Wednesday, 30 May 2012

गले तक मौत ने घेरा, फिर भी बच गई जान ?


PHOTOS: गले तक मौत ने घेरा, फिर भी बच गई जानPHOTOS: गले तक मौत ने घेरा, फिर भी बच गई जानकालवाड़/जाहोता- हरमाड़ा के पास आछोजाई गांव में मंगलवार शाम करीब 5:30 बजे खनन के दौरान पहाड़ी का एक हिस्सा भरभरा कर ढहने से छह मजदूर दब गए, कमल कुमार भी गले तक पत्थरों में दब गया, कई घंटे की मशक्कत के बाद उसे जेसीबी की सहायता से जीवित निकाल लिया गया, तीन अन्य को भी जीवित निकाला
गया, लेकिन इनमें से जेसीबी चालक दुर्गालाल की मौत हो गई, खान में दबे दो अन्य मजदूर  को देर रात तक नहीं निकाला जा सका था, घायल कमल कुमार के अलावा चतरपुरा, आजोछाई निवासी धर्मवीर सिंह दरोगा, रणजीत सिंह की हालत गंभीर है.
मोबाइल पर कहा-मुझे बचा लो- पत्थरों में दबे जेसीबी चालक नांगल जैसा बोहरा निवासी दुर्गालाल उर्फ दुर्गेश ने अपने परिचित को मोबाइल से फोन कर बचाने की गुहार की, इसके बाद उसे देर रात पत्थरों के बीच से निकाल भी लिया गया, लेकिन एसएमएस अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
यह तस्वीर जिंदगी को व्यापक अर्थो में पेश करती है, मसलन- जिस वक्त हम ठान लेते हैं कि डरना नहीं है, पूरे साहस से मुकाबला करना है तो मौत को भी मात दी जा सकती है, खान ढहने के बाद गले तक आ पहुंची मौत से लड़ने में यही हौसला, यही संकल्प दिखाया कमल कुमार ने.

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