खत्म होता नज़र नहीं आ रहा है.
आरक्षण की तय सीमा के अंतर्गत मुसलमानों को अधिक आरक्षण देने संबंधी बयान के बाद अब चुनाव आयोग ने सलमान ख़ुर्शीद के उस बयान पर आपत्ति जताई है जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग का प्रशासनिक नियंत्रण उनके मंत्रालय यानी क़ानून मंत्रालय के अधीन है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक ख़ुर्शीद के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए चुनाव आयुक्त एसवाई क़ुरैशी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है और शिकायत दर्ज की है चुनाव आयुक्त का कहना है कि ख़ुर्शीद ने संवैधानिक ईकाई के रुप में चुनाव आयोग के प्राधिकार को कम कर आंकने की कोशिश की है.
हाल ही में एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में सलमान ख़ुर्शीद ने कहा था कि चुनाव आयोग पर क़ानून मंत्रालय का इस हद तक नियंत्रण है कि चुनाव आयुक्तों की यात्रा संबंधी दस्तावेज़ों पर भी उनके मंत्रालय के हस्ताक्षर होते हैं.
सलमान ख़ुर्शीद असल में लोकपाल विधेयक में सीबीआई को सरकार के नियंत्रण में रखने पर टीम अन्ना की आपत्ति का जवाब दे रहे है. उन्होंने कहा कि सीबीआई पर सरकार का नियंत्रण सही है क्योंकि 'हर संस्थान पर किसी न किसी तरह का नियंत्रण होता है.'
कारण बताओ नोटिस
हालांकि क़ुरैशी ने इस बात से इनकार किया कि ये विवाद उनके और सलमान ख़ुर्शीद के बीच निजी बहस का रुप ले रहे हैं. उन्होंने कहा, ''ये एक बेवकूफ़ी भरा आकलन है कि इस विवाद ने निजी रुप ले लिया है. हम अच्छे दोस्त हैं और ये संस्थागत मुद्दा है.''
इससे पहले चुनाव आयोग ने ख़ुर्शीद के आरक्षण संबंधी बयान पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की दलील देते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था फ़र्रुख़ाबाद में एक रैली के दौरान सलमान ख़ुर्शीद ने घोषणा की थी कि अगर कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सत्ता में आती है, तो पिछड़े मुसलमानों को नौ फ़ीसदी आरक्षण दिया जाएगा.
हालांकि सलमान ख़ुर्शीद ने कहा है उन्हें इस बयान पर कोई पछतावा नहीं है चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में ख़ुर्शीद ने वर्ष 2009 में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि पार्टी पहले ही मतदाताओं से ये वादा कर चुकी है.
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