सांसद जगदंबिका पाल ने भी 27 मार्च को ही विशेषाधिकार हनन नोटिस भेजा था जिसे केजरीवाल को भेजा गया था, इससे पहले रामकृपाल यादव और राजनीति प्रसाद और सज्जन सिंह वर्मा ने भी नोटिस भेजा था.
सांसद जगदंबिका पाल ने भी थोपा विशेषाधिकार हनन नोटिस
संसद का अपमान करने के मामले में टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह ने उन्हें कानूनी नोटिस तो सांसद जगदंबिका पाल ने विशेषाधिकार हनन नोटिस थमाया है, केजरीवाल ने कहा है कि वे किसी से माफी नहीं मांगेंगे, एक हफ्ते के अंदर नोटिसों का जवाब दे दिया जाएगा.
सांसद जगदंबिका पाल ने भी थोपा विशेषाधिकार हनन नोटिस
संसद का अपमान करने के मामले में टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह ने उन्हें कानूनी नोटिस तो सांसद जगदंबिका पाल ने विशेषाधिकार हनन नोटिस थमाया है, केजरीवाल ने कहा है कि वे किसी से माफी नहीं मांगेंगे, एक हफ्ते के अंदर नोटिसों का जवाब दे दिया जाएगा.
केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर 25 मार्च को कहा था कि 14 केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि संसद में 162 सांसद दागी हैं, इन 14 मंत्रियों में शामिल केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री वीरभद्र सिंह ने 27 मार्च को केजरीवाल को पत्र भेजा था, उनसे कहा था कि वे उनके खिलाफ दिए बयान के लिए बिना शर्त माफी मांगे या कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। जगदंबिका पाल ने भी 27 मार्च को ही विशेषाधिकार हनन नोटिस भेजा था.
जिसे लोकसभा सचिवालय ने केजरीवाल को भेजा था, पाल से पहले राज्यसभा सदस्यों रामकृपाल यादव और राजनीति प्रसाद (दोनों राजद) और लोकसभा सदस्य सज्जन सिंह वर्मा ने भी केजरीवाल के बयान पर आपत्ति जताते हुए विशेषाधिकार हनन नोटिस भेजा था, इससे पहले केजरीवाल ने विशेषाधिकार हनन नोटिस के जवाब में लिखा कि उन्होंने संसद का अपमान नहीं किया बल्कि संसद में बैठे कुछ लोग ही संसद का अपमान कर रहे हैं.
यह है वीरभद्र की आपत्ति - केंद्रीय मंत्री वीरभद्र ने केजरीवाल को भेजे पत्र में कहा कि उनकी जानकारी अधूरी और गलत है, आईएएस अधिकारी से रिश्वत मांगने की उनकी फिल्म बकवास है, उन्होंने कहा, मैं आपको चेतावनी देता हूं कि मेरे खिलाफ कार्रवाई की मांग करने से पहले इस तरह की कोई फिल्म पेश करें, हिमाचल की भाजपा सरकार ऑडियो सीडी के आधार पर 2008 में एफआईआर दर्ज कर चुकी है.
मामला अदालत में है, आरोप तय नहीं हुए हैं, इस मामले में टिप्पणी करना न केवल जल्दबाजी है बल्कि पूर्वाग्रह भी है। वे ऑडियो सीडी जारी करने वाले प्रदेश के पूर्व कांग्रेस मंत्री विजय सिंह मनकोटिया के खिलाफ मानहानि का दावा कर चुके हैं.
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