नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसले में पिछले 18 साल से हज यात्रा में दी जा रही सब्सिडी अगले दस साल में पूरी तरह समाप्त करने का आदेश दिया है, कोर्ट ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर जाने वाले लोगों को इस तरह की सब्सिडी देना अल्पसंख्यकों को लुभाने के समान है, हज यात्रा के साथ भेजे जाने वाले सद्भावना प्रतिनिधिमंडल को
भी कोर्ट ने सिर्फ दो सदस्यों तक सीमित करने को कहा है, सरकार से 11 हजार यात्रियों के विशेष कोटे का आधार और ब्योरा भी मांगा गया है, जबकि, हज कमेटी से हज यात्रियों के चयन का तरीका पूछा गया है, सरकार के साथ मुस्लिम नेताओं और धर्मगुरुओं ने भी इस फैसले का स्वागत किया है.
न्यायमूर्ति आफताब आलम और रंजना प्रकाश देसाई की पीठ ने मंगलवार को केंद्र सरकार व प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स की याचिकाओं पर अंतरिम आदेश जारी किए न्यायमूर्ति आलम ने कहा, यह अदालत देश के पूरे मुस्लिम समुदाय की तरफ से कुछ कहने का दावा नहीं करती, लेकिन धार्मिक तौर पर क्या गलत है और क्या सही यह तो बता ही सकती है, कोर्ट ने हज सब्सिडी समाप्त करने के पीछे पवित्र कुरान का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि हज व्यक्ति को अपने खर्च पर ही करना चाहिए, कोर्ट ने कहा सब्सिडी समाप्त होने से आगे चलकर ज्यादा से ज्यादा यात्री प्राइवेट टूर ऑपरेटर के जरिये हज करना पसंद करेंगे, सरकार भविष्य में प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स के लिए नीति तय करते समय इसका ध्यान रखे.
सद्भावना प्रतिनिधिमंडल भेजने और उसके सदस्यों की चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया गया है, इस संबंध में सरकार के तर्को को नकारते हुए कोर्ट ने कहा यह बंद होना चाहिए, अगर सरकार हज के मौके पर सऊदी अरब को सद्भावना संदेश भेजना ही चाहती है तो इसके लिए महज नेता और उपनेता भेज सकती है, कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस वर्ष हज यात्रा में 11 हजार सीटों के विशेष कोटे का आधार और ब्योरा पूछा है, इसमें केंद्र सरकार का 3061 का कोटा भी शामिल है जो गणमान्य व्यक्तियों की संस्तुति पर जाता है, हज कमेटी ऑफ इंडिया से भी यात्रियों की चयन प्रक्रिया ली जाने वाली रकम और दी जाने वाली सुविधाओं का ब्योरा मांगा गया है, सरकार और हज कमेटी को इस बाबत दो महीने के भीतर हलफनामा दाखिल करना है, मामले पर अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी.
सुप्रीम कोर्ट से पहले संसद की दो समितियां विदेश मामलों की स्थायी समिति और परिवहन पर्यटन व संस्कृति पर स्थायी समिति भी हज सब्सिडी खत्म करने की सिफारिश कर चुकी हैं, लेकिन, सरकार ने उन पर ध्यान नहीं दिया.
सरकार पिछले चार साल से इसी दिशा में काम कर रही थी, सब्सिडी समाप्त करने के साथ सरकार यह सुनिश्चित करने की दिशा में भी सक्रिय थी कि हज यात्रियों पर बोझ न आए, सलमान खुर्शीद कानून मंत्री.
यह सब्सिडी दस साल में नहीं बल्कि तत्काल प्रभाव से खत्म की जानी चाहिए, हज सब्सिडी के रूप में हज यात्रियों को नहीं बल्कि एयर इंडिया को 600 करोड़ रुपये की मदद दी जाती है, असदुद्दीन ओवैसी एमआइएम प्रमुख.
हम इस फैसले का स्वागत करते हैं, अगर अन्य धर्मो के लोगों को धार्मिक यात्राओं के लिए सब्सिडी नहीं मिलती तो हमें भी नहीं मिलनी चाहिए, भारत में सभी नागरिक समान हैं, मुकर्रम अहमद फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम...
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