Thursday 10 May 2012

मोदी के लिए नई मुसीबत ?


नई दिल्ली-अहमदाबाद, गुजरात दंगों से जुड़े गुलबर्ग सोसायटी मामले में सोमवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी रिपोर्ट की कॉपी जकिया जाफरी को सौंप दी, इसके साथ सुप्रीम कोर्ट के न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) राजू रामचंद्रन की रिपोर्ट भी उन्हें दी गई है, इसमें कहा गया है कि मोदी पर इस मामले में मुकदमा चल सकता है,
अहमदाबाद के मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने 10 मई तक एसआईटी को रिपोर्ट की कॉपी जकिया को देने का आदेश दिया था.
 रामचंद्रन की रिपोर्ट- मेरी राय में कोई सेवारत पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री पर बिना किसी आधार के ऐसे आरोप नहीं लगाता, भट्ट 27 फरवरी 2002 की मीटिंग में मौजूद नहीं थे इसका कोई सबूत नहीं है, एसआईटी ने सिर्फ वरिष्ठ अधिकारियों पर ही यकीन किया, जबकि पहली नजर में भट्ट के बयान पर अविश्वास करना सही नहीं लगता.
  एसआईटी रिपोर्ट के अध्ययन के बाद आपत्तियों सहित शिकायतकर्ता अदालत में अपना पक्ष रखेंगे, यह रिपोर्ट 22 हजार पन्नों की है, इसके साथ 15 सीडी भी हैं, जांच दल की क्लोजर रिपोर्ट और रामचंद्रन की रिपोर्ट अलग है,
गुजरात में साल के अंत में विधानसभा चुनाव हैं, इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भाजपा और कांग्रेस में राजनीति तेज हो सकती है.
 अपराध प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम के तहत वकील या न्याय मित्र की राय लेने का प्रावधान नहीं है, जांच करना पुलिस का काम है न कि वकील का, आपराधिक मामले कानून की निर्धारित प्रक्रिया के तहत चलाए जाते हैं, किसी की राय के आधार पर नहीं- अरुण जेटली, भाजपा नेता, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष
कोई भी समझदार आदमी इस पर संदेह नहीं कर सकता कि गुजरात के मुख्यमंत्री या भाजपा गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के लिए जिम्मेदार थे, राज्य सरकार जिम्मेदार नहीं थी तो उस वक्त प्रधानमंत्री वाजपेयी ने मोदी को राजधर्म का पालन करने को क्यों कहा था, फैसला लोगों के हाथ में है, हमें उम्मीद है जब वक्त आएगा गुजरात के लोग सही निर्णय करेंगे -मनीष तिवारी, कांग्रेस प्रवक्ता

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