Tuesday, 13 March 2012

अखिलेश को 'अखिलेश दादा' के नाम से पुकारती हैं-डिंपल

यूपी के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (38) के सार्वजनिक जीवन के बारे में हम और आप अब तक काफी कुछ जान चुके हैं, लेकिन उनकी निजी जिंदगी के पहलू फिलहाल हमारी जानकारी में नहीं हैं, आज हम उससे आपको रु-ब-रु करवा रहे हैं.
कब हुआ प्यार और कब हुई शादी- बात 90 के दशक के आखिरी दौर की है, जब अखिलेश यादव को प्यार हो गया उस वक्त वह 25 के हुआ करते थे और फुटबॉल के दीवाने थे अखिलेश ऑस्ट्रेलिया से पढ़ाई पूरी करके वापस ही आए थे और उन्हें जिससे प्यार हुआ था, वह उत्तराखंड के पहाड़ों की रहने वाली 21 वर्षीय लड़की थी, घुड़सवारी का शौक रखने वाली और बेहद प्रतिभावान पेंटर डिंपल और मेटालिका (हार्ड रॉक) सुनना पसंद करने वाले अखिलेश दोनों के बीच रोमांस चला और फिर नवंबर 1999 में अखिलेश और डिंपल की शादी हो गई.
परिवार और बच्चे- अखिलेश और डिंपल की शादी हुए करीब 12 बरस हो चुके हैं आज दोनों के तीन बच्चे हैं - अदिति, टीना और अर्जुन करीब से जानने वाले कहते हैं कि दोनों में लगाव बरकरार है बीते 6 महीने अखिलेश चुनाव प्रचार में व्यस्त रहे वह और डिंपल देर रात अचानक कॉफी शॉप जाने के शौकीन हैं, लेकिन चुनावी व्यस्तता के चलते पिछले कुछ वक्त से वे ऐसा नहीं कर सके इस दरम्यान वे परिवार के साथ छुट्टियां बिताने विदेश भी नहीं जा सके.
यादव खानदान की बहू- डिंपल अब 33 बरस की हो चुकी हैं और राममनोहर लोहिया जैसे समाजवादी के आदर्शों पर चलने वाले यादव खानदान में रच-बस चुकी हैं वह अखिलेश को 'अखिलेश दादा' के नाम से पुकारती हैं, एडी उसका शॉर्ट फॉर्म है वह एडी पर से अपना कंट्रोल खत्म करना और राज्य की फर्स्ट लेडी का रोल अदा करना भी सीख रही हैं अब जबकि अखिलेश सीएम बनने वाले हैं, तो डिंपल इस बात को लेकर परेशान हैं कि वह परिवार को कितना वक्त दे पाएंगे ? परिवार के एक करीबी सूत्र का कहना है कि उनके रिश्ते की मजबूती को जानते हुए यह सिर्फ कुछ वक्त की बात होगी, जब चीजें दोबारा अपनी जगह पर आ जाएंगी.
डिंपल का बैकग्राउंड- डिंपल रिटायर्ड आर्मी कर्नल एस. सी. रावत की बेटी हैं डिंपल की दो बहने हैं वह अपने परिवार के साथ कई शहरों में रहीं पुणे में उनकी पैदाइश हुई वह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, बठिंडा, बरेली और लखनऊ जैसे शहरों में रहीं उस दौरान उनमें घुड़सवारी का जुनून पैदा हुआ ग्रैजुएशन खत्म करने के बाद वह किसी बड़ी कंपनी को जॉइन करने की उम्मीद कर रही थीं, लेकिन उनकी मंजिल तो कहीं और थी.

No comments:

Post a Comment

अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !

सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...